Black Fungus: गुजरात में काली फंगस के मरीजों के लिए अस्पतालों में विशेष वार्ड

Black Fungus काली फंगस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए गुजरात सरकार ने अस्पतालों में विशेष वार्ड स्थापित करने शुरू कर दिए हैं। साथ ही सरकार ने इन मरीजों के इलाज में काम आने वाले इंजेक्शन की पांच हजार वायल की खरीद कर रही है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 06:22 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 06:22 PM (IST)
Black Fungus: गुजरात में काली फंगस के मरीजों के लिए अस्पतालों में विशेष वार्ड
गुजरात में काली फंगस के मरीजों के लिए अस्पतालों में विशेष वार्ड। फाइल फोटो

अहमदाबाद, प्रेट्र। Black Fungus: कोरोना से उबरे लोगों में म्यूकरमायोसिस रोग यानी काली फंगस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए गुजरात सरकार ने अस्पतालों में विशेष वार्ड स्थापित करने शुरू कर दिए हैं। साथ ही, सरकार ने इन मरीजों के इलाज में काम आने वाले इंजेक्शन की पांच हजार वायल की खरीद कर रही है। गुजरात में अब तक इस बीमारी के सौ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। मरीजों में अंधेपन के अलावा अन्य गंभीर लक्षण पैदा हो रहे हैं। राज्य सरकार के अनुसार फिलहाल अहमदाबाद के जिला अस्पताल में 19 रोगियों का इलाज चल रहा है। इस अस्पताल में 60-60 बेड के दो वार्ड काली फंगस के मरीजों के लिए समर्पित किए गए हैं। इसी तरह वडोदरा, सूरत, राजकोट, भावनगर, जामनगर और कई अन्य जिलों में काली फंगस के मरीजों के लिए इस तरह की व्यवस्था की गई है। यह जानकारी सरकार द्वारा शनिवार को जारी बयान में दी गई।

इस संबंध में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की अध्यक्षता में एक कोर कमेटी की बैठक हुई, जिसमें बीमारी से निपटने के उपायों पर चर्चा की गई। गुजरात के स्वास्थ्य विभाग ने काली फंगस के मरीजों के इलाज के लिए 3.12 करोड़ मूल्य के पांच हजार एंफोटेरिसिन बी 50 एमजी इंजेक्शन खरीदे हैं। पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में भी काली फंगल की चपेट में आकर आठ लोगों के अंधे होने की जानकारी सामने आई है। राज्य सरकार के चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के मुखिया डा.तात्याराव लहाणे ने बताया कि राज्य में इस समय काली फंगस की चपेट में आए कम से कम 200 लोगों का इलाज किया जा रहा है।

किरण अस्पताल में नाक, कान और गला रोग के सर्जन डॉ. भाविन पटेल का कहना है कि कोरोना के उपचार के बाद मधुमेह से पीड़ित रोगियों में म्यूकोर मायकोसिस की शिकायत मिल रही है। यह एक प्रकार की फफूंद जनित संक्रमण है जो काफी तेजी से फैलता है। दो सप्ताह में इसके काफी केस सामने आए हैं। यह काफी खतरनाक है, नाक व साइनस से शुरू होकर आंख व दिमाग तक चला जाता है। नाक व इसके आसपास दर्द हो, नाक बहने लगे अथवा खून का रिसाव हो तो इसकी तुरंत जांच करानी चाहिए। इसका संक्रमण होने पर आंख में धीरे धीरे गंदगी जमने लगती है। इससे बचने के लिए मास्क पहनें, नाक व आंख में अंगूली नहीं करें। गर्म पानी पीते रहें तथा आंख व नाक को स्वच्छ रखें। उनके के मुताबिक सिर में असहनीय दर्द, आंख लाल होने, आंख में तेज दर्द, आंख से पानी गिरने, खून आने इत्यादि पर तुरंत उपचार जरूरी है।

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