फिल्मकार कुंदन शाह का निधन, जाने भी दो यारों से हुए थे फेमस
उन्होंने कभी हां कभी ना जैसी फिल्में और नुक्कड़ और वागले की दुनिया जैसे फेमस धारावाहिक भी बनाये।
मुंबई। जाने माने फिल्म निर्देशक और लेखक कुंदन शाह का शनिवार को मुंबई में निधन हो गया। वो 69 वर्ष के थे। कई बेहतरीन फिल्में बनाने के साथ उन्होंने लोकप्रिय टीवी सीरियल्स भी बनाये हैं।
जानकारी के मुताबिक उनका निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ। कुंदन शाह को हमेशा उनकी फिल्म जाने भी दो यारों के चलते याद किया जाता था। उन्होंने कभी हां कभी ना जैसी फिल्में और नुक्कड़ और वागले की दुनिया जैसे फेमस धारावाहिक भी बनाये। Jaane bhi do yaaron... RIP Kundan Shah. 🙏🏻 Sad news. Oh my friend I miss you. I know u will bring smiles around wherever u are…but this world will laugh less now. RIP pic.twitter.com/3htJoJUtZh
लेखक और निर्देशक कुंदन शाह का शनिवार की सुबह मुंबई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया । सिर्फ 12 दिनों बाद उनका 70वां जन्मदिन था। 19 अक्टूबर 1947 को जन्में कुंदन शाह की आखिरी फिल्म 'पी से पीएम तक' थी जो 2014 में रिलीज़ हुई थी। कुंदन शाह ने फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट अॉफ इंडिया, पुणे से पढ़ाई की थी। उन्होंने हिंदी सिनेमा में व्यंग्यात्मक कॉमेडी की शुरुआत की थी। बतौर डायरेक्टर जाने भी दो यारों उनकी पहली फिल्म थी जो कि आज भी हिंदी सिनेमा की कल्ट फिल्मों की लिस्ट में सबसे ऊपर है। इस फिल्म में नसीरुद्दीन शाह और रवि वासवानी काम किया था। इसके अलावा उन्होंने कभी हां कभी ना (1993) का निर्देशन किया और टीवी शो नुक्कड़ (1986) और वागले की दुनिया (1988) का बनाया । साल 2000 में आई 'क्या कहना 'का कुंदन शाह ने ही निर्देशन किया था। इस फिल्म में मुख्य अदाकार प्रीति जिंटा थीं। यह फिल्म उस समय की लीग से हटकर फिल्म थी। इसी साल 19 मई को फिल्म क्या कहना को 17 साल पूरे हो गए हैं।
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विद्या बालन की श्रद्धांजलि
उनके निधन की ख़बर आते ही बॉलीवुड में शो की लहर दौड़ गई। मुंबई में एक कार्यक्रम में आईं विद्या बालन ने उनकी शाहरुख़ खान स्टारर कभी हां कभी ना को याद करते हुए कहा कि उन्होंने कई बार ये फिल्म देखी है और हर बार उन्हें इस फिल्म पर प्यार आता है। वो इमोशनल हो जाती हैं। वो एक अच्छी सोच लेकर आये थे कि प्यारा होने के लिए हर किसी का बेस्ट और सफल होना जरुरी नहीं है।
निर्देशकों ने कहा हमने मेंटर को खो दिया
कबीर खान ने कहा है जब वो मुंबई आए थे तब पहली बार उन्हें नुक्कड़ के सेट पर ले जाया गया था। उस समय कुंदन ने बहुत ही अच्छे से पूरे सेट को दिखाया था। उनका सेंस अॉफ ह्यूमर कमाल का था। अनुराग कश्यप ने कहा कि शुरुआती दौर में उनके साथ काम किया है। उनसे काफी आत्मियता का रिश्ता था। जाने भी दो यारो अबतक की बेस्ट पॉलिटिकल सटायर फिल्म है और रहेगी। आगे अनुराग ने बताया कि, जब तेजस लिख रहा था तो पूरे सीन उनको दिखाए थे। तब उन्होंने बताया था कि कैसे बेस्ट कर सकते हैं। दंगल के निर्देशक नितेश तिवारी ने कहा कि, ये जो है जिंदगी और नुक्कड़ ह्यूज एंटरटेनमेंट थे। मुझे एक एड शूट करने के दौरान उनसे मौका मिला था उनसे मिलने का। उन्होंने ही इस एड की स्क्रिप्ट लिखी थी। श्रीनिवास वागले ने कहा, कुंदन शाह का जाना एक मेंटर का जाना है। हमने एक मेंटर खो दिया है। वो एक एेसे डायरेक्टर थे जिसके एक्शन को नहीं भूल सकते। उन्होने लक्ष्मण द्वारा लिखे गए एपिसोड्स को अलग तरह बना दिया था और मुझे वागले बनाया, इस नाम को मैं आज 27 साल बाद भी याद करता हूं। अंजन श्रीवास्तव कहते हैं, हमने एेसे फिल्ममेकर को खो दिया है जिनके पास प्रोडक्ट को क्रिएट करने की केपेसिटी थी।