Exclusive: अपनी Mom का ये मंत्र श्रीदेवी ने दे दिया जाह्नवी और ख़ुशी को

श्रीदेवी कहती हैं कि उन्होंने हमेशा ही अपने करियर के बारे में यही सोचा है "फिल्में मेरी जिंदगी का अहम् हिस्सा हैं लेकिन सिर्फ वही मेरी ज़िंदगी नहीं है।"

By Manoj KhadilkarEdited By: Publish:Wed, 28 Jun 2017 05:54 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jun 2017 05:54 PM (IST)
Exclusive: अपनी Mom का ये मंत्र श्रीदेवी ने दे दिया जाह्नवी और ख़ुशी को
Exclusive: अपनी Mom का ये मंत्र श्रीदेवी ने दे दिया जाह्नवी और ख़ुशी को

मुंबई। श्रीदेवी ने उस दौर में फिल्मों से मुंह मोड़ लिया था, जब उनका स्टारडम काफी चरम पर था। उन्होंने अपनी बेटियों के लिए फिल्मों से दूरी बना ली थी और इस बात पर कभी अफ़सोस भी नहीं किया। अब उनकी फिल्म मॉम आने वाली हैं। एक धर्म-कर्म में विश्वास रखने वाली मॉम के बेटी और उन्हीं आदर्शों को अपनी बेटियों को सीखाने वाली मॉम से बातचीत की हमारी संवाददाता अनुप्रिया वर्मा ने। पढ़िये इस कन्वर्सेशन की कुछ ख़ास बातें...

फिल्में मेरी ज़िंदगी का हिस्सा हैं , सिर्फ ज़िंदगी नहीं

श्रीदेवी के मुताबिक उन्होंने हमेशा ही अपने करियर के बारे में यही सोचा है "फिल्में मेरी जिंदगी का अहम् हिस्सा हैं लेकिन सिर्फ वही मेरी ज़िंदगी नहीं है। इसलिए मुझे इस बात का कभी अफ़सोस नहीं रहा कि मैंने ये नहीं किया, वो नहीं किया।" श्रीदेवी कहती हैं कि उन्होंने अपनी मॉम से यह बात सीखी है, किस तरह ज़िंदगी में संतुष्ट रहा जा सकता है। इन्हीं बातों में फॉलो किया है। श्रीदेवी आगे कहती हैं "मुझे हमेशा यही लगता है कि मुझे जो मिला यह कितने कम लोगों को मिलता है। कितनी लड़कियां अभिनेत्री बनने आती हैं और बन नहीं पाती हैं। उन्हें इस बात की तकलीफ नहीं है कि उन्होंने कम उम्र में ही एक्टिंग की शुरुआत कर दी थी।"

वो जो माँ से लिया, बेटियों में बांट दिया

श्रीदेवी के अनुसार ये कहना गलत होगा और सोचना गलत होगा कि मैं जिस तरह अपनी मां के साथ थी , मेरे बच्चे भी उसी तरह हो जाएं लेकिन हां, फिर भी ऐसी कई बातें हैं, जो अपने बच्चों के साथ बांटती हूं। वो जो मैंने मां से लिया है। फर्क सिर्फ ये आया है कि अब सब थोड़ा मॉडर्न-वे में हो गया है। हालांकि वो लकी हैं कि उनके बच्चे उनकी पूरी बात मानते हैं।

जाह्नवी और ख़ुशी पूजा-पाठ करते हैं

श्रीदेवी कहती हैं कि लोगों को लगता था कि मेरी मां स्ट्रिक्ट हैं। कई जगह लोग मेरे बारे में ये लिखते भी आये हैं। सच यह है कि माँ वैल्यू सिस्टम में यकीन रखती थीं। इसलिए मैंने भी उसे फॉलो किया और मैं उनकी इस बात की इज्जत करती हूं। श्रीदेवी बताती हैं "मेरी मां बहुत रीलिजियस लेडी थीं। हमलोग हमेशा पूजा पाठ करते थे। तो मैं भी चाहती हूं कि मैं मेरे बच्चों को वह सब कुछ दूं जो मेरी मां ने मुझे दिया है। जाह्नवी और ख़ुशी दोनों ही काफी पूजा-पाठ करते हैं। हम मंदिर जाते हैं। मैंने दोनों को ही ट्रेडिशनल वैल्यूज और फॅमिली वैल्यूज मंत्र दिया है। मैं वही संस्कार अपने बच्चों में भी डालना चाहती हूं, जो माँ से मिले हैं।"

"बच्चों उड़ो मत, पांव जमीन पर होने चाहिए"

श्रीदेवी बताती हैं कि बेटियां मॉडर्न हैं, लेकिन वह एल्डर्स को रेस्पेक्ट करना जानती हैं। ये बात मैंने मां से सीखी है और अब बेटियों को भी वह मंत्र दें दिया है कि अगर ज़िंदगी में सक्सेस और फेल्यर दोनों आये तो आपको ही देखना होगा और हमेशा आपके पांव जमीन पर रखने चाहिए।

 

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