गोधरा कांड के बाद हुई सांप्रदायिक हिंसा के 28 अभियुक्त बरी

गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच को जलाए जाने की घटना के एक दिन बाद 28 फरवरी, 2002 को गांधीनगर जिले में

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Publish:Sat, 04 Feb 2017 02:12 AM (IST) Updated:Sat, 04 Feb 2017 02:16 AM (IST)
गोधरा कांड के बाद हुई सांप्रदायिक हिंसा के 28 अभियुक्त बरी
गोधरा कांड के बाद हुई सांप्रदायिक हिंसा के 28 अभियुक्त बरी

अहमदाबाद। गोधरा कांड के बाद हुई सांप्रदायिक हिंसा के सभी 28 अभियुक्तों को गांधीनगर की अदालत ने ठोस सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। इनमें कलोल नागरिक सहकारी बैंक के चेयरमैन गोविंद पटेल भी शामिल हैं। सभी अभियुक्त लंबे समय से जमानत पर हैं।

गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच को जलाए जाने की घटना के एक दिन बाद 28 फरवरी, 2002 को गांधीनगर जिले में कलोल तालुका के पलियाद गांव में आगजनी, दंगे और अल्पसंख्यक समुदाय की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए 28 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था।

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इसके अलावा उन्हें पलियाद की एक दरगाह के कुछ हिस्से को नुकसान पहुंचाने का भी अभियुक्त बनाया गया था। पुलिस प्राथमिकी के मुताबिक, इस दरगाह पर गांव के करीब 250 लोगों ने हमला बोला था और भीड़ में ये 28 अभियुक्त भी शामिल थे।

फैसला सुनाते हुए कलोल के अतिरिक्त जिला जज बीडी पटेल ने कहा कि अभियुक्तों के खिलाफ पर्याप्त सुबूत नहीं हैं। घटना के गवाह भी यह कहते हुए मुकर गए हैं कि भीड़ का हिस्सा रहे अभियुक्तों की पहचान कर पाने में वे असमर्थ हैं।

गवाहों ने अदालत को बताया कि अब उनका किसी के साथ बैर नहीं है क्योंकि अभियुक्तों के साथ पहले ही उनका समझौता हो गया है। पिछली सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील भावेश रावल ने भी अदालत को सूचित किया था कि अभियुक्तों ने समझौता फार्मूला के तहत अल्पसंख्यक समुदाय को हुए नुकसान की भरपाई कर दी है।

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