Salim Ghouse Passes Away: अभिनेता सलीम गौस का हार्ट अटैक से निधन, 'भारत एक खोज' से घर-घर में हुए थे पॉपुलर

Salim Ghouse Passes Away टीवी पर ये जो है जिंदगी (1984) दूरदर्शन पर सबसे शुरुआती कॉमेडी धारावाहिकों में से एक सुबाह (1987) एक्स-जोन (1998) हिंदी-अंग्रेजी द्विभाषी धारावाहिक संविधान (2014) में अपनी भूमिकाओं के साथ सलीम गौस ने घर-घर में पहचान बनाई थी।

By Ruchi VajpayeeEdited By: Publish:Fri, 29 Apr 2022 07:37 AM (IST) Updated:Fri, 29 Apr 2022 12:34 PM (IST)
Salim Ghouse Passes Away: अभिनेता सलीम गौस का हार्ट अटैक से निधन, 'भारत एक खोज' से घर-घर में हुए थे पॉपुलर
Salim Ghouse Passes Away at the age of 70

नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड, दक्षिण भारतीय और अंग्रेजी फिल्मों में अभिनय करने वाले, टेलीविजन और फिल्म अभिनेता सलीम गौस का गुरुवार को मुंबई में कार्डियक अरेस्ट के चलते निधन हो गया। उनकी पत्नी अनीता और बेटे अरयामा के अनुसार, 70 वर्षीय सलीम गौस को बुधवार देर रात वर्सोवा के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ।

चेन्नई में जन्मे और वहीं शिक्षित हुए, गौस ने बाद में एफटीआईआई, पुणे से स्नातक किया, और फिर सिनेमाघरों में उतर गए। वह एक मार्शल आर्ट विशेषज्ञ भी थे। भारत एक खोज, वागले की दुनिया, ये जो है जिंदगी, और सुबह में अपनी भूमिकाओं के लिए जाने जाने वाले, सलीम गौस ने बॉलीवुड और दक्षिण भारत में समान लोकप्रियता हासिल की। उन्होंने साल 1978 में फिल्म स्वर्ग नर्क के साथ अपने अभिनय की शुरुआत की। इसके बाद कुछ सबसे बड़े सितारों और बैनरों के साथ भी कई फिल्मों में नजर आए। डीडी पर आने वाला 'सीरियल भारत एक खोज' इनमें सबसे अहम था। इस शो से उन्हें घर-घर में पहचान मिली थी। 

सलीम गौस को उनकी बेहतरीन अदाकारी के लिए जाना जाता था, उन्होंने चक्र (1981), सारांश और मोहन जोशी हाजिर हो जैसी कई पुरस्कार विजेता फिल्मों में उल्लेखनीय भूमिकाएं निभाईं। इसके अलावा वो दोनों (1984), और त्रिकाल (1985) में भी नजर आए। साथ ही कोयला में शाह रुख खान के साथ देखा गया, इसके अलावा मुजरिम, शपथ, कमल हासन की वेट्री विज़ा, मोहनलाल की थजवरम और वेल डन अब्बा जैसी फिल्मों में प्रमुख भूमिकाएं निभाईं। उन्हें आखिरी बार तमिल फिल्म का (2022) में देखा गया था।

उनके बारे में कहा जाता है कि जितनी आसानी से वो हिंदी के डायलॉग्स बोलते थे, उतने ही वो तमिल, तेलुगु, मलयालम और अंग्रेजी जैसी कई भाषाओं में संवाद बोलते में सहज थे। उनकी अन्य फिल्मों में द्रोही (तेलुगु में भी), चिन्ना गौंडर (दोनों 1992), मणिरत्नम की थिरुदा थिरुदा (1993), सरदारी बेगम (1996) शामिल हैं। सोल्जर (1998), इंडियन (2001), और मिस्ड कॉल (2005)।

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