Exclusive Interview: विजेंद्र गुप्ता बोले- AAP के खिलाफ रेफरेंडम है MCD चुनाव

अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवासियों से झूठे वादे कर दिल्ली की सत्ता हासिल की थी, जिससे लोगों में उनके खिलाफ नाराजगी है।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 21 Apr 2017 07:22 AM (IST) Updated:Fri, 21 Apr 2017 11:29 AM (IST)
Exclusive Interview: विजेंद्र गुप्ता बोले- AAP के खिलाफ रेफरेंडम है MCD चुनाव
Exclusive Interview: विजेंद्र गुप्ता बोले- AAP के खिलाफ रेफरेंडम है MCD चुनाव

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली विधानसभा के सदन में भाजपा का सबसे मुखर चेहरा नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता नगर निगम चुनावों में भी आम आदमी पार्टी को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। चुनाव के विभिन्न मुद्दों पर उनसे दैनिक जागरण के मुख्य संवाददाता संतोष कुमार सिंह ने विजेंद्र गुप्ता से विशेष बातचीत की। प्रस्तुत है इस बातचीत के प्रमुख अंश :-

1. नगर निगम चुनाव को आप कैसे देखते हैं?

-इस चुनाव का विशेष महत्व है, क्योंकि लोग आम आदमी पार्टी (आप) की दिल्ली सरकार की नाकामियों के खिलाफ मतदान करेंगे। एक तरह से यह चुनाव आप के खिलाफ रेफरेंडम (जनमत संग्रह) होगा। अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवासियों से झूठे वादे कर दिल्ली की सत्ता हासिल की थी, जिससे लोगों में उनके खिलाफ नाराजगी है। राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव की तरह निगम चुनाव में भी आप की जमानत जब्त होगी। केजरीवाल राइट टू रिकॉल की बहुत बात करते थे। इसके लिए अब उन्हें तैयार रहना चाहिए।

2. दिल्ली की बदहाली के लिए कौन जिम्मेदार है?

- निश्चित रूप से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों इसके लिए जिम्मेदार हैं। पहले दस वर्षों तक कांग्रेस नगर निगमों के साथ भेदभाव करती रही और अब आप सरकार भी उसी राह पर है। आप सरकार ने सियासी लाभ उठाने के लिए निगमों को वित्तीय रूप से पंगु बनाने की साजिश की थी। आप सरकार की वजह से सफाई कर्मचारियों को अपने वेतन के लिए हड़ताल करनी पड़ी। दिल्ली की जनता आप की हकीकत जान गई है।

3.लेकिन, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस तो भाजपा शासित नगर निगमों को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं?

- शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट से केजरीवाल सरकार का भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद सब सामने आ गया है। वहीं, दिल्ली की जनता ने कांग्रेस को नकार दिया है। लोगों ने इसे लोकसभा व विधानसभा दोनों से बाहर कर दिया है, इसलिए कांग्रेसी लोगों को गुमराह करने में लगे हुए हैं।

4. विरोधी पार्टियां तो कह रही हैं कि निगम में भ्रष्टाचार की वजह से ही आपको मौजूदा पार्षदों को टिकट नहीं देने का फैसला करना पड़ा?

- नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है। भाजपा के कार्यकर्ता पद के लिए काम नहीं करते हैं। कभी उन्हें संगठन में जिम्मेदारी दी जाती है तो कभी चुनावी सियासत का हिस्सा बनाया जाता है। वे अपनी प्रत्येक जिम्मेदारी को ईमानदारी से निभाते हैं। नए चेहरे उतारने का फैसला भी इसी का हिस्सा है।

5. कैसे खत्म होगी राज्य सरकार व निगम के बीच की लड़ाई?

-दिल्लीवासियों के हित के साथ किसी तरह का समझौता नहीं होगा। सरकार ने यदि संवैधानिक व्यवस्था के साथ छेड़खानी की तो दिल्ली के लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस चुनाव में भी लोग सरकार को आईना दिखा देंगे। दिल्ली सरकार चौथे वित्त आयोग की सिफारिशों का बकाया नगर निगमों को अदा करे। इसके साथ ही पांचवें वित्त आयोग की रिपोर्ट सदन में रखे।

6. मत फीसद बढ़ाने के लक्ष्य में भाजपा कितना कामयाब होगी?

-भाजपा निश्चित रूप से मत फीसद बढ़ाने में कामयाब होगी। गरीबों के बीच, झुग्गी बस्तियों में, अनधिकृत कॉलोनियों में, पूर्वाचल के लोगों में, अल्पसंख्यक वर्ग में हर जगह हमारी पकड़ मजबूत हुई है। चुनाव परिणाम में यह स्पष्ट रूप से दिखेगा।

7. चुनाव मोदी लहर पर लड़ रहे हैं या फिर निगम की उपलब्धियों पर?

-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। इसका लाभ भाजपा प्रत्याशियों को मिलेगा। नगर निगमों की उपलब्धियां भी हमारे पास हैं। इस पर बहस के लिए केजरीवाल को चुनौती देता हूं।

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