गुजरातः अमित जेठवा हत्याकांड में भाजपा के पूर्व सांसद दीनू सोलंकी को उम्रकैद की सजा
RTI activist Amit Jethwa murder case. आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा हत्याकांड में कोर्ट ने भाजपा के पूर्व सांसद दीनू सोलंकी सहित सात को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
अहमदाबाद, जेएनएन। आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की हत्या के मामले में अहमदाबाद सीबीआई कोर्ट ने वीरवार को भाजपा के पूर्व सांसद दीनू सोलंकी सहित सात अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने दोषियों पर 60 लाख रुपये का भारी जुर्माना भी लगाया है, जिसमें से 11 लाख रुपये मृतक की पत्नी व बच्चों को दिए जाने हैं। गौरतलब है कि आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की 20 जुलाई, 2010 को गुजरात उच्च न्यायालय के बाहर गोली मार दी गई थी।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश के एमदवे ने जेठवा हत्याकांड में दोषी पाए गए पूर्व सांसद दीनू सोलंकी, उसके भतीजे शिवा सोलंकी, शॉर्प शूटर शैलेष पंड्या, शिवा पंचाल, कांस्टेबल बहादुर सिंह वाढेर, संजय चौहाण व उदाजी ठाकोर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दीनू व शिवा पर 15-15 लाख का, शैलेष पंड्या व कांस्टेबल बहादुर सिंह पर 10-10 लाख, शिवा पंचाल पर आठ लाख, संजय चौहाण पर एक लाख तथा उदाजी पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है। इस रकम में से अमित जेटवा की पत्नी को पांच लाख, व उसके दो बच्चों को तीन तीन लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।
जेठवा के पिता बोले, मिला न्याय
अमित जेठवा के पिता भिखू भाई जेठवा ने कहा कि उन्हें आज न्याय मिला है। न्यायतंत्र पर उन्हें पूरा भरोसा था। आज संपूर्ण न्याय मिला ऐसा आभास हो गया। इस फैसले से पूर्ण संतुष्ट हूं।
जानें, क्या है मामला
जूनागढ़ सासण गीर जंगल में करोड़ों के अवैध खनन के विरोध में आरटीआई एक्टिविस्ट व गिर नेचर फाउंडेशन के अध्यक्ष अमित जेठवा कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे। 20 जुलाई, 2010 को हत्या से पहले वे हाईकोर्ट के ठीक सामने सत्यमेव कॉम्प्लेक्स में एक केस के सिलसिले में वकील से मिलने आए थे।
वकील के चेंबर से निकलकर अपनी कार के पास पहुंचने से पहले ही उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में सबसे पहले शॉर्प शूटर शैलेष पंड्रया व उसके साथी को पकडा गया। बाद में छह नवंबर, 2013 में पूर्व सांसद दीनू सोलंकी को भी गिरफ्तार किया गया। दीनू के भतीजे शिवा सोलंकी भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया।
गत शनिवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश के एमदवे ने पूर्व सांसद सोलंकी सहित सात लोगों को दोषी ठहराया था। जेठवा के पिता भीखूभाई जेठवा ने कहा कि उन्हें न्याय मिला है। बेटे की हत्या के बाद उन्हें व गवाहों को धमकी, प्रलोभन आदि दिए गए लेकिन वे न्याय के लिए अडिग रहे। कुछ गवाहों को भी धमकी मिली, जिसके चलते उन्होंने बयान बदल लिए थे। 195 में से अधिकांश ने दबाव व प्रलोभन के चलते बयान बदल लिए थे। अदालत ने कहा है कि बयान बदलने वाले गवाहों पर मुकदमा चलेगा। गवाह रामा हाजा व समीर वोरा अंत तक अपने बयान पर टिके रहे, जिनके आधार पर ही अदालत ने अपना फैसला दिया। अदालत ने बताया है कि बयान बदलवे वाले गवाहों पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।