आरक्षण पर गुजरात विधानसभा में टकराव
शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश व सरकारी नौकरी में आरक्षण के मुददे पर गुजरात विधानसभा में भाजपा व कांग्रेस खुलकर आमने सामने आ गई है।
अहमदाबाद [ शत्रुघ्न शर्मा ]। आरक्षण से वंचित वर्ग के युवाओं को शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश व सरकारी नौकरी में आरक्षण के मुददे पर गुजरात विधानसभा में भाजपा व कांग्रेस खुलकर आमने सामने आ गई है। भाजपा अध्यक्ष जीतूभाई वाघाणी जहां पाटीदारों को आरक्षण से साफ इनकार करते हैं वहीं कांग्रेस विधायक शक्तिसिंह गोहिल ने दावा किया है कि उनकी सरकार आई तो 20 फीसदी आरक्षण देंगे।
गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के चलते पिछले दो साल से आरक्षित व अनारक्षित वर्ग आंदोलन कर रहा है। आंदोलन के चलते ही आनंदीबेन पटेल को मुख्यमंत्री पद की कुर्सी गंवानी पडी थी हालांकि उन्होंने आर्थिक रुप से पिछडे वर्गों को 10 प्रतिशत आरक्षण व एक हजार करोड का स्कॉलरशिप कोष बना दिया था।
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मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के सीएम बनने के बाद भी समस्या जस की तस है। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल जमानत से छूटकर उदयपुर में छह माह का निर्वासन बिताकर फिर से गुजरात में आरक्षण आंदोलन को हवा दे रहे हैं वहीं प्रदेश भाजपा अपने पाटीदार वोट बैंक को बचाने में जुट गई है। भाजपा ने पहला दांव लेउवा व कडवा पटेल का चलकर आंदोलन की धार कुंद करने का प्रयास किया इसके बाद हार्दिक पटेल के ही पडौसी रुत्विकज पटेल को भाजपा युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाकर पाटीदार युवकों की नाराजगी दूर करने का प्रयास किया लेकिन मंत्रियों, प्रदेश भाजपा के नेता, भाजपा सांसद, विधायकों के गांवों में हो रहे विरोध को देखते हुए भाजपा चिंतित है।
विधानसभा में भाजपा अध्यक्ष जीतूभाई वाघाणी ने दो टूक कहा कि पाटीदारों को आरक्षण नहीं मिल सकता। कांग्रेस पाटीदार युवकों को गुमराह कर रही है। उनहोंने पूछा कि कांग्रेस खुद बताये कि पाटीदारों को किस तरह आरक्षण दिया जा सकता है। उधर कांग्रेस विधायक शक्तिसिंह गोहिल ने सदन में दावा किया है कि कांग्रेस सत्ता में आई तो सवर्ण गरीबों को 20 फीसदी आरक्षण देगी। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले नेता विपक्ष शंकरसिंह वाघेला ने भी इसी तरह का दावा किया था लेकिन फिलहाल इसका ठोस फार्मूला नहीं बता पा रहे हैं।