शंकर सिंह वाघेला फिर हुए सक्रिय, गुजरात को देंगे राजनीतिक विकल्प

शंकर सिंह वाघेला एक बार फिर सक्रिय नजर आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले वे जनता को भाजपा व कांग्रेस का विकल्प देने की बात कर रहे हैं।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Tue, 28 Aug 2018 05:07 PM (IST) Updated:Tue, 28 Aug 2018 05:57 PM (IST)
शंकर सिंह वाघेला फिर हुए सक्रिय, गुजरात को देंगे राजनीतिक विकल्प
शंकर सिंह वाघेला फिर हुए सक्रिय, गुजरात को देंगे राजनीतिक विकल्प

अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। दिग्गज नेता शंकर सिंह वाघेला एक बार फिर सक्रिय नजर आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले वे जनता को भाजपा व कांग्रेस का विकल्प देने की बात कर रहे हैं। राज्यसभा चुनाव के बाद से वाघेला अज्ञातवास में थे, लेकिन आम चुनाव से पहले उनकी सक्रियता नए समीकरण का संकेेत दे रही है। वाघेला के पुत्र व समधी कांग्रेस छोड़ने के बाद भाजपा में शामिल हो चुके हैं।

गुजरात की राजनीति में करीब पांच दशक से भी अधिक समय से धमक रखने वाले 78 वर्षीय वाघेला एक साल से भी अधिक समय से अज्ञातवाश में थे। रमजान के मौके पर उन्होंने अपने निजी आवास वसंत वगडो पर इफ्तार पार्टी का आयोजन किया, जिसमें कांग्रेस नेताओं को भी आमंत्रित किया लेकिन कांग्रेस व भाजपा दोनों ही दलों के नेताओं ने इससे दूरी बना ली थी।

गुजरात की राजनीति में बापू के नाम से चर्चित वाघेला का गत 21 जुलाई को जन्मदिन था। इस दिन वे गुजरात से बाहर होने का बहाना कर किसी तरह का कार्यक्रम करने से दूर रहे जबकि हर साल उनका जन्मदिन निजी आवास पर मनाया जाता है। गत दिनों भरुच में एक श्रद्धांजलि सभा के बहाने बापू ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से एक निजी फार्म हाउस में मुलाकात की। इसके बाद से उनकी कांग्रेस में वापसी की अटकलें भी तेज हो रही है, लेकिन मंगलवार को उन्होंने खुद स्थिति साफ करते हुए कहा कि जनता भाजपा व कांग्रेस दोनों से निराश है। उसे विकल्प की तलाश है और वे विविध दलों के नेताओं से मिलकर इस पर सलाह मशविरा कर रहे हैं।

बापू कहते क्या हैं और करते क्या हैं यह उनके सिवा दूसरा कोई टोह नहीं ले सकता, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले उनकी सक्रियता से राजनीतिक उठा-पटक का दौर जरूर शुरू होने वाला है। गत विधानसभा चुनाव में भी वाघेला ने जनविकल्प मोर्चा के नाम से करीब सवा सौ उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, हालांकि उनमें से एक भी चुनाव नहीं जीत सका और अधिकांश उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई थी।

गौरतलब है कि वाघेला के समधी बलवंत सिंह राजपूत व पुत्र महेंद्र सिंह वाघेला भाजपा में शामिल हो चुके हैं। पुत्र के भाजपा में शामिल होने पर वाघेला ने नाराजगी जताई व राजनीतिक संबंध समाप्ति की धमकी तक दे डाली थी, लेकिन महेंद्र ने बापू की नसीहत को कोई तवज्जो नहीं दी।

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