सूरत के ढोकला विक्रेता ने फेंके गए मांझे के बदले की खमण की पेशकश, PETA ने किया पुरस्कृत

पेटा इंडिया ने गुजरात के सूरत में खमण ढोकला बेचने वाले एक विक्रेता को अपने पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया है। 14 जनवरी को मनाए जाने वाले उत्तरायण उत्सव के बाद 1 किलो फेंके गए मांझे के बदले में 1 किलो खमन की पेशकश की थी।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Wed, 26 Jan 2022 11:31 AM (IST) Updated:Wed, 26 Jan 2022 11:31 AM (IST)
सूरत के ढोकला विक्रेता ने फेंके गए मांझे के बदले की खमण की पेशकश, PETA ने किया पुरस्कृत
सूरत के एक ढोकला ( गुजराती नाश्ता) विक्रेता को पेटा इंडिया की ओर से सम्‍मानित किया गया

सूरत, पीटीआइ। गुजरात के सूरत के एक ढोकला ( गुजराती नाश्ता) विक्रेता को पेटा इंडिया (PETA India) की ओर से लोगों को मांजा या नायलॉन के तार का उपयोग करने से रोकने की पहल के लिए एक पुरस्कृत किया गया है। उनकी इस पहल से अब तक कई पक्षियों की जान बच गई है।

पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा इंडिया) ने एक विज्ञप्ति में कहा कि चेतन पटेल ने 14 जनवरी को मनाए जाने वाले उत्तरायण उत्सव के बाद एक किलो फेंके गए मांझे के बदले में एक किलो खमन की पेशकश की थी। इसी पर सूरत शहर के वेसु क्षेत्र में जय गोपीनाथ खमन और लोचो के मालिक पटेल को प्रमाण पत्र के रूप में "हीरो टू एनिमल्स अवार्ड" से नवाजा गया है।

पेटा इंडिया एडवोकेसी एसोसिएट फरहत उल ऐन ने कहा, "कई इंसान और हजारों पक्षी aहर साल मांझे से कटने या उस में फंसने के बाद घायल हो मारे जाते हैं, ये मांझा पतंग उड़ाते समय पेड़ों, बिजली लाइनों या इमारतों में फंसा रह जाता है।" पेटा इंडिया ने कहा सूरत के खमन विक्रेता पटेल की दयालुता ने सभी के लिए करुणा की एकमिसाल कायम की है।

मांझे की वजह से बहुत से पक्षियों के पंख और पैर कट जाते हैं। बचाव संगठनों की रिपोर्ट के अनुसार पतंगबाजी के लंबे समय बाद उन्हें घायल पक्षियों के बारे में इमरजेंसी काल आती रहती हैं और कभी-कभी तो इतनी देर हो जाती है कि पक्षियों की मौत हो जाती है। पतंग का मांझा केवल पक्षियों के लिए ही घातक नहीं है बल्कि ये हर साल कई मानवीय चोटों और मौतों का कारण भी बनता है।

chat bot
आपका साथी