Nithya Menen का मानना है कि फिल्मों को महिला और पुरुष प्रधान में बांटना सही नहीं

नित्या मेनन और अभिषेक बच्चन की ब्रीद फ़िल्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज़ होने वाली है।

By Priti KushwahaEdited By: Publish:Fri, 10 Jul 2020 04:59 PM (IST) Updated:Fri, 10 Jul 2020 04:59 PM (IST)
Nithya Menen का मानना है कि फिल्मों को महिला और पुरुष प्रधान में बांटना सही नहीं
Nithya Menen का मानना है कि फिल्मों को महिला और पुरुष प्रधान में बांटना सही नहीं

नई दिल्ली, जेएनएन। दक्षिण भारतीय फिल्मों में काम कर चुकीं नित्या मेनन ने 'मिशन मंगल' से हिंदी सिनेमा में कदम रखा था। अब वह वेब सीरीज 'ब्रीद' के दूसरे सीजन 'ब्रीद- इन टू द शैडोज' में अभिषेक बच्चन के अपोजिट नजर आ रही हैं। उनसे प्रियंका सिंह के बातचीत के कुछ अंश... 

'ब्रीद' का पहला सीजन काफी सराहा गया था। पहले सीजन की प्रसिद्धि का क्या कोई दबाव था?

दोनों ही सीजन के बीच कुछ कनेक्शन नहीं था। अलग कहानी थी। इसलिए किसी तरह का दबाव नहीं था। किसी भी सीजन की प्रसिद्धि उसके अगले सीजन के लिए लाभदायक ही होती है। 

हिंदी के साथ दक्षिण भारतीय फिल्में भी कर रही हैं। ऐसे में आपका फोकस अब ज्यादा कहां होगा?

दक्षिण भारत में मैं कन्नड़, मलयालम, तमिल, तेलुगू चार भाषाओं में काम करती आ रही हूं। हिंदी पांचवी भाषा है, जिसमें मैं काम कर रही हूं। मुझे भाषा की विविधता अच्छी लगती है। मैंने इनमें से कोई भाषा सीखी नहीं हैं। जिस मौहाल में मैं बड़ी हुई हूं, वहां आसपास ये भाषाएं बोली जाती रही हैं। इस वजह से मैं इनसे वाकिफ हूं। इस वजह से मैं अपने सीन्स की डबिंग खुद कर पाती हूं। भाषा कभी मेरे लिए दीवार नहीं रही।

अब महिलाओं से जुड़ी स्क्रिप्ट लिखी जाती हैं। साउथ में भी क्या यह बदलाव नजर आता है?

हर इंडस्ट्री में काम हो रहा है, फिर चाहे कमर्शियल सिनेमा हो या आर्ट सिनेमा। हालांकि मुझे महिलाप्रधान फिल्में बोलने में अच्छा नहीं लगता है। फिल्म में मुख्य किरदार अभिनेता का भी हो सकता है और अभिनेत्री का भी। 

दोनों को अलग-अलग वर्ग में नहीं रखना चाहिए। आगामी प्रोजेक्ट्स कौन से होंगे?

मेरे पास चार-पांच दक्षिण भारतीय फिल्में हैं, जिनकी शूटिंग शुरू होने वाली थी, लेकिन कोरोना की वजह से सब कुछ रुका हुआ है। हिंदी में फिलहाल अच्छी स्क्रिप्ट का इंतजार है। 

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