Feroz Khan Death Anniversary: 'अपराध' से निर्देशक बनने के बाद बदली किस्मत, लगाई हिट फिल्मों की झड़ी

बॉलीवुड में काऊब्वॉय के नाम से मशहूर फिरोज खान ने अपने करियर की शुरुआत बतौर सपोर्टिंग एक्टर की थी। अपनी निजी जिंदगी और फिल्मों को लेकर हमेशा चर्चा में बने रहने वाले फिरोज खान की फिल्में हॉलीवुड के वेस्टर्न जॉनर से प्रभावित रहीं जिनमें उन्हें काऊब्वॉय वाले अंदाज में देखा गया। फिरोज बतौर निर्माता निर्देशक उतने ही सफल रहे जितने एक अभिनेता के तौर पर।

By Tanya Arora Edited By: Tanya Arora Publish:Thu, 27 Apr 2023 10:16 AM (IST) Updated:Fri, 26 Apr 2024 02:30 PM (IST)
Feroz Khan Death Anniversary: 'अपराध' से निर्देशक बनने के बाद बदली किस्मत, लगाई हिट फिल्मों की झड़ी
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एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा के सबसे स्टाइलिश सितारों में से एक फिरोज खान अपने लुक और संवाद अदाएगी के खास अंदाज के लिए लोकप्रिय रहे। 27 अप्रैल को फिरोज खान की 15वीं पुण्यतिथि है। 2009 में कैंसर के कारण उनका निधन हो गया था।

एक सफल अभिनेता होने के साथ फिरोज निर्देशक और निर्माता भी थे। उनके निर्माण-निर्देशन में बनी कुछ फिल्में आज भी आइकॉनिक मानी जाती हैं। रोमांचक कहानी के साथ कर्णप्रिय संगीत उनकी फिल्मों का हिस्सा रहा। 70-80 के दशक के सबसे खूबसूरत हीरोज में से एक फिरोज साहब को इंडस्ट्री का 'काऊ' ब्वॉय कहा जाता था।

उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक छोटे से रोल से की थी, लेकिन उसकी छाप उन्होंने फैंस के दिलों पर छोड़ी। आपको बता दें कि उनके पिता अफगानिस्तान के रहने वाले थे, जबकि बाद में अपने पूरे परिवार के साथ वह इंडिया में शिफ्ट हो गए थे। चलिए जानते हैं उनकी जिंदगी के बारे में कुछ दिलचस्प बातें।

कहां हुआ था फिरोज खान का जन्म? बेंगलुरु में हुई थी फिरोज खान की शिक्षा-दीक्षा? दो बच्चों के पिता हैं फिरोज खान? फिरोज खान ने इस फिल्म से किया था डेब्यू? 60 के करीब फिल्मों में किया काम? निर्देशक और निर्माता के तौर पर भी रहे सफल? इन अवॉर्ड से फिरोज खान को किया गया सम्मानित?

कहां हुआ था फिरोज खान का जन्म?

फिरोज खान का जन्म 25 सितंबर 1939 को बेंगलुरु में मैसूर में हुआ था। उनका असली नाम जुल्फिकार अली शाह खान तनोली है। उनके पिता सादिक अली खान तनोली ओरिजिनली फगानिस्तान के गजनी के रहने वाले थे, जबकि उनकी मां फातिमा एक ईरानी थीं।

उनके चार भाई संजय खान (शाह अब्बास खान), शाह रुख शाह अली खान, समीर खान और अकबर खान हैं। इसके अलावा उनकी दो बहनें खुर्शीद शहनवार एंड दिलशाद बेगम शेख हैं। 69 साल की उम्र में 27 अप्रैल 2009 को उन्होंने कैंसर से जूझते हुए इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।

बेंगलुरु में हुई थी फिरोज खान की शिक्षा-दीक्षा

फिरोज खान ने अपनी शुरूआती शिक्षा बेंगलुरु में बिशप कॉटन बॉयज स्कूल और सेंट जर्मेन हाई स्कूल से पूरी की। उन्होंने अपना पूरा बचपन कर्नाटक में ही व्यतीत किया। अपनी स्कूलिंग पूरी करने के बाद वह एक्टर बनने का ख्वाब देखने लगे।

स्कूल पूरा करते ही फिरोज खान मुंबई आ गए और उन्होंने एक्टिंग में अपना करियर शुरू किया। उनकी पहली फिल्म में उनका रोल बेहद ही छोटा था, लेकिन इसके बावजूद फिरोज खान ने कभी हार नहीं मानी।

दो बच्चों के पिता फिरोज खान

फिरोज खान की निजी जिंदगी की बात करें तो उन्होंने साल 1965 में सुंदरी खान के साथ की थी। दोनों के दो बच्चे हैं, फरदीन खान और बेटी लैला खान। फरदीन खान ने भी अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए अभिनय कला में अपना हाथ आजमाया।

हालांकि, उनकी बेटी लैला खान ने फिल्मों की चकाचौंध से खुद को हमेशा दूर रखा। 1965 को शादी के बंधन में बंधे फिरोज खान और सुंदरी खान शादी के 20 साल बाद एक-दूसरे से अलग हो गए, दोनों ने तलाक ले लिया। आपको बता दें कि जायेद खान, सुजैन खान और फराह अली खान उनके भतीजी और भतीजे हैं।

फिरोज खान ने इस फिल्म से किया था डेब्यू

अपनी स्कूलिंग पूरी करने के बाद फिरोज खान मुंबई आ गए और उन्होंने पहली फिल्म 1956 में की, जिसमें उनका एक छोटा सा किरदार था। इस फिल्म का नाम 'हम सब चोर है, था। इसके बाद उन्होंने जमाना, बड़े सरकार और दीदी जैसी फिल्मों सेकंड लीड के तौर पर काम किया।

1960 से 1970 के दौरान फिरोज खान ने कई फिल्मों में काम किया। हालांकि, उनकी लीड अभिनेता के तौर पर जो पहली फिल्म आई वह 'घर की लाज' थी, जिसमें उनके अपोजिट निरूपा रॉय ने मुख्य भूमिका निभाई थी।

इसके बाद उन्होंने 1962 में सिमी ग्रेवाल के अपोजिट फिल्म 'टार्जन गोज टू इंडिया' में काम किया। हालांकि, उन्होंने साल 1965 में फणी मजूमदार की फिल्म ऊंचे लोग में काम किया, जो उनके करियर की पहली हिट फिल्म साबित हुई।

60 के करीब फिल्मों में किया काम

फिरोज खान ने अपने पूरे करियर में 60 के करीब फिल्मों में काम किया, जिसमें मिस्टर इंडिया, प्राइवेट डिटेक्टिव, रिपोर्टर राजू, मैं शादी करने चला, बहुरानी, सैमसन, चार देरवेश, आरजू, तीसरा कौन, रात और दिन, औरत, सीआईडी 9.0.9, आजा सनम, अंजाम, अंजान है कोई जैसी कई लोकप्रिय फिल्में शामिल हैं।

उनके अभिनय को न सिर्फ बतौर अभिनेता सराहा गया, बल्कि 'वेलकम' और कई फिल्मों में बतौर विलेन भी उन्हें काफी पसंद किया गया। फिरोज खान की लास्ट फिल्म 'वेलकम' थी।

निर्देशक और निर्माता के तौर पर भी रहे सफल

फिरोज खान सिर्फ एक मंझे हुए अभिनेता ही नहीं थे, बल्कि वह एक बहुत ही शानदार डायरेक्टर भी रहे हैं। उन्होंने बतौर निर्देशक अपने करियर की शुरुआत 1972 में रिलीज हुई फिल्म 'अपराध' से की थी। ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट रही थी।

इसके बाद उन्होंने किसी फिल्म को डायरेक्ट तो नहीं किया, लेकिन उन्होंने धर्मात्मा, कुर्बानी, जांबाज, विनोद खन्ना की 'दयावान' और यलगार जैसी फिल्मों को प्रोड्यूस किया। आपको बता दें कि विनोद खन्ना संग फिरोज खान की दोस्ती काफी अच्छी थी।

उन्होंने साल 2003 में 'जानशीं' प्रोड्यूस की थी, जो उनकी बतौर प्रोड्यूसर आखिरी फिल्म थी। 1998 में रिलीज हुई फिल्म 'प्रेम अगन' से उन्होंने बेटे फरदीन खान को बॉलीवुड में लॉन्च किया था।

इन अवॉर्ड से फिरोज खान को किया गया सम्मानित

फिरोज खान को उनकी फिल्म 'आदमी और इंसान' के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के रोल के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्होंने फिल्म 'सफर' और 'इंटरनेशनल क्रूक' के लिए सपोर्टिंग एक्टर के रोल में फिल्मफेयर अवॉर्ड जीता था।

साल 2001 में उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा आइफा अवॉर्ड, जी अवॉर्ड और स्टारडस्ट जैसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड से भी उन्हें सम्मानित किया गया।

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