MP Election 2018: युवा, महिला और किसान पर केंद्रित है इस बार शिवराज का चुनावी प्रचार

Madhya Pradesh Elections 2018: इस बार शिवराज के मिजाज में बदलाव दिखाई दे रहा है।

By Prashant PandeyEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 10:41 AM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 10:41 AM (IST)
MP Election 2018: युवा, महिला और किसान पर केंद्रित है इस बार शिवराज का चुनावी प्रचार
MP Election 2018: युवा, महिला और किसान पर केंद्रित है इस बार शिवराज का चुनावी प्रचार

भोपाल, ऋषि पांडे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुआई में भाजपा प्रदेश में विधानसभा का यह तीसरा चुनाव लड़ रही है। इस बार शिवराज के मिजाज में बदलाव दिखाई दे रहा है। अमूमन राजनीतिक प्रहारों से परहेज करने वाले शिवराज अब राहुल गांधी से लेकर कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह पर तीखे हमले करने से नहीं चूकते और उन पर जुमले सुनाकर श्रोताओं को गुदगुदाते हैं। बुधवार को उनके चुनावी दौरे में नईदुनिया पूरे समय उनके साथ था। इस दौरान जहां वे युवाओं को रिझाते दिखाई दिए तो बुजुर्गों का सम्मान करना भी नहीं भूले। किसी सभा में उन्होंने बच्चों की उच्च शिक्षा का पूरा खर्च उठाने को सही बताया तो किसी सभा में राहुल गांधी, दिग्विजय सिंह की खिल्ली उड़ाते दिखे। जीरापुर की सभा में किसान ज्यादा थे तो उनका भाषण किसानमय हो गया।

तीखे तेवर दिखाने से भी नहीं चूक रहे चौहान

विधानसभा चुनाव 2018 के स्टार प्रचारक दौरे शुरू हो चुके हैं। सीएम के नेतृत्व में हुए पिछले दो चुनावों के मुकाबले इस चुनाव में जो फर्क महसूस हुआ वह है चौहान का युवा वर्ग के साथ मामा भानजे के रिश्ते का स्थापित होना। पहले ये रिश्ता एक तरफा था जब शिवराज खुद को बच्चों का मामा बताते थे। पांच-सात साल में उन्होंने इतनी बार इस रिश्ते की दुहाई दी किअब युवा तो छोड़िए तो हम उम्र भी उन्हें मामा का संबोधन देने लगे हैं। चुनावी सभाओं में महिला, किसान, गरीब उनके प्रचार अभियान के केंद्र में रहते हैं। राजनीतिक प्रहारों से परहेज करने वाले शिवराज अब विरोधियों के मामले में तीखे तेवर दिखाने से भी नहीं चूकते।

बुधवार को नाम वापसी का आखिरी दिन था। लिहाजा राजगढ़ जिले का उनका चुनावी दौरा दो बजे के बाद तय था। मुख्यमंत्री निवास पर पौने दो बजे तक शिवराजसिंह चौहान के साथ चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष नरेंद्रसिंह तोमर और प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे बैठकर एक-एक बागी को मनाते रहे। रामकृष्ण कुसमारिया जैसे नेताओं ने फोन पर तो हामी भर दी, लेकिन मैदान नहीं छोड़ा। जबकि भोपाल के जितेन्द्र (मन्नू) डागा ने खुद सीएम निवास पर आकर मैदान से नहीं हटने की वजह बता दी। लेकिन तीन बजे से पहले वे कलेक्ट्रेट जाकर अपना पर्चा खींच लाए। कई बागी उम्मीदवार मान गए जो नहीं माने उन्हें पार्टी ने रात को चलता कर दिया।

मामा आई लव यू...

पहली सभा शाजापुर जिले के सुसनेर में थी। एक घंटा विलंब से सुसनेर पहुंचते ही शिवराज ने तब राहत की सांस ली जब हैलीपेड पर उनकी अगवानी करने वालों में बागी उम्मीदवार संतोष जोशी भी दिखे। जोशी 2008 में सुसनेर से विधायक रह चुके हैं। वे इस बार भी दावा कर रहे थे, लेकिन पार्टी ने दोबारा मुरली पाटीदार को टिकट दे दिया। इससे नाराज जोशी ने बगावत की ठान ली, लेकिन जब वे शिवराज की अगवानी के लिए पहुंचे तब तक अनुशासित पार्टी कार्यकर्ता हो चुके थे। चौहान उन्हें अपनी गाड़ी में बैठाकर सभास्थल तक लाए। सभा में भी उन्हें तवज्जो दी। शिवराज अपने भाषणों से ग्रामीणों को सम्मोहित करने की विधा के ज्ञाता हैं। सुसनेर में भीड़ के बीच जब एक वृद्ध आवेदन हिलाते दिखा तो उन्होंने भाषण के बीच कहा कि 'दादा घबराना मत मैं बगैर आपका आवेदन लिए यहां से नहीं जाऊंगा।' युवा वोटर्स पर भाजपा का सबसे ज्यादा फोकस है। सभाओं में वे कहते हैं- 'मुझे देखकर छोटे बच्चे मचल जाते हैं। कहते हैं मामा आया। बड़े बच्चों को थोड़ी शरारत सूझती हैं तो वे कहते हैं कि मामा आई लव यू। मैं भी कहा पीछे हटने वाला। रिश्ता दो तरफा होना चाहिए। इसलिए मैं कहता हूं आई लव यू टू।'

'करवटें बदलते रहें........’

गरीबों को संबल योजना के तहत बिजली बिल में माफी को भी वे चुनावी सभाओं में भुनाने से नहीं चूकते। वे राहुल गांधी की खिल्ली उड़ाने से भी पीछे नहीं हटते। वे कहते हैं- जिस व्यक्ति को यह नहीं पता कि प्याज जमीन के अंदर उगती है या बाहर वह किसानों की बात करता है। कमलनाथ ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के जिक्र के बिना कोई सभा पूरी नहीं होती। हर सभा में वे यह कह कर इन पर निशाना साधते हैं कि कुर्सी की खातिर राजा-महाराजा और उद्योगपति की रातों की नींद उड़ी हुई है। फिर वे गाने की यह लाइन दोहरा कर तालियां बटोरते है 'करवटें बदलते रहे सारी रात हम, आपकी कसम...।' शिवराज ने जीरापुर के अलावा राजगढ़ जिले की ब्यावरा नरसिंहगढ़ और सीहोर जिले की अहमदपुर में बड़ी सभाओं को भी संबोधित किया। हर जगह वे समृद्ध मध्यप्रदेश के लिए वोट मांगते नजर आए।

अगला भाषण किसानों पर केंद्रित

सुसनेर के बाद अगली सभा राजगढ़ जिले में खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र के जीरापुर कस्बे में थी। यहां मौजूदा विधायक हजारीलाल दांगी और कांग्रेस के प्रियव्रत सिंह के बीच मुकाबला है। सुसनेर से चॉपर में राजगढ़ के भाजपा सांसद रोड़मल नागर भी सवार होते हैं। चौहान रास्ते में उनसे पूछते हैं कि उनके संसदीय क्षेत्र में पार्टी की क्या स्थिति है। नागर उनसे गोपनीय जानकारियां साझा करते हैं। फिर इस प्रतिनिधि की ओर मुखातिब होते हुए चौहान कहते हैं- 'मुझे आश्चर्य होता है। दिग्विजय सिंह इसी संसदीय क्षेत्र से सालों साल सांसद और मुख्यमंत्री रहे, लेकिन विकास कार्य नहीं कर पाए। हमने पूरे इलाके का कायाकल्प कर दिया।' जीरापुर की सभा में किसानों की तादाद ज्यादा थी, लिहाजा भाषण किसान केंद्रित था। सीएम ने किसानों को आश्वस्त किया कि तैयार रहो आप लोगों के खातों में इतना पैसा आने वाला है कि पता लगाने के लिए बैंक जाना पड़ेगा कि कौन सी फसल का कितना पैसा आ गया। वे यह बात भावांतर योजना के तहत किसानों के खाते में जमा हुई रकम के संदर्भ में बोल रहे थे।  

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