जावेद अख़्तर के Richard Dawkins Award को लेकर 'ट्रोल' के दावे पर भड़कीं शबाना आज़मी

Shabana Azmi Lashes Out At Trolls एक पोस्ट में दावा किया गया कि रिचर्ड डॉकिंस की वेबसाइट और सोशल मीडिया एकाउंट्स से भी पुष्टि की जा सकती है कि जावेद अख़्तर का नाम नहीं है।

By Manoj VashisthEdited By: Publish:Wed, 10 Jun 2020 06:11 PM (IST) Updated:Thu, 11 Jun 2020 07:43 AM (IST)
जावेद अख़्तर के Richard Dawkins Award को लेकर 'ट्रोल' के दावे पर भड़कीं शबाना आज़मी
जावेद अख़्तर के Richard Dawkins Award को लेकर 'ट्रोल' के दावे पर भड़कीं शबाना आज़मी

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री के वेटरन राइटर जावेद अख़्तर को प्रतिष्ठित Richard Dawkins Award से सम्मानित किया जा रहा है। हाल ही में जब यह ख़बर सोशल मीडिया में फैली तो जावेद अख़्तर को बधाइयां देने का सिलसिला चल निकला।

तमाम सेलेब्रिटीज़ और शुभचिंतकों ने जावेद को इस उपलब्धि के लिए ख़ूब बधाई दी। जावेद अख़्तर को यह अवॉर्ड उनकी मुख्तलिफ़ सोच, बेबाक विचारों और खुलकर कहने के साहस के लिए दिया जा रहा है। जावेद अख़्तर को मिल रहे इस अवॉर्ड की ख़ुशी में खलल तब पड़ गया, जब सोशल मीडिया में इस अवॉर्ड के लिए जावेद की जीत पर सवाल लगाये जाने लगे, जिनका शबाना आज़मी ने माकूल जवाब दिया।

हम भारत के लोग ट्विटर एकाउंट ने एक नोट शेयर करके जावेद अख़्तर से पूछा था कि क्या यह सही है जावेद भाई? इस नोट में कुछ ऐसे दावे किये गये थे, जिस पर शबाना भड़क गयीं। पहले यह बता दें कि इस नोट में क्या लिखा। नोट में दावा किया गया था- कुछ लोगों ने इस अवॉर्ड के लिए जावेद अख़्तर के नाम को सिर्फ़ रिकमेंड किया था। कई लोगों द्वारा साइन किया गया यह प्रपोज़ल आयोजकों को भेजा गया। मगर, जावेद अख़्तर ने नॉमिनेशन के बजाए सोचा कि उन्हें अवॉर्ड मिल गया है और अपने दोस्तों को यह गुड न्यूज़ दे दी। और अब कोशिश की जा रही है कि अवॉर्ड जावेद को ही मिले, ताकि शर्मिंदगी से बचा जा सके।

इस नोट में यह भी दावा किया गया कि रिचर्ड डॉकिंस की वेबसाइट और सोशल मीडिया एकाउंट्स से भी पुष्टि की जा सकती है कि जावेद अख़्तर के नाम का एलान नहीं किया गया है।

THIS IS PATENTLY UNTRUE! We have an email from Richard Dawkins on 5th June offering the award and also from Robyn Blumner who heads the Centre for Inquiry USA.I feel sad 4 these pathetic trolls who do not care that they will stand exposed in seconds 4 such a preposterous claim ! https://t.co/Ro1ejCNSdk" rel="nofollow— Azmi Shabana (@AzmiShabana) June 9, 2020

इस नोट के जवाब में शबाना ने लिखा- यह एकदम बकवास है। हमारे पास रिचर्ड डॉकिंस की ओर से 5 जून को भेजा गया ईमेल है। साथ ही रॉबिन ब्लूमर का ईमेल भी है, जो अमेरिका में पूछताछ सेंटर के हेड हैं। शबाना ने ट्रोल्स को पथेटिक बताते हुए कहा कि वो इनके लिए अफ़सोस मनाती हैं, जिन्हें यह भी एहसास नहीं कि चंद सेकंडों में एक्सपोज़ हो जाएंगे। जावेद अख़्तर यह इंटरनेशनल अवॉर्ड पाने वाले पहले भारतीय हैं।

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