MP Election 2018: प्रचार के लिए वक्त कम, सोशल मीडिया बन रहा संकट मोचक

MP Election 2018: प्रचार के लिए मिले कम वक्त की सोशल मीडिया के जरिए प्रत्याशी कर रहे भरपाई।

By Saurabh MishraEdited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 12:22 PM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 12:22 PM (IST)
MP Election 2018:  प्रचार के लिए वक्त कम, सोशल मीडिया बन रहा संकट मोचक
MP Election 2018: प्रचार के लिए वक्त कम, सोशल मीडिया बन रहा संकट मोचक

मनोज श्रीवास्तव, भिंड। सोशल मीडिया ने विधानसभा चुनाव को हाईटेक बना दिया है। प्रत्याशी जितने सक्रिय मैदान में हैं उतनी ही सक्रियता सोशल मीडिया पर भी दिखा रहे हैं। प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार से लेकर हर गतिविधि को फेसबुक और व्हाट्सएप पर डाला जा रहा है।

कांग्रेस-भाजपा के अलावा बसपा और सपा ने इसके लिए आईटी-सेल बनाया हुआ है। वार-रूम में विशेषज्ञों की टीम काम कर रही है। इनमें कुछ तो पार्टी के ही युवा सदस्य हैं, लेकिन कुछ बाहर से लाए हुए विशेषज्ञ हैं। इनको मानदेय भी दिया जा रहा है। यह विशेषज्ञ बाकायदा प्लान तैयार करके बता रहे हैं कि किस तरह से हर दिन के इवेंट का कवरेज तैयार किया जाएगा। यही नहीं निर्दलीय प्रत्याशी भी इस मामले में पीछे नहीं हैं। वह भी सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं।

भाजपा और सपा प्रत्याशी ने डॉक्यूमेंट्री तैयार कराई

इस बार भाजपा से प्रत्याशी चौधरी राकेश सिंह और सपा प्रत्याशी और विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह ने डॉक्यूमेंट्री  तैयार कराई है। डॉक्यूमेंट्री में  विधायक कुशवाह ने 5 साल में कराए गए विकास कार्य बताए हैं। जबकि भाजपा प्रत्याशी चौधरी राकेश सिंह ने अपने जीवन पर डॉक्यूमेंट्री तैयार की है।

बसपा प्रत्याशी संजीव सिंह कुशवाह के व्हाट्सएप पर 2 ग्रुप चल रहे हैं। इन ग्रुपों पर समर्थक जनंसपर्क के फोटो व पहुंचने का समय डालते हैं। इसके अलावा कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. रमेश दुबे के अलावा अटेर से भाजपा प्रत्याशी डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया, कांग्रेस प्रत्याशी हेमंत कटारे के अलावा मेहगांव में कांगेस प्रत्याशी ओपीएस भदौरिया व भाजपा से राकेश शुक्ला, गोहद में भाजपा लालसिंह आर्य, कांग्रेस के रणवीर जाटव, लहार में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. गोविंद सिंह व भाजपा प्रत्याशी रसालसिंह भी आईटी सेल विशेषज्ञों की सेवाएं ले रहे हैं।

इस तरह काम कर रहे

-पक्ष-विपक्ष की पार्टियां एक दूसरे के विरोध में सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं।

-भाजपा अपने उन काम को सोशल मीडिया पर दिखा रही है, जोकि विकास से जुड़े हुए हैं।

-कांग्रेस पार्टी भाजपा के विरोध में सोशल मीडिया पर सक्रिय है।

-प्रत्याशी अपने क्षेत्र में जो विकास कार्य करेंगे उसके बारे में फेसबुक पर मैसेज डाल रहे हैं।

-मतदाताओं से जनसंपर्क के दौरान प्रत्याशी का लाइव कवरेज भी किया जा रहा है। प्रत्याशी का आईटी सेल इसके लिए तैयारी करता है।

बना रहे प्रत्याशी की इमेज

पार्टियों का आईटी सेल प्रत्याशी की इमेज बनाने का काम भी कर रहा है। इसके लिए प्रत्याशी की फोटो के साथ उसके द्वारा किए गए जनहित के कार्यों की फिल्म भी यह बना रहे हैं। प्रत्याशियों ने अपना फेसबुक पेज भी बनाया हुआ है। इसकी भी मॉनीटरिंग की जा रही है। भोपाल में कांग्रेस और भाजपा के आईटी सेल इसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं।

यह भी करवा रहे

प्रत्याशियों ने अपने आईटी सेल के विशेषज्ञ अपने विरोधियों के बीच भी चुनाव प्रचार में शामिल कर दिए हैं। यह ऐसे चेहरे हैं यदि क्षेत्र में इनका विरोध होता है तो यह इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं। इसमें वह यह दिखाना चाह रहे हैं कि पार्टी का प्रत्याशी जनता को पसंद नहीं है। कुछ प्रत्याशियों के अपने ही विरोध में उतर आए हैं, इनमें वह शामिल हैं, जिनकी उस क्षेत्र से चुनाव लड़ने की इच्छा थी।

वह मैदान में कूदने से मान तो गए हैं, लेकिन डिजिटल विरोध करने का मौका यदि कहीं मिलता है तो इसके लिए बाकायदा वह इशारा कर देते हैं, लेकिन खुद सामने नहीं आ रहे हैं। 

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