Lootere Review: इंडियन OTT स्पेस में सोमालिया के समुद्री लुटेरों का आतंक, नया एंगल लेकर आई हंसल मेहता की सीरीज
Disney+ Hoststar की सीरीज लुटेरे (Lootere Review) का निर्देशन जय मेहता ने किया है। हंसल मेहता शो-रनर हैं। ओटीटी स्पेस में यह अलग तरह की कहानी पेश करती है जिसमें सोमालिया के आपराधिक धरातल पर पाइरेट्स की उपजाऊ खेती को एक्सप्लोर किया गया है। कहानी के केंद्र में सोमालिया में बसा एक भारतीय बिजनेसमैन और हाइजैक जहाज का क्रू है जिसे रजत कपूर लीड कर रहे हैं।
मूवी रिव्यू
नाम: लुटेरे (Lootere)
- रेटिंग : 3 out of 5 Star
- कलाकार : विवेक गुम्बर, रजत कपूर, चिराग वोहरा, चंदन रॉय सान्याल, अमृता खानविलकर
- निर्देशक : जय मेहता
- निर्माता : कर्मा मीडिया एंड एंटरटेनमेंट
- लेखक : विशाल कपूर, अंशुमान सिन्हा
- रिलीज डेट : Mar 22, 2024
- प्लेटफॉर्म : डिज्नी प्लस हॉटस्टार
- भाषा : हिंदी
- बजट : NA
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। दुनियाभर में कुख्यात सोमालियाई पाइरेट्स को केंद्र में रखकर बॉलीवुड में फिल्म बनाने की एक कोशिश 2017 में हुई थी। निर्माता सिद्धार्थ रॉय कपूर ने हसीन दिलरुबा के निर्देशक विनिल मैथ्यू के साथ सोमालियाई पाइरेट्स पर फिल्म की घोषणा की थी।
यह कहानी मर्चेंट नेवी ऑफिसर ओडुम्बर भोई के अनुभवों के आधार पर गढ़ी गई थी, जिनके शिप पर सोमालियाई पाइरेट्स ने हमला किया था। हालांकि, फिल्म घोषणा से आगे नहीं बढ़ सकी।
अब इसके सात साल बाद डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर लुटेरे वेब सीरीज (Lootere Web Series) रिलीज हो गई है, मालवाहक जहाज को हाइजैक करने की कहानी दिखाती है।
हालांकि, शो-रनर हंसल मेहता की आठ एपिसोड्स की सीरीज सिर्फ पाइरेट्स के खतरे तक सीमित नहीं है, इसके पीछे के कारणों पर भी सरसरी तौर पर नजर घुमाती है, जिसमें सोमालिया की आर्थिक स्थिति और अपराध की सत्ता रेखांकित होती है।
यह संयोग ही है कि अंतरराष्ट्रीय खबरों में सोमालिया के पाइरेट्स (Somalian Pirates) की वापसी के बीच लुटेरे रिलीज हुई है। MSN की एक रिपोर्ट के अनुसार, नवम्बर से अभी तक हाइजैक की 20 कोशिशें हो चुकी हैं, जिससे मालवाहक जहाजों के क्रू की सुरक्षा को लेकर चिंता और लागत दोनों बढ़ चुकी हैं।
क्या है लुटेरे की कहानी?
लुटेरे की कथाभूमि अफ्रीकी देश सोमालिया की राजधानी मोगादिशु शहर है और प्रमुख किरदार वहां बसे कुछ भारतीय, सोमालिया के स्थानीय नागरिक और यूक्रेन के मालवाहक जहाज यूके किवाल का क्रू है, जिसमें भारतीय, पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिक शामिल हैं।
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बिजनेसमैन विक्रांत गांधी यानी विक (Vivek Gomber) मोगादिशु में अपने ससुर रॉबर्ट शॉ की विरासत सम्भाले हुए है। महत्वाकांक्षी विक सोमलिया पोर्ट अथॉरिटी एसोसिएशन का प्रेसीडेंट है और अपनी इस पोजीशन का इस्तेमाल गैरकानूनी कामों के लिए करता है।
विक का कार्यकाल खत्म होने वाला है और प्रेसीडेंट का चुनाव सिर पर है। विक्रांत किसी भी सूरत में प्रेसीडेंट का पद जीतना चाहता है, ताकि पोर्ट के जरिए होने वाले उसके गैरकानूनी धंधों का भांडा न फूटे। मगर, हवा उसके खिलाफ बह रही है। आर्थिक हालात भी अच्छे नहीं हैं।
उसकी सारी समस्याओं का इलाज एक कंटेनर में है, जो यूक्रेन के यूके किवाल जहाज से सोमालिया आ रहा है। इसमें उसकी मदद कर रहा है शिपिंग कम्पनी विस्टा के मालिक का अय्याश बेटा अजय कोतवाल (Chandan Roy Sanyal)।
इस कंटेनर को जहाज से हासिल करने के लिए वो अपने पुराने साथी बिलाल की मदद लेता है। बिलाल इस काम के लिए पाइरेट्स का इस्तेमाल करता है, जो जहाज को हाईजैक करके 13 सदस्यीय क्रू को बंधक बना लेते हैं।
कैसा है सीरीज का स्क्रीनप्ले?
आठ एपिसोड्स में दिखाई गई पूरी कहानी लगभग 15 दिनों की है, जो जहाज की हाईजैकिंग से शुरू होती है। डिज्नी प्लस हॉटस्टार (Disney+ Hotstar) पर सीरीज के अभी दो ही एपिसोड्स प्रसारित किये गये हैं।
पहले दो एपिसोड्स में इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि कंटेनर में ऐसा क्या है, जिसे हासिल करने के लिए विक्रांत दीवाना हुआ जा रहा है। इसलिए, इसका रहस्य हम भी नहीं खोल रहे, ताकि सस्पेंस खराब ना हो।
लुटेरे (Lootere) सीरीज की शुरुआत एक सुखद एहसास देती है, ओटीटी स्पेस में राजनीति और बाहुबलियों पर आधारित क्राइम सीरीजों की भीड़ के बीच कुछ नया देखने को मिल रहा है। ओपनिंग मोंटाज में ही हथियार लहराते सोमालियाइयों के दृश्य और आपराधिक गतिविधियों में डूबे शहर की झलकियां सीरीज का मिजाज सेट कर देते हैं।
लुटेरे पूरी तरह से हाइजैक ड्रामा नहीं है, इसमें अपराध के कुछ अन्य एंगल भी शामिल किये गये हैं, जिन्हें अंजाम देने के लिए पाइरेट्स को मोहरा बनाया जाता है।
स्क्रीनप्ले में मुख्य रूप से दो ट्रैक्स और कुछ सब-प्लॉट्स हैं। एक ट्रैक हाइजैक हुए क्रू की हालत और संघर्ष को दिखाता है, जबकि दूसरा ट्रैक विक्रांत गांधी की निजी और आपराधिक जिंदगी के साथ आगे बढ़ता है। हालांकि, आगे के एपिसोड्स में दोनों ट्रैक्स मिलते हैं।
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अपनी आर्थिक स्थिति की वजह से सोमालिया अपराध के फलने-फूलने के लिए उपजाऊ जमीन है और समुद्री लुटेरा बनना उनके लिए भूख और गरीबी मिटाने का सबसे बड़ा साधन। अन्य मुल्कों में आतंकी ट्रेनिंग के कैम्प चलते हैं तो सोमालिया में पाइरेट्स ट्रेनिंग कैम्प चलते हैं, जिन्हें आपराधिक गतिविधियों में लिप्त बिजनेसमैन और संगठन फाइनेंस करते हैं।
बच्चों को इन कैम्पों में प्रशिक्षित करके पाइरेट बनाया जाता है। ऐसे कई दृश्य लुटेरे के कथ्य की संजीदगी दिखाते हैं। पहले दो एपिसोड्स सीरीज को बढ़िया शुरुआत देते हैं, मगर बाद के कुछ एपिसोड्स में ट्रैक्स जुड़ने से इसकी रफ्तार बाधित होती है।
कैसा है कलाकारों का अभिनय और तकनीकी पक्ष?
सीरीज में भारतीय कलाकारों के साथ कई अफ्रीकी कलाकारों को अहम भूमिकाओं में लिया गया है, जिन्होंने अपनी भूमिकाओं को असरदार ढंग से निभाया है। क्रिमिनल बिजनेसमैन विक्रांत गांधी के किरदार में विवेक गुम्बर ने सीरीज की कहानी को लीड किया है और प्रभावशाली ढंग से पेश किया है।
विक के सहयोगी गुप्ता के किरदार में चिराग वोरा, पत्नी अवि के रोल में अमृता खानविलकर, शिपिंग कम्पनी के मालिक के बेटे अजय के रोल में चंदन रॉय सान्याल, क्रू कैप्टन के रोल में रजत कपूर (Rajat Kapoor) ने अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय किया है। सीरीज का बैकग्राउंड स्कोर कथानक को सपोर्ट करता है। जय मेहता का निर्देशन संतुलित और स्तरीय है। उन्होंने कलाकारों से कहानी के अनुरूप अच्छा काम लिया है।