जीना है हर किरदार - नवाजुद्दीन सिद्दीकी

स्टारडम को कलाकार अलग-अलग तरह से परिभाषित करते हैं। नवाजुद्दीन सिद्दीकी के शब्दों में, ‘मेरे लिए स्टारडम का अर्थ उम्दा काम करना है। मैं अच्छी फिल्में और दमदार रोल करना चाहता हूं। मैं काम को लेकर कभी भी लालची नहीं रहा लेकिन अच्छा रोल मिलने पर अपना सर्वश्रेष्ठ देने की

By Monika SharmaEdited By: Publish:Sun, 04 Oct 2015 11:42 AM (IST) Updated:Sun, 04 Oct 2015 01:29 PM (IST)
जीना है हर किरदार - नवाजुद्दीन सिद्दीकी

मुंबई। स्टारडम को कलाकार अलग-अलग तरह से परिभाषित करते हैं। नवाजुद्दीन सिद्दीकी के शब्दों में, ‘मेरे लिए स्टारडम का अर्थ उम्दा काम करना है। मैं अच्छी फिल्में और दमदार रोल करना चाहता हूं। मैं काम को लेकर कभी भी लालची नहीं रहा लेकिन अच्छा रोल मिलने पर अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करता हूं।’

न्यूयॉर्क में बीमार बहन से क्यों नहीं मिल पाई काजोल?

वे स्पष्ट तौर पर कहते हैं, ‘मेरा फोकस अपने किरदार को बेहतरीन तरीके से निभाने पर रहता है। मेरा पहला शॉट फिल्म में चालीस सेकेंड का था। उसके बाद मुझे एक मिनट का रोल मिला। उसके बाद बेहतरीन किरदार मिलना शुरू हुए। मुझमें असुरक्षा सिर्फ अपने किरदार को लेकर रहती है कि मैं उसे बेहतर तरीके से निभा पाऊंगा या नहीं। ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के समय उस प्रकार के किरदारों को मैंने देखा था। दरअसल, मैं 12 साल तक खाली रहा था लेकिन तब बहुत ट्रैवल किया और लोगों को ऑब्जर्व किया। मैं उन ऑब्जर्वेशन को अपने किरदारों में ढालने की कोशिश करता हूं। ‘लंचबॉक्स’ में मैंने अपने दोस्त की नकल की थी। जब उसने फिल्म देखी तो मुझे मैसेज भेजकर शुक्रिया कहा। जब उसने मुझसे मुलाकात की तो खूब लड़ा।’

‘बजरंगी भाईजान’ में नवाज ने पाकिस्तानी पत्रकार की भूमिका अदा की थी। वह पाकिस्तानी फिल्मों में भी काम करने को तैयार हैं। बकौल नवाज, ‘अगर मुझे पाकिस्तान से अच्छे रोल ऑफर होंगे तो जरूर करूंगा। मैं किसी भी भाषा की फिल्म करने को तैयार हूं। शर्त यह है कि रोल दमदार होना चाहिए।’

एक्स-बॉयफ्रेंड की वजह से ऐश्वर्या नहीं बन पाईं बाजीराव की मस्तानी!

chat bot
आपका साथी