UP Assembly Election : सपा-कांग्रेस गठबंधन के फंसे पेंच को सुलझाएंगी प्रियंका गांधी

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में चुनाव पूर्व गठबंधन को लेकर फंसे पेच को सुलझाने के लिए प्रियंका गांधी खुद सक्रिय हो गई हैं। प्रियंका ने दूत धीरज को अखिलेश यादव के पास भेजा था।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Sat, 21 Jan 2017 04:42 PM (IST) Updated:Sun, 22 Jan 2017 09:19 AM (IST)
UP Assembly Election : सपा-कांग्रेस गठबंधन के फंसे पेंच को सुलझाएंगी प्रियंका गांधी
UP Assembly Election : सपा-कांग्रेस गठबंधन के फंसे पेंच को सुलझाएंगी प्रियंका गांधी

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सत्ता पर काबिज समाजवादी पार्टी तथा कांग्रेस के गठबंधन में पेंच फंस गया है। यहां कांग्रेस की सीटों को लेकर बात नहीं बन पा रही है, इसी के बीच अब पेंच को सुलझाने का मोर्चा प्रियंका गांधी ने संभाल लिया है। प्रियंका ने अपना एक दूत मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास भेजा है।

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में चुनाव पूर्व गठबंधन को लेकर फंसे पेच को सुलझाने के लिए प्रियंका गांधी खुद सक्रिय हो गई हैं। इस सिलसिले में प्रियंका ने अपने दूत धीरज को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास मिलने भेजा था। बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी समाजवादी पार्टी से गठबंधन को लेकर काफी गंभीर हैं। अखिलेश ने प्रियंका के दूत के माध्यम से भेजे गए 11 पेज के संदेश का अभी जवाब नहीं दिया है।

यह भी पढ़ें: UP विधानसभा चुनाव : अंबिका के सपा छोडऩे से मुलायम आहत, नहीं करेंगे प्रचार

माना जा रहा है कि अखिलेश यादव की तरफ से प्रियंका के दूत को उत्तर प्रदेश में गठबंधन की बाबत कल तक जवाब मिल जाएगा। समाजवादी पार्टी ने दो सूची जारी की है, जिसमें 210 प्रत्याशियों के नाम हैं। माना जा रहा है कि प्रियंका ने अमेठी व रायबरेली की सीट छोडऩे का संदेश दिया है। अभी प्रियंका का दूत धीरज लखनऊ के ही एक होटल में हैं। वह अखिलेश यादव की ओर से कोई भी संदेश मिलते ही दिल्ली रवाना हो जाएगा। कांग्रेस नेताओं ने प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप की पुष्टि की लेकिन दूत पर कोई भी बात नहीं की।

यह भी पढ़ें: अंबिका चौधरी का सपा से मोहभंग, बसपा ने दिया फेफना से टिकट

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस व समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन पर अभी भी काफी अनिश्चितता है। माना जा रहा है कि कांग्रेस सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव के अलावा अन्य किसी से भी गठबंधन की बात नहीं करेगी।

समाजवादी पार्टी की आंतरिक लड़ाई में अपनी हाल की जीत से मुख्यमंत्री के आत्मविश्वास बढ़ा है। वह अब सीटों की एक बड़ी संख्या के साथ विदाई विचार करने को तैयार है। समाजवादी पार्टी पहले कांग्रेस के लिए सौ सीटों को छोडऩे के लिए राजी थी, लेकिन अब समाजवादी पार्टी के नेता पुनर्विचार कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें: अंबिका चौधरी का सपा से मोहभंग, मायावती ने बसपा में शामिल कराया

अब कांग्रेस तथा समाजवादी पार्टी भाजपा को उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर रखने के लिए समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन पर जल्द कोई भी निर्णय चाहती है। अखिलेश लखनऊ में राहुल गांधी के आने तथा दोनों के बीच गठबंधन की घोषणा के साथ संयुक्त अभियान शुरू करने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के आगमन की उम्मीद में थे। इस पर कांग्रेस से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर पीछे हट गए।

यह भी पढ़ें: यूपी चुनाव 2017: BJP को रोकने के लिए BSP को वोट दें अल्पसंख्यकः मायावती

chat bot
आपका साथी