Gujarat Coronavirus: कोरोना संक्रमण को लेकर गुजरात HC ने राज्‍य सरकार की जमकर लगायी फटकार

Gujarat Coronavirus गुजरात में कोरोना संक्रमण भयावह रूप लेता जा रहा है जिसे लेकर उच्च न्यायालय (Gujarat High court) ने राज्‍य सरकार की जमकर फटकार लगाई और कहा सरकार ने उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन किया ही नहीं।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 12:58 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 12:58 PM (IST)
Gujarat Coronavirus: कोरोना संक्रमण को लेकर गुजरात HC ने  राज्‍य सरकार की जमकर लगायी फटकार
गुजरात उच्च न्यायालय ने कोरोना की स्थिति को लेकर सरकार को आड़े हाथ लिया

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात उच्च न्यायालय ने कोरोना की स्थिति को लेकर एक बार फिर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि विदेश में कोरोना की सुनामी है सरकार इस बात को मानने को तैयार नहीं है। आणंद व डांग में आरटी पीसीआर की व्यवस्था नहीं सरकार अगर अपने संसाधनों का पर्याप्त उपयोग करती तो आज यह स्थिति नहीं होती। सरकार ने उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन किया ही नहीं। 

रेमडेसीविर इंजेक्शन कहां से आ रहे कैसे वितरण हो रहा है इसकी कोई जानकारी सरकार को नहीं है। क्या यह इंजेक्शन अमृत बूटी और इससे कोई साइड इफेक्ट नहीं हो रहे हैं, अगर हां तो सरकार ने एक सार्वजनिक पत्र जारी करके जनता को इससे जागरूक क्यों नहीं किया। महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी अदालत को बताया कि सरकार ने जनहित याचिका लगाए जाने से पहले से ही अहमदाबाद में ड्राइव टू आरटी पीसीआर की व्यवस्था शुरू कर दी थी पिछले 24 घंटे में दो हजार टेस्ट किए तथा नियत समय में सबको रिपोर्ट सौंप दी गई। इस पर मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ एवं न्यायाधीश बी डी कारिया की खंडपीठ ने कहा कि यहां हम पूरे प्रदेश की बात कर रहे हैं अहमदाबाद के पास आणंद तथा डांग जिलों में आरटी पीसीआर की व्यवस्था नहीं है। 

ऑक्सीजन का उपयोग हेल्थ केयर में

महाधिवक्ता त्रिवेदी ने कहा कि इंजेक्शन की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार से यह आग्रह किया गया था कि इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगाएं उनके आग्रह को मानते हुए सरकार ने निर्यात पर रोक लगा दी है। उच्च न्यायालय के स्वत संज्ञान लिए जाने के बाद राज्य सरकार ने कोरोना के प्रबंधन के लिए जो जो कदम उठाया कमल त्रिवेदी ने सिलसिलेवार तरीके से अदालत के समक्ष पेश किए। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना कोरोनावायरस काबू पाने के लिए अपनी तरफ से पूरे प्रयास किए। प्राइवेट लेब को भी स्टाफ बढ़ाकर अधिक से अधिक टेस्ट करने की बात कही है। गुजरात में ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता 11 सौ मेट्रिक टाइम है उसमें से 80 फ़ीसदी औद्योगिक उत्पादन में उपयोग किया गया, सरकार प्रयास करेगी कि अब सो फ़ीसदी ऑक्सीजन का उपयोग हेल्थ केयर में किया जाए। गौरतलब है कि अहमदाबाद मेडिकल एसोसिएशन की पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर मोना देसाई मुख्यमंत्री विजय रुपाणी को पत्र लिखकर मांग की थी की प्रदेश में उत्पादित ऑक्सीजन का 100 फ़ीसदी उपयोग हेल्थ केयर में किया जाना चाहिए इसके औद्योगिक उपयोग को फिलहाल बंद कर देना चाहिए।

5000 इंजेक्शन का स्टॉक कैसे और कहां से आया

विधानसभा में नेता विपक्ष परेश धनाणी ने गुजरात उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल कर सवाल उठाया है कि भाजपा अध्यक्ष के पास 5000 इंजेक्शन का स्टॉक कैसे और कहां से आया, यह जानना बहुत जरूरी है। अपने वकील के माध्यम से दायर इस याचिका में धनाणी ने बताया है कि केंद्र सरकार तथा फूड एंड ड्रग्स विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक लाइसेंस धारक फार्मेसी कंपनी अथवा डॉक्टर ही कोई मेडिकल प्रोडक्ट का संग्रह कर सकती है अथवा वितरण कर सकती है। भाजपा अध्यक्ष ने रेमडेसीवर इंजेक्शन कहां से खरीदे पता किस फार्मा कंपनी ने उनको यह उपलब्ध कराएं किसकी जांच होना बहुत जरूरी है। गौरतलब है कि गत दिनों सीआर पाटील सूरत भाजपा कार्यालय से 5000 इंजेक्शन के वितरण का ऐलान किया था तथा अब तक करीब दो हजार जरूरतमंदों को इंजेक्शन का वितरण भी किया जा चुका है। पर कांग्रेस को एतराज इस बात पर है कि नियम कानूनों को धता बताकर भाजपा अध्यक्ष कैसे इस तरह टीके का भी राजनीतिकरण कर सकते हैं।

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