ऐसे तो मेवाड़-वागड़ से हो जाएगा कांग्रेस का सफाया

मेवाड़-वागड़ से राज्य मंत्रिमंडल में उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलने पर कांग्रेस का लोकसभा में सफाया तय है। यह बात कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ता कर रहे हैं।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Wed, 26 Dec 2018 11:56 AM (IST) Updated:Wed, 26 Dec 2018 11:56 AM (IST)
ऐसे तो मेवाड़-वागड़ से हो जाएगा कांग्रेस का सफाया
ऐसे तो मेवाड़-वागड़ से हो जाएगा कांग्रेस का सफाया

उदयपुर, सुभाष शर्मा। मेवाड़-वागड़ से राज्य मंत्रिमंडल में उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलने पर कांग्रेस का लोकसभा में सफाया तय है। यह बात भाजपाई नहीं बल्कि कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ता कर रहे हैं। यहां तक कुछ कांग्रेसी तो खुलकर विरोध में उतर आए हैं।

मेवाड़-वागड़ में शामिल छह जिलों में से उदयपुर, राजसमंद, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ जिले से मंत्रिमंडल में किसी भी विधायक को मौका नहीं दिया गया है, जबकि बांसवाड़ा और चित्तौडग़ढ़ से एक-एक विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

इसके अलावा क्षेत्र के दिग्गज कांग्रेसी नेताओं की भी अनदेखी मंत्रिमंडल में की गई है। जिनमें नाथद्वारा से निर्वाचित विधायक डॉ. सीपी जोशी, बागीदौरा से निर्वाचित विधायक महेंद्रजीतसिंह मालवीया और खेरवाड़ा से निर्वाचित विधायक डॉ. दयाराम परमार शामिल हैं। इनके मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने पर इनके समर्थक पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरू कर दिया है। जो यहां तक कहने लगे हैं कि ऐसे तो लोकसभा चुनाव में मेवाड़-वागड़ से कांग्रेस का सफाया तय है।

कार्यकर्ता मायूस हैं और वह अब आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए काम नहीं करना चाहते। नाथद्वारा, खेरवाड़ा तथा बागीदौरा में जहां कांग्रेसियों का खुलकर विरोध सामने आया है वहीं जिन चार जिलों में भी कांग्रेसी मायूस हैं, जिन जिलों के विधायकों को मंत्रिमंडल में भागीदारी नहीं मिली।

राहुल गांधी को किया ट्वीट

खेरवाड़ा, नाथद्वारा और बागीदौरा के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को ट्विट करते हुए लिखा है कि राजस्थान सरकार के गठन में उनके विधायकों और जिले की अनदेखी पार्टी को भारी पड़ेगी। इसका परिणाम लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा जब कांग्रेस का खाता इस संभाग में नहीं खुल पाएगा। उनका कहना है कि फिलहाल संभाग की चारों लोकसभा सीट उदयपुर, राजसमंद, चित्तौडग़ढ़ और संयुक्त रूप से बांसवाड़ा और डूंगरपुर लोकसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है। क्षेत्र से महज दो विधायकों को ही मंत्रि परिषद में शामिल किए जाने से कार्यकर्ता निराश हैं और वह लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए काम नहीं करेंगे।

सोशल मीडिया पर उड़ाया मजाक

राज्य मंत्रिमंडल में अनदेखी को लेकर भाजपाई ही नहीं, बल्कि कांग्रेसियों ने भी सोशल मीडिया पर अपने विधायकों का मजाक उड़ाया है। यहां तक लोगों ने लिखा है कि उच्च शिक्षा और कई बार विधायक निर्वाचित होने या पूर्व में मंत्री रहने से यह भ्रम नहीं पालना चाहिए कि मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना आपका हक है। लोगों ने यहां तक लिखा है कि राहुल गांधी, अशोक गहलोत तथा सचिन पायलट से नजदीकी ही मंत्री बनने की वरियता है।

वसुंधरा सरकार में थे छह मंत्री

कांग्रेस ने इस बार मेवाड़-वागड़ से केवल दो जनों को ही मंत्रिमंडल में शामिल किया है, जबकि पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार में इस क्षेत्र से मंत्रियों की संख्या छह थी। जिसमें हर जिले को प्रतिनिधित्व था। इससे पहले गहलोत के दूसरे कार्यकाल में भी कांग्रेस ने पांच मंत्री बनाए तथा एक विधायक को संसदीय सचिव बनाया था।

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