Gujarat: शंकर सिंह वाघेला बोले, जासूसी कराए जाने से फर्क नहीं पड़ता

Shankar Singh Vaghela गुजरात के वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला ने केंद्र सरकार को चीन से आगाह करते हुए कहा कि चीन की ओर से जासूसी कराए जाने से कोई फर्क नहीं पड़ा है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Tue, 15 Sep 2020 04:11 PM (IST) Updated:Tue, 15 Sep 2020 04:58 PM (IST)
Gujarat: शंकर सिंह वाघेला बोले, जासूसी कराए जाने से फर्क नहीं पड़ता
Gujarat: शंकर सिंह वाघेला बोले, जासूसी कराए जाने से फर्क नहीं पड़ता

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Shankar Singh Vaghela: गुजरात के वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला ने केंद्र सरकार को चीन से आगाह करते हुए कहा है कि चीन की ओर से भारत के हजारों लोगों के साथ उनकी भी जासूसी कराए जाने का मामला उजागर होने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन इससे चीन की विस्‍तावादी मानसिकता सार्वजनिक हो गई है। वाघेला का कहना है कि उन्‍हें उनके मीडिया के मित्रों व शुभचिंतकों से इसकी जानकारी मिली कि देश के कई अहम ओहदों पर बैठे नेता, अधिकारियों के साथ उनकी भी चीन की ओर से जासूसी हो रही है। हम भारतीय हैं। देश हमारे लिए देश पहले है। चीन जो भी करे उसकी फिक्र नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार को इससे सतर्क रहना होगा। वाघेला ने कहा कि उनका पूरा जीवन पारदर्शी है। चीन की इस जासूसी में उनके पास से कुछ भी निकलने वाला नहीं है। वाघेला ने कहा कि हमारे पास ऐसा क्‍या है, हम सरकार में नहीं हैं तथा ऐसे किसी पद पर भी नहीं है, जिससे चीन के कुछ खास बात हाथ लगे।

वाघेला ने कहा कि भारत में इस तरह की हरकत वाकई चिंताजनक है। चीन अपनी इस हरकत से यह जाहिर करना चाह रहा है कि व‍ह विस्‍तारवादी नीति पर आगे बढ़ रहा है। दुनिया की महाशक्ति बनने की इच्‍छा रखने वाले चाइना की सबसे पहली नजर भारत पर है। चीन भारत में घुसपैठ कर लोगों के जरिए जासूसी के जरिए हमारी जानकारी बटोर कर उसका उपयोग करना चाहता है, उसके हाथ कोई खास जानकारी लगे। इसके लिए वह अरुणाचल, लद्दाख, बांग्‍लादेश व भूटान में अपनी नीतियों को उजागर कर रहा है। भारत सरकार को इसकी चिंता करना चाहिए, ताकि चीन के हाथ देश के नेता व अधिकारियों के माध्‍यम से ऐसा कुछ नहीं लग जाए, जिसका उपयोग हमारे ही देश के खिलाफ हो सकता हो। केंद्र सरकार को आंख में आंख डालकर चीन को जवाब देना चाहिए। देश के कुछ अधिकारियों की जासूरी हो रही है तो क्‍यों हो रही है। उनसे चीन क्‍या जानकारी हासिल करना चाहता है। इसका पता किया जाए। साथ ही, चीन की इस हरकत का करारा जवाब दिया जाना चाहिए। 

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