अमेरिका में क्यों जलाए जा रहे हैं खेलों से जुड़े उत्पाद बनाने वाली 'नाइकी' के सामान?
अमेरिका में अफ्रीकी मूल के लोगों पर होने वाले नस्लीय और बढ़ते पुलिस हमलों क खिलाफ केपरनिक ने विरोध किया था।
नई दिल्ली, जेएनएन। खेलों से जुड़े सामान और जूतों की विश्वस्तीय कंपनी नाइकी का अमेरिका में जबरदस्त तरीके से विरोध हो रहा है। यहां तक की नाइके के सामान को अमेरिकी लोग फाड़ रहे हैं और जला रहे है। दरअसल नाइकी ने फुटबॉलर कॉलिन केपरनिक को अपना ब्रैंड एबेंसडर बनाया है जो अमेरिका के एक विवादस्पद फुटबॉलर है। ये फुटबॉलर नस्लभेद के खिलाफ विरोध जताते हुए राष्ट्रगान के समय घुटनों के बल बैठ गया था।
दरअसल अमेरिका में अफ्रीकी मूल के लोगों पर होने वाले नस्लीय और बढ़ते पुलिस हमलों क खिलाफ केपरनिक ने विरोध किया था। साल 2016 में वह एक टूर्नामेंट के दौरान जब अमेरिका का राष्ट्रगन बज रहा था तो वह घुटनों के बल बैठ गए थे। उस वक्त इस फुटबॉलर को कुछ खिलाडि़यों ने समर्थन दिया तो कुछ इनके विरोध में खड़े हो गए थे। यहां तक की राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भी उनके व्यवहार की आलोचना की थी। First the @NFL forces me to choose between my favorite sport and my country. I chose country. Then @Nike forces me to choose between my favorite shoes and my country. Since when did the American Flag and the National Anthem become offensive? pic.twitter.com/4CVQdTHUH4 Believe in something, even if it means sacrificing everything. #JustDoIt pic.twitter.com/SRWkMIDdaO Nike resigns pic.twitter.com/vJ3O1w5X20 — Dylan (@RealTSFD) September 4, 2018 .@Nike Due to your support of C.K. in your coming adds, I as an American can no longer support your company. #boycottNike #IStandForOurFlag pic.twitter.com/5JxSMD8SSO My name is #Mustard and I stand for the #flag and to honer @bigandrich and their Soundman & the Prresident I am going to burn my #Nike shoes!!!!!!!!!🇺🇸🇺🇸🔥🔥 pic.twitter.com/MLv6uwGLsv
अब नाइकी ने केपरनिक के साथ करार किया है और उसका टैगलाइन दिया है, जिस चीज में आप यकीन करते हैं उस पर आप यकीन बरकरार रखें, भले ही इसके लिए बहुत कुछ त्याग करने की भी जरूरत हो। नाइकी के इस विज्ञापन को ट्रंप ने बेहद खराब करार दिया था। ट्रंप ने कहा कि आपको अपनी बात रखने की छूट है लेकिन आपको ये याद रखना चाहिए कि आप जो कह रहे हैं, वह किसी और को बुरा ना लगे।