Gujarat: दिल्ली में हिंसा करने वालों की पहचान के लिए गांधीनगर यूनिवर्सिटी के साइबर विशेषज्ञ करेंगे मदद

Gujarat दिल्ली में हिंसा करने वालों की पहचान के लिए दिल्ली पुलिस अब गांधीनगर की नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के साइबर विशेषज्ञों की मदद लेगी। छह विशेषज्ञों की एक टीम दिल्ली रवाना हो चुकी है। फोटो व सीसीटीवी फुटेज देखकर हिंसा के आरोपितों की पहचान सुनिश्चित की जाएगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 31 Jan 2021 08:54 PM (IST) Updated:Sun, 31 Jan 2021 08:54 PM (IST)
Gujarat: दिल्ली में हिंसा करने वालों की पहचान के लिए गांधीनगर यूनिवर्सिटी के साइबर विशेषज्ञ करेंगे मदद
दिल्ली में हिंसा करने वालों की पहचान के लिए गांधीनगर यूनिवर्सिटी के साइबर विशेषज्ञ करेंगे मदद। फाइल फोटो

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Gujarat: गणतंत्र दिवस पर लालकिला पर हंगामा करने वाले उपद्रवियों व दिल्ली में हिंसा करने वालों की पहचान के लिए दिल्ली पुलिस अब गांधीनगर की नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के साइबर विशेषज्ञों की मदद लेगी। छह विशेषज्ञों की एक टीम दिल्ली रवाना हो चुकी है। दिल्ली पुलिस की ओर से जुटाए गए फोटो व सीसीटीवी फुटेज देखकर हिंसा के आरोपितों की पहचान सुनिश्चित की जाएगी। नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के उपकुलपति डॉ जेएम व्यास ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के विविध इलाकों में हुई हिंसा तथा लालकिला पर हंगामा करने वाले उपद्रवियों की पहचान के लिए फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के साइबर एक्सपर्ट की मदद मांगी गई है।

यूनिवर्सिटी के छह साइबर एक्पर्ट तथा सीसीटीवी इमेज एनालिसिस एक्सपर्ट शनिवार को ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। साइबर एक्सपर्ट दिग्विजय सिंह राठौड के नेतृत्व में दिल्ली पहुंची यह टीम लालकिला पर हुए हंगामे व हिंसा की फोटो व सीसीटीवी फुटेज को देखकर आरोपितों की पहचान करेगी। दिल्ली पुलिस अब तक लालकिला पर हुए हंगामे तथा विविध स्थलों पर हिंसा से जुड़े करीब 1700 फोटो व सीसीटीवी फुटेज जुटाए हैं, जिनको देखकर साइबर एक्सपर्ट व इमेज एनालिसिस एक्सपर्ट आरोपितों की पहचान करेंगे। सीसीटीवी फुटेज के ऑडियो साफ नहीं होने के कारण भी दिल्ली पुलिस को जांच में परेशानी आ रही है। उपकुलपति व्यास ने बताया कि एक्सपर्ट वहां मैटेरियल को देखकर यह भी फैसला करेंगे कि क्या इसके लिए और एक्सपर्ट की जरूरत होगी। मैटेरियल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी में लाने की जरूरत हुई तो यहां लाकर भी उनका परीक्षण किया जाएगा।

इस बीच, वडोदरा में कोरोना का टीका लगाने के दो घंटे बाद ही एक सफाई कर्मचारी की मौत से अस्पताल में उसके परिजनों ने हंगामा किया तथा महानगर पालिका पर टीका लगाने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया, उधर वडोदरा कलक्टर शालिनी अग्रवाल तथा पुलिस आयुक्त शमशेर सिंह ने टीका लगवाकर एक उदाहरण प पेश किया। वडोदरा महानगर पालिका के सफाई कर्मचारी जिग्नेश सोलंकी को रविवार को वडोदरा में बतौर कोरोना वॉरियर टीका लगाया गया था। टीका लगवाकर घर पहुंचे जिग्नेश की करीब दो घंटे बाद ही मौत हो गई। उसके परिजनों ने महानगर पालिका प्रशासन पर टीका लगाने का दबाव डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि टीका के रिएक्शन के कारण ही उसकी मौत हो गई।

उधर, एसएसजी अस्पताल के अधीक्षक का कहना है कि जिग्नेश की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा। उनका यह भी दावा है कि करीब डेढ़ साल पहले ही जिग्नेश ने ह्रदय की सर्जरी कराई थी, हो सकता है कि मौत का कारण भी हृदयाघात हो। बहरहाल, कोरोना टीके को लेकर जो भी भ्रांतियां चल रही हो, लेकिन वडोदरा कलक्टर शालिनी अग्रवाल तथा वडोदरा पुलिस आयुक्त शमशेर सिंह ने कोरोना का टीका लगवाकर एक उदाहरण पेश किया ताकि मेडिकल कर्मचारी तथा सफाइकर्मियों में कोरोना टीके को लेकर चल रही आशंकाओं को निर्मूल साबित किया जा सके। 

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