मशहूर गीतकार संतोष आनंद के बेटे-बहू ने की खुदकुशी

दो बार फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित मशहूर फिल्म गीतकार संतोष आनंद के बेटे संकल्प आनंद (38) और बहू नरेश नंदिनी (34) ने बुधवार को उत्तर

By rohitEdited By: Publish:Thu, 16 Oct 2014 08:56 AM (IST) Updated:Thu, 16 Oct 2014 09:00 AM (IST)
मशहूर गीतकार संतोष आनंद के बेटे-बहू ने की खुदकुशी

मथुरा। दो बार फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित मशहूर फिल्म गीतकार संतोष आनंद के बेटे संकल्प आनंद (38) और बहू नरेश नंदिनी (34) ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के कोसी कलां में इंटरसिटी ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली।

दंपति की पांच वर्षीय बेटी गंभीर रूप से घायल हो गई। संकल्प दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश नारायण नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फोरेंसिक साइंस में लेक्चरर थे। यह इंस्टीट्यूट गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है। घटनास्थल से उनकी कार और 10 पेज का सुसाइड नोट बरामद हुआ है। नोट में संकल्प ने करोड़ों रुपये की हेराफेरी में फंसाए जाने का जिक्र किया है। साथ ही एक दर्जन से ज्यादा लोगों को मौत का जिम्मेदार ठहराया है। इनमें गृह मंत्रालय के एक पुलिस अधिकारी और संस्थान के पूर्व निदेशक भी शामिल हैं।

चश्मदीद रेलवेकर्मी गिरिराज ने 'जागरण' को बताया कि सुबह साढ़े सात बजे आगरा की ओर से इंटरसिटी आने वाली थी। इस दौरान लाल रंग की एक फॉक्सवैगन कार रेलवे ट्रैक के पास आकर खड़ी हो गई। इसमें सेदंपति और बच्ची उतरे। उन्होंने यहां तक कार लाने पर आपत्ति की और दंपति से यहां से जाने को कहा। इस पर युवक ने कहा कि फ्रेश होने के लिए इधर आए हैं और जल्द चले जाएंगे। इसके बाद गिरिराज चला गया। इंटरसिटी गुजरने के बाद पीछे देखा, तो हादसा हो चुका था।

सूचना पर आरपीएफ ने घायल बच्ची को कोसीकलां के मंगला अस्पताल भेज दिया। युवक के गले में फंसे लोकनायक जयप्रकाश नारायण नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फोरेंसिक साइंस, दिल्ली के आइकार्ड में नाम संकल्प आनंद पुत्र संतोष आनंद, पद लेक्चरर, निवासी सुखदेव विहार, दिल्ली लिखा था। ट्रैक के नजदीक लाल रंग की कार खड़ी थी, जिसकी तलाशी में मिले कागजातों के आधार पर युवती संकल्प की पत्नी नरेश नंदिनी और घायल बच्ची के उनकी बेटी रिदिमा होने की जानकारी मिली। पुलिस को कार से दंपति द्वारा एक दिन पहले लिखा गया 10 पेज का सुसाइड नोट मिला है। इसमें आत्महत्या के पीछे इंस्टीटयूट में हुए लेनदेन का जिक्र करते हुए अपने गलत कदमों, साथी कर्मचारियों-अधिकारियों द्वारा उसे फंसाए जाने, धमकी देने और पैसे का गबन करने की कहानी लिखी है।

इसमें आत्महत्या के लिए जिम्मेदार एक दर्जन से ज्यादा लोगों के नाम भी खोले गए हैं। घटनास्थल से पुलिस को दो मोबाइल फोन भी मिले थे, मगर पुलिस ने कई घंटों तक परिजनों को सूचना देने की जरूरत नहीं समझी। जब पिता, परिजनों व अन्य परिचितों को पता चला तो पोस्टमार्टम गृह पर लोगों का तांता लग गया।

क्रांति, रोटी-कपड़ा और मकान फिल्म के भी गीत लिखे

चर्चित गीतकार रहे संतोष आनंद ने 'क्रांति', 'रोटी, कपड़ा और मकान', 'प्यासा सावन', 'जुनून', 'शोर', 'प्रेमरोग' और 'सूर्या' समेत तमाम फिल्मों में गाने लिखे हैं। इन गीतों में अबकी बरस तुझे धरती की रानी..., चना जोर गरम..., जिंदगी की न टूटे लड़ी..., हाय हाय ये मजबूरी..., जो प्यार कर गए..., मैं ना भूलंूगा-मैं ना भूलूंगी..., मारा ठुमका बदल गई चाल मितवा..., मेघा रहे मेघा रे..., मुहब्बत है क्या चीज..., तेरा साथ है तो हमें क्या कमी है..., एक प्यार का नगमा है... आज भी लोकप्रिय हैं। लता मंगेशकर, महेंद्र कपूर, मोहम्मद अजीज, कुमार शानू और कविता कृष्णमूर्ति जैसे प्लेबैक सिंगर्स ने उनके गीतों को आवाज दी। शोमैन राजकपूर और अभिनेता मनोज कुमार की अनेक फिल्मों में उन्होंने गाने लिखे।

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