फिल्म रिव्यू: द डफ (3 स्‍टार)

वहां कई ऐसी बातें हैं जिन्हें देखकर आपको निराशा हो सकती है। कारण कि कई लोगों के लिए ऐसी फिल्मों का अस्तित्व ही नहीं है। फिल्म वास्तविकता से बहुत दूर है। बावजूद इसके कुछ विसंगतियों के माध्यम से लोगों को संदेश देने का प्रयास किया गया है। दूसरा फिल्म में

By Monika SharmaEdited By: Publish:Fri, 12 Jun 2015 08:20 AM (IST) Updated:Fri, 12 Jun 2015 11:29 AM (IST)
फिल्म रिव्यू: द डफ (3 स्‍टार)

प्रमुख कलाकार: मेइ विटमैन, रॉबी एमेल, बैला थॉर्न
निर्देशक: ऐरी सैंडल

वहां कई ऐसी बातें हैं जिन्हें देखकर आपको निराशा हो सकती है। कारण कि कई लोगों के लिए ऐसी फिल्मों का अस्तित्व ही नहीं है। फिल्म वास्तविकता से बहुत दूर है। बावजूद इसके कुछ विसंगतियों के माध्यम से लोगों को संदेश देने का प्रयास किया गया है। दूसरा फिल्म में महिला किरदारों को निम्न निगाहों से देखने की बात की गई है जो कि कभी-कभी लगता है कि फिल्मकार दर्शकों को भी गूंगा और बहरा समझ रहे हैं। और तो और हाईस्कूल स्टूडेंट्स का किरदार उन लोगों ने निभाया है जो पहले से ही 30 साल के हैं।

द डफ

फिल्म में कुछ दृश्य हंसाते भी हैं। यहां पर फिल्म मनोरंजक और आकर्षक भी लगती है। फिल्म स्टार माइ व्हीटमैन जिन्होंने अमेरिकन टीनेजर का रोल किया है। उसे इस बात का अहसास हो जाता है कि उसके बाकी दोस्त जहां पर कमाल लग रहे हैं वहीं उसकी हालत बहुत ही खराब है। बस इस स्थिति को बदलने के लिए वो अंततः एक डील करती है।

और शुरू होता है हंसने-हंसाने का सिलसिला। अब उसके पास केवल एक ही विकल्प होता है। वो रेट से कहती है कि यदि वो उसकी मदद करता है तो वो उसे परीक्षा पास करने में मदद करेगी।

फिल्म में कुछ बातें तो वाकई फिल्मी है मगर इसके बाद भी कुछ हद तक यह मनोरंजन करने में कामयाब होती है। व्हीटमैन का स्क्रीन परफॉर्मेंस सभी को मजा देता है। वो बिलकुल भी गूंगी नहीं मगर आकर्षक है। व्हीटमैन की कॉमिक टाइमिंग बढ़िया है।

कहानी जब तक अंत तक नहीं पहुंचती तब तक तो सारे कयास सही नजर आते हैं। रिजल्ट से ज्यादा मजेदार यह सफर ही है। फिल्म में कुछ स्मार्ट तो कुछ बहुत ही बुरे जोक्स है। बावजूद इसके यह मजेदार है।

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