Exclusive: मिर्ज़ापुर की 'गोलू गुप्ता' का किरदार दोहराना नहीं चाहतीं श्वेता त्रिपाठी
Exclusive श्वेता त्रिपाठी ने मिर्ज़ापुर 2 में गोलू गुप्ता का किरदार निभाया है। उनका किरदार काफी बोल्ड है। हालांकि श्वेता का कहना है कि वह ऐसा किरदार दोबारा नहीं निभाना चाहेंगी। जानिए- क्या है इसके पीछे की वजह ...
नई दिल्ली, (रजत सिंह)। Exclusive: अमेज़न प्राइम वीडियो की वेब सीरीज मिर्ज़ापुर 2 काफी सुर्खियां बटोर रही है। नए सीज़न में श्वेता त्रिपाठी शर्मा का किरदार काफी बोल्ड होकर सामने आया है। वेब सीरीज़ में वह एक्शन करती नज़र आईं। उनकी एक्टिंग की तारीफ भी हुई और फैंस को लुक और स्टाइल भी पसंद आया है। हालांकि, श्वेता का कहना है कि वह ऐसा किरदार दोबारा नहीं निभाना चाहेंगी।
जागरण डॉट कॉम से बातचीत के दौरान गोलू गुप्ता जैसे किरदारों को लेकर श्वेता त्रिपाठी ने कहा- 'मेरी कोशिश रही है, मैं चाहती भी हूं कि मैं कोई भी किरदार प्ले करूं, वह मुझसे ही नहीं, बल्कि मेरे अन्य किरदारों से भी अलग हो। क्योंकि बतौर एक्टर या आर्टिस्ट अगर मैं सरप्राइज नहीं होती हूं, तो मेरे दर्शक भी सरप्राइज नहीं होंगे। मैं कभी भी वो सेम नहीं करना चाहूंगी। यहां तक कि मिर्ज़ापुर और गोलू मेरे दिल के इतने करीब हैं। पहले सीज़न में गोलू अलग थी। ऐसे में जब दूसरे सीज़न में आई थी, तो लड़की वही है लेकिन स्थिति बदल गई। गोलू जितना अलग का पता नहीं। लेकिन मैं सेम कभी नहीं करना चाहूंगी। अगर मुझे दिखा, तो लगेगा की कुछ गलत हो गया। मैं कुछ अलग फ्लेवर लाना चाहूंगी।' View this post on Instagram A post shared by Shweta Tripathi Sharma (@battatawada) on Oct 30, 2020 at 12:57am PDT
वहीं, श्वेता ने बताया कि वह निर्देशक और किरदार के हिसाब से एक्टिंग करने की कोशिश करती हैं। श्वेता कहती हैं- 'मेरे राइटर-डायरेक्टर ने जिस तरह से किरदार को सोचा है, अगर में उसके साथ न्याय करती हूं, तो वह मेरे लिए सबसे बड़ी बात है। मसान में भी यही था कि नीरज और वरुण ने जो शालू को इमेज़िन किया था। उसके बाद अवॉर्ड मिले ना मिले, वो सेकेंडरी है।' श्वेता आगे कहती हैं कि मिर्ज़ापुर में अगर अपना छोड़कर कोई किरदार निभाना चाहेंगी, तो वह है मुन्ना। इतना कॉम्प्लेक्स कैरेक्टर है, लेकिन दिव्येंदु ने तो फाड़ दिया है।
श्वेता के अलावा वेब सीरीज़ के क्रिएटर पुनीत कृष्णा ने बताया कि वह पूर्वांचल में कुछ समय बीता चुके हैं। ऐसे में किरदार और भाषा पकड़ने में उनको आसानी रही है। वहीं, डायलॉग्स को लेकर उनका कहना है- हालांकि, वे पहले से लिखे होते हैं। लेकिन पंकज त्रिपाठी में एक स्पेशल टच है, जो इसे बिल्कुल ही बदल देता है।