Gujarat: शंकर सिंह वाघेला के समर्थन में बबलदास पटेल का राकांपा से इस्तीफा

Shankar Singh Vaghela. गुजरात मेंं राकांपा के कार्यकारी अध्‍यक्ष बबलदास पटेल ने शंकर सिंह वाघेला के समर्थन में पार्टी सुप्रीमो शरद पवार को इस्‍तीफा भेज दिया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 09:13 PM (IST) Updated:Thu, 04 Jun 2020 09:18 PM (IST)
Gujarat: शंकर सिंह वाघेला के समर्थन में बबलदास पटेल का राकांपा से इस्तीफा
Gujarat: शंकर सिंह वाघेला के समर्थन में बबलदास पटेल का राकांपा से इस्तीफा

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात के पूर्व मुख्‍यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने एक बार फिर बागी तेवर दिखाते हुए राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से इतर राज्‍य में विधानसभा उपचुनाव व स्‍थानीय निकाय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। वहीं, प्रदेश के कार्यकारी अध्‍यक्ष बबलदास पटेल ने वाघेला के समर्थन में राकांपा सुप्रीमो शरद पवार को इस्‍तीफा भेज दिया है।

राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने एक जून को अपने पूर्व विधायक जयंत पटेल को पुन: गुजरात का अध्‍यक्ष नियुक्‍त कर दिया था। पार्टी के राष्‍ट्रीय महासचिव व प्रदेश अध्‍यक्ष शंकर सिंह वाघेला को ये नागवार गुजरा और आनन फानन में उन्‍होंने सोशल मीडिया में राकांपा का निशान व पद हटा दिया। वाघेला ने गुजरात में एक बार फिर राजनीतिक विकल्‍प देने के एलान के साथ जनता को समर्पित व ईमानदार लोगों को आगामी विधानसभा उपचुनाव व स्‍थानीय निकाय चुनाव में मैदान में उतारने की बात कही है।

गुरुवार को उनके करीब बबलदास ने भी कोरोना महामारी के बीच प्रदेश का अध्‍यक्ष बदलने पर नाराजगी जताते हुए अपना इस्‍तीफा पवार को भेज दिया। उनका दावा है कि गुजरात में तीसरी पार्टी के रुप में राकांपा को खड़ा करने के वाघेला के प्रयासों से भाजपा व कांग्रेस दोनों दल परेशान होकर यहां राकांपा को कमजोर करना चाहते थे। वाघेला के करीबियों का ये भी आरोप है कि वाघेला की राजनीतिक शक्ति को खत्‍म करने के लिए भाजपा व कांग्रेस के राष्‍ट्रीय नेताओं ने एक होकर राकांपा पर दबाव बनाकर वाघेला को किनारे करा दिया। 

इससे पहले सुबह गुजरात कांग्रेस के दो विधायकों जीतू चौधरी व अक्षय पटेल ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही मार्च से अब तक पार्टी का दामन छोड़ने वाले विधायकों की संख्या सात हो गई है। ऐसे में भाजपा के राज्यसभा उम्मीदवार नरहरि अमीन की जीत की दावेदारी और मजबूत होती दिखाई दे रही है। उधर, नाराज विपक्षी नेता परेश धनाणी ने भाजपा को विधायक खरीदने की दुकान तक बता डाला। हालांकि, भाजपा ने इसे विधायकों का कांग्रेस नेतृत्व के प्रति असंतोष का नतीजा बताया।

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