AMUL ने की गैर सरकारी संस्था पेटा पर प्रतिबंध लगाये जाने की मांग, बतायी ये वजह

अमूल (Amul) ने भारत में पेटा (PETA) पर प्रतिबंध लगाये जाने की मांगी की है। अमूल का आरोप है अंतरराष्ट्रीय संस्था पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स ((International organization People for Ethical Treatment of Animals) ) भारत में डेयरी उद्योग को खत्म करना चाहती है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Thu, 03 Jun 2021 08:55 AM (IST) Updated:Thu, 03 Jun 2021 08:55 AM (IST)
AMUL ने की गैर सरकारी संस्था पेटा पर प्रतिबंध लगाये जाने की मांग, बतायी ये वजह
AMUL ने की गैर सरकारी संस्था पेटा पर प्रतिबंध लगाये जाने की मांग,

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। अमूल ने गैर सरकारी संस्था पेटा (International organization People for Ethical Treatment of Animals) पर भारत में प्रतिबंध लगाने की मांग की है। अमूल का आरोप है पेटा भारत में डेयरी उद्योग को खत्म करने की मंशा रखता है तथा भारत में अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के सिंथेटिक दूध का बाजार बनाना चाहता है।

अमूल के उपाध्यक्ष वालमजी हम्बल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि जानवरों के खिलाफ होने वाली क्रूरता के विरोध में काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा ) भारत में डेयरी उद्योग को खत्म करना चाहती है। पेटा ने अमूल को लिखे पत्र में कहा है कि दुनिया के लोग वेगन फूड को अपना रहे हैं इसलिए हमको भी वेगन खाद्य उत्पाद को बढ़ावा देना चाहिए ताकि पशुओं पर क्रूरता नहीं हो।

पेटा के सहायक प्रबंधक मीत आसर का कहना है कि पेटा के बयान को गलत नजरिए से देखा जा रहा है। वह भारत के डेयरी उद्योग के खिलाफ नहीं है वह भारत में पशुओं के खिलाफ होने वाली क्रूरता को समाप्त करना चाहता है। उन्होंने कहा कि पेटा ने अमूल से इसका आग्रह भर किया है। उधर अमूल के उपाध्यक्ष का कहना है कि पेटा बहुराष्ट्रीय कंपनियों के इशारे पर भारत के डेयरी उद्योग को तहस नहस करना चाहती हैं ताकि विदेशी कंपनियों के सिंथेटिक दूध का भारत में कारोबार बढ़ाया जा सके।

उनका कहना है कि गुजरात मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन का भारत की श्वेत क्रांति में अहम योगदान है तथा गुजरात के 40 लाख पशुपालक अमूल से जुड़े हुए हैं। अगर अमूल के ढांचे तथा इसकी कार्यपद्धती के साथ छेड़छाड़ की जाती है तो सीधे-सीधे उसका नुकसान पशुपालकों वह भारत को होगा। डेयरी उद्योग का भारत के सकल घरेलू उत्पाद में बड़ा योगदान है और पेटा जैसी कंपनियां साजिश के तहत भारत के आत्मनिर्भर डेयरी उद्योग को खत्म करना चाहती हैं।

गुजरात के 15 लाख पशुपालक भी प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर पेटा के खिलाफ कार्रवाई करने तथा उसे भारत में प्रतिबंधित करने की मांग करेंगे। सुमूल डेयरी के निदेशक जयेश पटेल का कहना है कि अमेरीका में गायों का सबसे अधिक कत्ल होता है, पेटा जैसी संस्थाएं वहां आवाज नहीं उठाती हैं, भारत का डेयरी उद्योग देश के करोड़ों लोगों को रोजगार देता है साथ ही पशुओं की देखरेख के साथ करोड़ों लोगों का पोषण कर उन्हें कुपोषित होने से बचाता है, पेटा भारत में अमेरीकी सोयाबीन का बाजार तैयार करना चाहती है? इससे भारत के करोड़ों पशुपालक बेरोजगार हो जाएंगे साथ ही सामाजिक व आर्थिक ढांचा चरमरा जाएगा?

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