गीतों को आइटम नंबर कहलाना पसंद नहीं

गायिका सुनिधि चौहान को गीतों को आइटम नंबर कहना बिल्कुल भी पसंद नहीं है। वह अभी तक शीला की जवानी, देख ले, महबुब मेरे, बीड़ी जैसे बहुत से लोकप्रिय आइटम नम्बरों को अपनी आवाज दे चुकी हैं।

By Edited By: Publish:Tue, 29 May 2012 03:48 PM (IST) Updated:Tue, 29 May 2012 03:48 PM (IST)
गीतों को आइटम नंबर कहलाना पसंद नहीं

मुंबई। गायिका सुनिधि चौहान को गीतों को आइटम नंबर कहना बिल्कुल भी पसंद नहीं है। वह अभी तक शीला की जवानी, देख ले, महबुब मेरे, बीड़ी जैसे बहुत से लोकप्रिय आइटम नम्बरों को अपनी आवाज दे चुकी हैं।

सुनिधि ने फिल्म ये साली खुशी के गीत की रिकार्डिग के दौरान बताया, आप उन्हें जो कुछ भी कहिए, हर गीत का अपना आकर्षण होता है। मुझे इन्हें आइटम नंबर कहना पसंद नहीं है लेकिन ये एक विशेष गीत हैं। इन्हें विशेष नजरिए से देखा जाना चाहिए, इन पर अतिरिक्त ध्यान देने की जरूरत होती है और इन्हें विशेष ढंग से फिल्माया जाता है। इसलिए मुझे किसी भी विशेष गीत से जुड़ना पसंद है।

ये साली खुशी में सिद्धार्थ और संगीत हल्दिपुर दोनों भाई संगीत दे रहे हैं। इससे पहले यह जोड़ी मर्डर 2 के गीतों आ जरा और तुझको भुलाना के लिए अपना संगीत दे चुकी हैं। आ जरा के लिए अप्सरा पुरस्कार की सर्वश्रेष्ठ पाश्‌र्र्व गायिका की श्रेणी में नामांकित हुई सुनिधि ने सिद्धार्थ और संगीत के काम की भी जमकर तारीफ की।

उन्होंने कहा, हर किसी ने आ जरा सुना है। जब भी मैं मंच पर कोई शो करने जाती हूं, तो दर्शक इस गीत की मांग करते हैं और इसे धैर्यपूवर्क सुनते हैं और मेरे साथ गाते भी हैं। तब मुझे पता चलता कि लोग इस गीत को कितना पसंद करते हैं।

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