अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश करने से पहले ही बर्फबारी में फंसा गुजराती परिवार, चार की मौत

अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश करने से पहले ही गुजराती परिवार के चार सदस्‍यों की मौत हो गई। ये लोग कनाडा से आ रहे थे। अमेरिका कनाडा तथा भारत तीन देश की जांच एजेंसी है इस घटना की जांच कर रही है

By Babita KashyapEdited By: Publish:Mon, 24 Jan 2022 11:30 AM (IST) Updated:Mon, 24 Jan 2022 11:30 AM (IST)
अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश करने से पहले ही बर्फबारी में फंसा गुजराती परिवार, चार की मौत
कनाडा से अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश करने से पहले ही एक गुजराती परिवार की मौत

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। कनाडा से अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश करने से पहले ही एक गुजराती परिवार के चार सदस्य बर्फबारी में फंसकर काल की भेंट चढ़ गए। अमेरिका, कनाडा तथा भारत तीन देश की जांच एजेंसी है इस घटना की जांच कर रही है भारत में जांच एजेंसी ने इस परिवार को अवैध तरीके से भेजने के मामले की भी जांच शुरू कर दी है।

गुजरात के गांधीनगर के कलोल तालुका के नवा डींगुचा गांव के जगदीश पटेल 35, अपनी पत्नी वैशाली 33, पुत्री विहांगी 13, तथा पुत्र धार्मिक 3 वर्ष के साथ करीब 10 दिन पहले ही विजिटर वीजा पर कनाडा गए थे। 2 दिन पहले यह खबर आई की कनाडा से अमेरिका में गैर कानूनी प्रवेश करते समय यह परिवार बर्फबारी में फंस गया तथा वहां का तापमान माइनस 35 डिग्री होने के कारण उनकी मौत हो गई।

गुजरात की पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने जताया दुख

अमेरिकी सीमा से चंद कदम पहले ही यह परिवार इस हादसे का शिकार हो गया। कलोल के नवा डींगुचा गांव में इस घटना के बाद से मातम पसरा है। परिजन जांच एजेंसी के संपर्क में है। अमेरिकी अधिकारियों ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि कनाडा तथा भारतीय पुलिस के साथ मिलकर भी इस मामले की जांच कर रहे हैं। गुजरात की पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने भी इस घटना पर दुख जताते हुए कहा कि उज्ज्‍वल भविष्य के लिए दशकों से गुजराती समुदाय अमेरिका व अन्य देशों में जाता रहा है। नितिन पटेल ने कहा कि गुजरात में भी रोजगार की काफी संभावनाएं हैं लेकिन इसके बावजूद गुजराती अपने साहस व व्यापार के लिए देश में दुनिया में मशहूर है।

विदेशों में बसना पसंद करते हैं गुजराती

अपनी मेहनत तथा योग्यता से गुजराती अपने सपने पूरे करने के लिए विदेशों में बसना पसंद करते हैं और यह पिछले कई दशकों से होता आया है। लोग कर्ज लेकर भी विदेश जाकर व्यापार व नौकरी करना पसंद करते हैं।उधर मृतक जगदीश पटेल की पिता बलदेव भाई पटेल अहमदाबाद पहुंच कर कुछ अधिकारियों से मुलाकात कर घटना के बारे में बातचीत की है। उनके चचेरे भाई जसवंत का कहना है कि जगदीश अपने परिवार के साथ 10 दिन पहले ही विजिटर वीजा फार कनाडा गए थे। 4 दिन से उनका कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था इसी बीच खबर आएगी 4 सदस्यों का एक परिवार अमेरिका कनाडा सीमा पर बर्फबारी में फंस गया तथा उनकी मौत हो गई है।

अवैध घुसपैठ करने वालों पर सख्ती

अमेरिकी सरकार देश में अवैध घुसपैठ करने वालों पर लगातार सख्ती बरत रही है मैक्सिको बार्डर पर कड़ी चौकसी के कारण अब लोग कनाडा के जंगलों से तथा क्यूबा के पास से अमेरिका में अवैध प्रवेश करने का प्रयास करते हैं। यह परिवार भी कनाडा के जंगल से होते हुए अमेरिका में प्रवेश करने के प्रयास में हादसे का शिकार हो गया। इस घटना के बाद से गांधीनगर जिले के नवा डींगुचा गांव में शोक का माहौल है परिजनों ने विदेश मंत्रालय को ई-मेल के जरिए संपर्क कर घटना की जानकारी मांगी है। उधर गुजरात पुलिस ने इस परिवार को विदेश भेजने वाले एजेंट की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस का मानना है कि मध्य गुजरात अथवा मुंबई के किसी एजेंट के जरिए यह परिवार विजिटर विजा पर कनाडा पहुंचा है  जहां से उसे अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश कराया जाना था। अमेरिका कनाडा तथा भारतीय पुलिस इस घटना की जांच कर रहे हैं उधर गुजरात के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने घटना को दुखद बताते हुए परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है। दरअसल कनाडा मेक्सिको व क्यूबा के इलाके से अवैध तरीके से जंगल नदियां व पहाड़ी इलाके को पार करके यह लोग अमेरिका में प्रवेश करते ही अमेरिकी पुलिस के हत्थे चढ़ जाते हैं। कानूनी प्रक्रिया के तहत उन्हें गिरफ्तार कर बोर्ड पर छोड़ दिया जाता है जिसके बाद वे आसानी से अमेरिका में रहकर नौकरी में काम धंधा करते रहते हैं।

गुजरात पुलिस ने बताया मानव तस्‍करी का मामला

गुजरात और मुंबई में गैरकानूनी इमीग्रेशन का एक लंबा रैकेट है। गुजरात पुलिस इस घटना को मानव तस्करी बताते हुए इसके रैकेट का पर्दाफाश करने में जुटी है। अमेरिका में बसे गुजराती पत्रकार धवल पटेल बताते हैं कि ऐसा बरसों से हो रहा है लोग अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश कर अपना व्यापार करने में जुट जाते हैं भविष्य उज्ज्‍वल बनाने के लिए वह ऐसे संकट का सामना करने से बाज नहीं आते हैं और हाल ही हादसे का शिकार हुआ गुजराती परिवार भी इसी प्रक्रिया में मानसिकता से गुजरा होगा।

पत्रकार जबल पटेल बताते हैं कि एक व्यक्ति को इस तरीके से अमेरिका पहुंचने में 80 लाख से एक करोड़ रुपए का खर्च होता है। अमेरिका में अवैध घुसपैठ के मामले बहुत बढ़ गए हैं तथा केस पूरा होते-होते 20 से 25 साल लग जाते हैं। यहां के कानून के अनुसार व्यक्ति आपराधिक गतिविधि में लिप्त नहीं हो तो उसे वहां पर टैक्सी चलाने व काम धंधा करने की छूट मिल जाती है जिससे वह इन सालों में अपनी जिंदगी वैभव पूर्वक जीने जितनी कमाई कर लेता है।

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