भाजपा ने अपना वॉर रूम चंडीगढ़ से अमृतसर किया शिफ्ट, जानें क्‍यों उठाया यह कदम

लाेकसभा चुनाव 2019 में भाजपा अपने खोए गढ़ों अमृतसर और गुरदासपुर पर फिर से कब्‍जा करना चाहती है। इसके लिए उसने बड़ा कदम उठाया है और अपना वॉर रूम चंडीगढ़ से अमृतसर शिफ्ट कर लिया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Tue, 16 Apr 2019 09:03 AM (IST) Updated:Tue, 16 Apr 2019 09:05 PM (IST)
भाजपा ने अपना वॉर रूम चंडीगढ़ से अमृतसर किया शिफ्ट, जानें क्‍यों उठाया यह कदम
भाजपा ने अपना वॉर रूम चंडीगढ़ से अमृतसर किया शिफ्ट, जानें क्‍यों उठाया यह कदम

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव को लेकर अपना वॉर रूम चंडीगढ़ से शिफ्ट कर अमृतसर में स्थापित कर लिया है। पहले जहां यह वॉर रूम पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर काम कर रहा था, अब इसे केवल तीन सीटों पर कर दिया गया है, जहां भाजपा चुनाव लड़ेगी। वार रूम अमृतसर शिफ्ट करने के पीछे सबसे बड़ा कारण प्रदेश अध्यक्ष हैं, जो अमृतसर से हैं। भाजपा के लिए अमृतसर की सीट खासी महत्वपूर्ण है और इस सीट पर फिर कब्‍जा करने के लिए उसने यह कदम उठाया है।

अब यहीं से बनेगी तीन सीटों की रणनीति, अमृतसर से ही हैं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष

दिल्ली में जहां पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह टिकटों पर चर्चा कर रहे थे, वहीं, चंडीगढ़ में भारतीय जनता पार्टी अपने वॉर रूम का सामान शिफ्ट करने में जुटी थी। हालांकि, भाजपा का चंडीगढ़ का दफ्तर पहले की तरह ही काम करेगा, लेकिन लोकसभा चुनाव को लेकर सारी रणनीति अब अमृतसर से बनेगी।

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब भाजपा ने अपना वॉर रूम चंडीगढ़ से हटा कर कहीं और शिफ्ट किया हो। इससे पहले लोकसभा चुनाव को लेकर वॉर रूम अकसर जालंधर में स्थापित होता रहा है। इस बार इसे अमृतसर शिफ्ट किया गया है। प्रदेश में भाजपा सिर्फ अमृतसर, गुरदासपुर और होशियारपुर सीट पर चुनाव लड़ती है, जबकि बाकी की 10 सीटों पर शिरोमणि अकाली दल चुनाव लड़ती है।

अभी तक यह वार रूम पंजाब के सभी 13 सीटों पर काम कर रहा था। चूंकि भाजपा को जिन सीटों पर चुनाव लड़ना है, वहां पर कांग्रेस अपने प्रत्याशी की घोषणा कर चुकी है। पार्टी अपने खो चुके दो गढ़ों अमृतसर और गुरदासपुर पर फिर से कब्‍जा करना चाहती है, इसलिए भी उसने यह कदम उठाया है। गुरदासपुर में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल कर भाजपा से यह सीट छीन ली थी। अमृतसर में 2014 में कांग्रेस ने कब्‍जा किया था और उपचुनाव में भी जीत हासिल की।

दिल्ली पर लगी रही टकटकी

सोमवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की अगुवाई में दिल्ली में हुई बैठक की तरफ पंजाब के नेताओं की नजर लगी रही। जैसे ही भाजपा ने उत्तर प्रदेश की सीटों की घोषणा की, पंजाब के नेताओं की दिल की धड़कनें भी बढऩे लगीं। चूंकि पहले इस बात के संकेत मिल रहे थे कि भाजपा पंजाब की तीनों सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा कर सकती है, लेकिन देर रात तक भाजपा ने कोई ऐलान नहीं किया।

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