डिएगो माराडोना में महानता थी, लेकिन खेल भावना नहीं; इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी का दावा

इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी ने दावा किया है कि डिएगो माराडोना महान थे लेकिन उनके अंदर खेल भावना नहीं थी क्योंकि उन्होंने मैच में अपराध किया था। माराडोना के निधन के बाद इस खिलाड़ी ने ये बात कही है।

By Vikash GaurEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 10:57 AM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 10:57 AM (IST)
डिएगो माराडोना में महानता थी, लेकिन खेल भावना नहीं; इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी का दावा
diego maradona का निधन हो गया है। (फोटो AP)

नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। इंग्लैंड के पूर्व गोलकीपर पीटर शिल्टन ने कहा कि डिएगो माराडोना में महानता थी, लेकिन उन्होंने अपने उस हैंड ऑफ गॉड वाले गोल के लिए माफी मांगने से इन्कार कर दिया था, जिसकी वजह से 1986 विश्व कप में इंग्लैंड को टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा और इससे उन्होंने साबित किया कि उनके अंदर खेल भावना की कमी है। माराडोना का निधन बुधवार 25 नवंबर को हो गया।

माराडोना का बुधवार को ब्यूनस आयर्स में उनके घर में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। मेक्सिको में खेले गए उस विश्व कप क्वार्टर फाइनल में शिल्टन गोलकीपर थे और जब दूसरे हाफ में छह मिनट का खेल हो चुका था तो माराडोना ने अपनी मुट्ठी के साथ ऊंची गेंद को नेट में पहुंचाने के लिए छलांग लगाई, जिसके बाद इस गोलकीपर ने उन पर गेंद को पंच करने का आरोप लगाया।

शिल्टन ने डेली मेल में लिखा, "साफ तौर पर अपराध। यह धोखा था। जब वह जश्न मनाने के लिए भागे तो उन्होंने दो बार पीछे देखा, मानो रेफरी की सीटी का इंतजार कर रहे हों। उन्हें पता था कि उन्होंने क्या किया है। सबको पता था कि उन्होंने क्या किया है सिर्फ रेफरी और दो लाइनमैन के अलावा। माराडोना ने चार मिनट बाद फिर से यकीनन सबसे बड़ा गोल किया, लेकिन शिल्टन ने कहा कि अर्जेंटीना का पहला गोल वही था जो मायने रखता था।"  

उन्होंने आगे लिखा, "मैं इस बात की परवाह नहीं करता कि दूसरे लोग क्या कहते हैं। इसने अर्जेंटीना के लिए मैच जीता। उन्होंने तुरंत ही दूसरा बेहतरीन गोल किया, लेकिन हम अभी भी उसे ही याद कर रहे थे जो कुछ मिनट पहले हुआ था। इसने मुझे कई वर्षो तक परेशान किया। मैं अब उसके बारे में झूठ नहीं बोलूंगा। ऐसा लगता है कि उनके पास महानता थी, लेकिन दुख की बात है कि कोई खेल भावना नहीं थी।"  

"मेक्सिको में खेली इंग्लैंड की ज्यादातर टीम को ऐसा ही लगता है जैसा मुझे उस दिन लगा था। फुटबॉल के मैदान पर खिलाड़ी ऐसी चीजें करते हैं जो शायद उन्हें नहीं करना चाहिए। यह उस पल की तीव्रता में हो जाता है, लेकिन ऐसा अगर हमारी इंग्लैंड की टीम में से किसी से होता तो मुझे लगता है कि वह अपनी गलती स्वीकार कर लेता। मुझे उम्मीद है कि इससे माराडोना की विरासत पर दाग नहीं लगेगा।"  

माराडोना को श्रद्धांजलि देकर विवादों में घिरे लिनेकर

इंग्लैंड के दिग्गज फुटबॉलर गैरी लिनेकर माराडोना को श्रद्धांजलि देने की वजह से विवादों में घिर गए हैं, जिसमें उन्होंने हैंड ऑफ गॉड की घटना का जिक्र किया है। अर्जेंटीना के खिलाफ 1986 विश्व कप के उस विश्व कप के उस विवादास्पद क्वार्टर फाइनल में इंग्लैंड के लिए एकमात्र गोल करने वाले लिनेकर ने ट्वीट किया, "अर्जेंटीना से खबरें हैं कि माराडोना नहीं रहे। कुछ दूरी से वह मेरी पीढ़ी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी थे और यकीनन सर्वकालिक महान खिलाड़ी थे। एक धन्य, लेकिन परेशान जीवन के बाद उम्मीद है कि भगवान के हाथों में वह सुकून से सो सकेंगे। डिएगो, ईश्वर आपकी आत्मा को शांति प्रदान करे।"

लिनेकर के 77 लाख फॉलोअर्स को लगता है कि यह ट्वीट खराब अनुभूति वाला था और यह मजाक, घटिया टिप्पणी या अपमानजनक बातें कहने का समय नहीं है। इस संदेश को 13000 से अधिक बार रीट्वीट किया गया और 142000 से अधिक लाइक्स भी मिले, क्योंकि लिनेकर से जुड़े कुछ प्रशसंक उनके पुराने प्रतिद्वंद्वी के प्रति विचारों से सहमत थे। लिनेकर ने जोर देकर कहा कि वह माराडोना के लिए सम्मान से भरे हैं और बाद के ट्वीट पोस्ट करते हुए कहा कि माराडोना के पास 'खेल के लिए इतना अविश्वसनीय जुनून था, मैंने कभी किसी को फुटबॉल के प्रति इतना प्यार और लगाव नहीं देखा।'

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