राजस्थान विधानसभा चुनाव: कांग्रेस के पास कई तुरुप के पत्ते तो भाजपा के पास ट्रंप कार्ड

राजस्थान में कांग्रेस खुद को सत्ता के करीब मानकर चल रही है। लेकिन भाजपा आलाकमान ने तय कर रखा है कि पार्टी हथियार नहीं डालने वाली।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 12 Nov 2018 01:13 PM (IST) Updated:Mon, 12 Nov 2018 01:13 PM (IST)
राजस्थान विधानसभा चुनाव: कांग्रेस के पास कई तुरुप के पत्ते तो भाजपा के पास ट्रंप कार्ड
राजस्थान विधानसभा चुनाव: कांग्रेस के पास कई तुरुप के पत्ते तो भाजपा के पास ट्रंप कार्ड

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में सत्ता विरोधी लहर के चलते कांग्रेस खुद को सत्ता के करीब मानकर चल रही है। लेकिन भाजपा आलाकमान ने तय कर रखा है कि पार्टी हथियार नहीं डालने वाली। अमित शाह पिछले कई महीने से संगठन को दुरुस्त करने मे लगे हैं, वहीं भाजपा के ट्रंप कार्ड पीएम नरेंद्र मोदी की कम से एक दर्जन रैलियां करवा कर सत्ता विरोधी लहर को खत्म करने की भी रणनीति बनाई गई है। उधर, कांग्रेस के पास भी कई तुरुप के पत्ते हैं।

यह है भाजपा के ट्रंप कार्ड-

1. पीएम मोदी रैलियां

एंटी इंकम्बेंसी को खत्म करना मुश्किल है। राज्य सरकार के प्रति लोगों की नाराजगी और परंपरागत वोट बैंक के दूर होने से भाजपा की चिंता बढ़ी है। अब पार्टी पीएम मोदी के नाम और काम पर ही भरोसा कर रही है। पीएम की रैलियां करवा कर भाजपा माहौल को अपने पक्ष में करने के प्रयास में जुटी है। रैलियों की शुरुआत 23 नवंबर को अलवर जिले से होगी। इसके बाद 26 को जयपुर और भीलवाड़ा, 27 को नागौर एवं कोटा, 28 नवंबर को डुंगरपुर और दौसा मे मोदी रैली करेंगे। 4 दिसंबर को पीएम हनुमानगढ, सीकर और जोधपुर में चुनावी सभाएं करेंगे।

2. योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता

भाजपा राजस्थान में भी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी पूरा इस्तेमाल करने का मन बना चुका है। गोरखनाथ मठ से आस्था रखने वाले लोग राजस्थान के हर जिले में रहते है। पार्टी ने तय किया है कि योगी आदित्यनाथ की दो दर्जन जन सभाएं कराई जाएंगी।

3. अमित शाह की व्यूह रचना

संगठनात्मक कौशल में माहिर माने जाने वाले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने नीचले स्तर से लेकर प्रदेश तक चुनाव अभियान की कमान अपने हाथ में ले रखी है। उन्होंने मंडल स्तर से लेकर बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। उन्हें भरोसा दिलाया कि पार्टी की जीत में ही उनकी भी जीत है। केंद्रीय मंत्रियों को मैदान में उतारने की योजना बनाई गई है।

कांग्रेस के तुरुप के पत्ते:-

1. राहुल गांधी की सभाएं-

राहुल गांधी ने पिछले चार माह में आधा दर्जन सभाओं को संबोधित किया है। अब एक माह के चुनाव अभियान के दौरान राहुल की एक दर्जन से अधिक रैलियां कराने के साथ ही रोड़ शो कराने की रणनीति पार्टी ने बनाई है।

2. सोनिया गांधी का दौरा-

पार्टी यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी का दौरा कराने की भी रणनीति बना रही है। हालांकि सोनिया गांधी मात्र एक बार ही प्रदेश के दौरे पर आएगी।

3. हार्दिक पटेल,जिग्नेश मेवाणी और अल्पेश ठाकोर-

गुजरात विधानसभ चुनाव में भाजपा के लिए परेशानी उत्पन्न करने वाले इन तीनों युवा नेताओं से कांग्रेस को काफी उम्मीद है। कांग्रेस को लगता है कि हार्दिक गुजरात से सटे उदयपुर संभाग के साथ ही पाटीदार एवं गुर्जर समाज में पार्टी को फायदा दिला सकेंगे। जिग्नेश मेवाणी पिछले तीन माह से राज्य के अजा वर्ग में सक्रिय है।

4. राफेल, सीबीआई और वसुंधरा विरोधी लहर-

कांग्रेस को उम्मीद है कि राफेल और सीबीआई विवाद से पीएम मोदी की छवि पर असर हुआ है। इसका लाभ पार्टी को मिल सकता है।

5. राजपूत, जाट और गुर्जर समाज की नाराजगी-

विभिन्न मामलों को लेकर वसुंधरा सरकार से राजपूत समाज की नाराजगी को कांग्रेस भुनाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस राजपूत नेताओं को अपने साथ लेने में जुटी है।

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