पद्मावती के विरोध को लेकर शेखर कपूर ने रखी अपनी राय

शेखर कपूर ने एक महत्वपूर्ण बात यह भी कही कि भारत में इतिहास का ज्ञान ज्यादातर मोरल टेल है।

By Rahul soniEdited By: Publish:Mon, 27 Nov 2017 05:41 PM (IST) Updated:Tue, 28 Nov 2017 07:46 AM (IST)
पद्मावती के विरोध को लेकर शेखर कपूर ने रखी अपनी राय
पद्मावती के विरोध को लेकर शेखर कपूर ने रखी अपनी राय

अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। फिल्मकार शेखर कपूर इस साल गोवा फिल्मोत्सव के हिस्सा बने। उन्होंने इस दौरान सिनेमा से जुड़ी कई कहानियों पर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने पद्मावती को लेकर हो रहे विरोधों पर भी राय रखी।

शेखर कपूर ने कहा कि संजय लीला भंसाली ने कभी इस मंशा से तो पद्मावती नहीं बनाई होगी कि पद्मावती पूरे देश में अलग तरह का तूफ़ान फैला देगी। शेखर कपूर ने माना कि भंसाली जैसे फिल्मकार कभी भी कंट्रोवर्सी क्रियेट करने के लिए फिल्में तो नहीं बनाते हैं। वह एक महान फिल्मकार हैं। लेकिन वह कभी भी पॉलिटिकल फिल्मकार नहीं हैं। जाहिर है कि उनकी कोशिश अच्छी फिल्म बनाने की रही होगी। एक बड़ी फिल्म बनाने की होगी। शेखर मानते हैं कि फिल्म को लेकर अब राजनीति क्रियेट कर दी गई है, जबकि फिल्म में पॉलिटिकल कुछ है ही नहीं।उन्होंने बताया कि किस तरह उन्होंने जब एलिज़बेत पहली बार बनाई थी, लगातार उन्हें भी क्वीन के पोट्रेयल को दर्शाने को लेकर आलोचनाओं को सहना पड़ा था। विदेश में कहा गया कि एक इंडियन डायरेक्टर आया है, जो कह रहा है कि हमारी रानी कैसी थी कैसी नहीं। उस वक्त मैंने उनसे पूछा था कि क्या आप उस वक्त थे। आपको कैसे पता कि रानी वैसी थीं या नहीं। शेखर का मानना है कि ऐसी हिस्टोरिकल फिल्में रिप्रजेंटेशन होती हैं या मेटाफर होती हैं।

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शेखर कपूर ने एक महत्वपूर्ण बात यह भी कही कि भारत में इतिहास का ज्ञान ज्यादातर मोरल टेल है। फैक्चुअल नहीं है। हम माइथोलोजी में विश्वास करते हैं, हिस्ट्री में नहीं। 

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