तैलीय भोजन बढ़ा रहा है गुजरात का वजन, एक दिन में सात लोगों की बैरियाटिक सजर्री से छिड़ी बहस

अहमदाबाद में एक दिन में सात और महीनेभर में 11 लोगों की बैरियाटिक सर्जरी हुई। इसके बाद से मोटापे की स्थिति को लेकर चर्चा चल पड़ी है। राज्यसभा सदस्य एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री नरहरि अमीन भी सर्जरी करा चुके हैं। देश और दुनिया में बढ़ते मोटापे की स्थिति पर एक नजर

By Babita KashyapEdited By: Publish:Thu, 01 Apr 2021 10:31 AM (IST) Updated:Thu, 01 Apr 2021 10:44 AM (IST)
तैलीय भोजन बढ़ा रहा है गुजरात का वजन, एक दिन में सात लोगों की बैरियाटिक सजर्री से छिड़ी बहस
अहमदाबाद के गुंडीगरा परिवार के इन सभी सदस्यों की एक ही दिन में बैरियाटिक सजर्री हुई।

अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। गुजरात में तैलीय व तले हुए पदार्थ खाने की आदत के चलते यहां मोटापा अब एक बड़ी बीमारी बनकर उभर रही है। जंक फूड, तैलीय व तला हुआ खाने की वजह से बच्चे भी मोटापे के शिकार हो रहे हैं। फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट देखें तो गुजरात में वर्ष 2015-16 और 2019-2020 के बीच पांच सालों में बच्चों, महिला और पुरुषों में बढ़ते मोटापे के आंकड़ों में बहुत ज्यादा अंतर भले ही नहीं आया हो, लेकिन यह सामान्य औसत से ज्यादा है। गुजरात में मोटापा बढ़ने का बड़ा कारण शारीरिक श्रम का अभाव है। यहां आनुवंशिक कारण भी बड़े पैमाने पर सामने आ रहे हैं।

 गुजरात में लोगों की भोजन पद्धति और रहन-सहन के कारण ही मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है। योग, प्राणायाम या खेल की आदत डालें।

डॉ महेंद्र नरवारिया, बैरियाटिक सर्जन

कुछ भी खाने की आदत शरीर के पाचन तंत्र को खराब करती है। मोटापे के कारण शरीर में उच्च रक्तचाप, किडनी, लीवर,अपच, तनाव घुटनों की दर्द जैसी कई बीमारियां घर कर जाती है।

-गुजरात के साथ-साथ केरल में भी देश के अन्य राज्यों के मुकाबले मोटापे के सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं। वहां मोटापा 218 फीसद तक बढ़ा है।  121.6  फीसदी मोटापा महिलाओं में बढ़ा 135 प्रतिशत मोटापा बढ़ा है 1960 से 2016 के बीच गुजरात में। 149 फीसद पुरूषों में बढ़ा है मोटापा  20  प्रतिशत फीसद गुजराती मोटापे के शिकार हैं अहमदाबाद को डायबिटीज की राजधानी भी कहा जाता है कोरोना से मरने वालों में मोटापे और मधुमेह के मरीज ज्यादा 4500 लोगों की मौत हुई कोरोना के दौरान। अकेले अहमदाबाद में ही आंकड़ा 2350 है

 मोटापे के शिकार होते लोग

सिर्फ गुजरात ही नहीं बल्कि देश-दुनिया में भी मोटापा एक बड़ी बीमारी और परेशानी बनकर उभर रहा है। दुनिया में 18 साल से अधिक उम्र के 1.9 बिलियन से ज्यादा लोग मोटापे के शिकार हैं। दुनिया में मोटापे के बढ़ते आंकड़ों पर नजर:

 पांच साल से कम उम्र के बच्चों में मोटापा

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रलय ने वर्ष 2019-20 में आयोजित राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के अनुसार 22 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में मोटापे में भारी वृद्धि देखी गई है। सबसे ज्यादा मोटापा लद्दाख (13.4 फीसद), लक्षद्वीप (10.5 फीसद), मिजोरम (10 फीसद), जम्मू और कश्मीर (9.6 फीसद) और सिक्किम (9.6 फीसद) में है। कर्नाटक में सबसे अधिक 6.8 प्रतिशत अंक की वृद्धि हुई है, और मोटे पुरुषों की हिस्सेदारी में जम्मू और कश्मीर में 11.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मोटे पुरुषों की हिस्सेदारी में जम्मू और कश्मीर में 11.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

 महिला-पुरुषों में नहीं है ज्यादा अंतर

-सेंटर फॉर डीजीस कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) द्वारा आंकड़ों के अनुसार मोटापा पुरुषों और महिलाओं में मोटापे का पैर्टन एक समान है।

 -60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में मोटापे की व्यापकता पुरुषों और महिलाओं के बीच कुल मिलाकर या आयु वर्ग के बीच काफी भिन्न नहीं थी।

 दुनिया में उम्र के हिसाब से मोटे लोगों का प्रतिशत

सभी आयु समूहों में मोटापा समान रूप से नहीं होता है। सीडीसी के अनुसार 40-59 वर्ष की उम्र में लोग मोटापे से ज्यादा शिकार होते हैं।

 भारत: दस साल में दो गुना हो गया आंकड़ा

भारत में दस साल में दोगुना हो गया। विशेषज्ञों का मानना है कि मोटापा विभिन्न प्रकार की मधुमेह के विकास का प्रमुख कारण है। इससे टाइप-2 डायबिटीज विकसित होने का खतरा 80-85 प्रतिशत तक रहता है।

 ऐसा रहेगा 2040 तक का अनुमान

भारत, हाल के दशकों में अधिक वजन और मोटापे का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। यह आने वाले समय में और तेजी से बढ़ेगा, जिससे मोटापे से होने वाली बीमारियों की आशंका बढ़ गई है।

 अनुमान : 2010 से 2040 के बीच 20 से 69 साल की उम्र के भारतीयों में मोटापे के शिकार लोगों की संख्या दुोगुना से अधिक होगी, जबकि मोटापे का प्रसार तिगुना हो जाएगा। इसमें पुरुषों की हिस्सेदारी 30.5 फीसद और महिलाओं की हिस्सेदारी 27.5 फीसद होगी।  10 प्रतिशत आबादी बिहार, मध्य प्रदेश, मेघालय, त्रिपुरा और बंगाल में 10  30 प्रतिशत आबादी मोटापे की श्रेणाी में आती है आंध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार, पुडुचेरी और सिक्किम में।  

 

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