अक्षय खन्ना और ऐश्वर्या ने अपने 'डायरेक्टर' को दी श्रद्धांजलि, फिर कैमरे के पीछे नहीं गये ऋषि कपूर

Rishi Kapoor Death यह वो दौर था जब लीड एक्टर के तौर पर ऋषि कपूर अपनी पारी को विराम दे रहे थे और फ़िल्मों में सहायक भूमिकाएं निभाना शुरू कर रहे थे। (Photo- Instagram)

By Manoj VashisthEdited By: Publish:Thu, 30 Apr 2020 05:35 PM (IST) Updated:Fri, 01 May 2020 03:24 PM (IST)
अक्षय खन्ना और ऐश्वर्या ने अपने 'डायरेक्टर' को दी श्रद्धांजलि, फिर कैमरे के पीछे नहीं गये ऋषि कपूर
अक्षय खन्ना और ऐश्वर्या ने अपने 'डायरेक्टर' को दी श्रद्धांजलि, फिर कैमरे के पीछे नहीं गये ऋषि कपूर

नई दिल्ली, जेएनएन। ऋषि कपूर ने अपने फ़िल्मी करियर में अभिनय की लम्बी पारी खेली और यादगार भूमिकाओं से कई पीढ़ियों का मनोरंजन किया, मगर बतौर निर्देशक उन्हें ख़ास सफलता नहीं मिली। ऋषि ने अपने करियर में सिर्फ़ एक फ़िल्म का निर्देशन किया था, जिसमें उन्होंने राजेश खन्ना, अक्षय खन्ना और ऐश्वर्या राय बच्चन जैसे कलाकारों को निर्देशित किया था। यह दोनों के करियर की शुरुआती फ़िल्म थी। अक्षय और ऐश्वर्या ने ऋषि को श्रद्धांजलि दी। 

यह फ़िल्म थी 1999 में आयी आ अब लौट चलें, जो फ़िल्म उनके परिवार के प्रोडक्शन हाउस आरके फ़िल्म्स की भी आख़िरी फ़िल्म थी। इस रोमांटिक म्यूज़िकल फ़िल्म में ऋषि ने हिंदी सिनेमा के एक और सितारे राजेश खन्ना को निर्देशित किया था। आ अब लौट चलें में मुख्य किरदार अक्षय खन्ना, सुमन रंगनाथन और ऐश्वर्या राय बच्चन ने निभाये थे। ऐश्वर्या के करियर की यह दूसरी हिंदी फ़िल्म थी। इस फ़िल्म के बाद ऋषि ने डायरेक्शन की कोशिश नहीं की। 

यह वो दौर था, जब लीड एक्टर के तौर पर ऋषि कपूर अपनी पारी को विराम दे रहे थे और फ़िल्मों में सहायक भूमिकाएं निभाना शुरू कर रहे थे। बतौर एक्टर ऋषि का करियर चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में शुरू हो गया था। पिता राज कपूर की फ़िल्म श्री 420 के सुपरहिट गाने प्यार हुआ इकरार हुआ में ऋषि पहली बार नज़र आये थे। तब उनकी उम्र लगभग 3 साल रही होगी। इसके बाद मेरा नाम जोकर में ऋषि ने पिता राज कपूर के किशोरवय किरदार को निभाया। उस वक़्त उनकी उम्र 18 साल थी।

ऋषि ने बॉबी से 21 साल की उम्र में बतौर मुख्य अभिनेता करियर शुरू किया, जिसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। हिंदी सिनेमा में रोमांटिक हीरो के तौर पर ऋषि ने जितनी लम्बी पारी खेली, उतनी शायद की किसी दूसरे एक्टर ने खेली हो। ऋषि कपूर का निधन गुरुवार सुबह हुआ था। 2018 में कैंसर का इलाज करवाने वो न्यूयॉर्क गये थे और ठीक होकर पिछले साल सितम्बर में ही लौटे थे। 

हिंदी सिनेमा के वेटरन एक्टर ऋषि कपूर की अब बस यादें बाक़ी हैं। मुंबई के चंंदनवाड़ी शवदाह गृह में विद्युत मशीन के ज़रिए गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया। यह भी विडम्बना है कि लाखों दिलों पर राज करने वाले सितारे के अंतिम संस्कार में सिर्फ़ 24 लोग शामिल हो सके। देश में चल रहे लॉकडाउन की वजह से सिर्फ़ 24 लोगों को अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दी गयी थी। 

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