भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण बोले, एलडीएफ और यूडीएफ से ऊबे केरल को अब भाजपा से है उम्मीद

भाजपा प्रवक्ता अग्रवाल ने कहा छह अप्रैल का मतदान राज्य में बदलाव के लिए होगा। उस दिन लव जिहाद को हराने और विकास को जिताने के लिए मतदान होगा। केरल में लव जिहाद के निशाने पर ईसाई समुदाय है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Sun, 21 Mar 2021 08:19 PM (IST) Updated:Sun, 21 Mar 2021 08:23 PM (IST)
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण बोले, एलडीएफ और यूडीएफ से ऊबे केरल को अब भाजपा से है उम्मीद
भाजपा प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल की फाइल फोटो

तिरुअनंतपुरम, एजेंसियां। केरल में विधानसभा चुनाव के प्रचार में भाजपा ने भी ताकत झोंक रखी है। चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा, केरल के लोग माकपा के नेतृत्व वाले एलडीएफ और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ से ऊब चुके हैं। अब वे भाजपा के नेतृत्व वाले राजग (एनडीए) की सरकार चाहते हैं, जिससे राज्य के लोगों को मनचाहा विकास हासिल हो। जबकि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भ्रष्टाचार, विवादों और अपराधों को केरल की एलडीएफ सरकार की पहचान बताया। साथ ही स्वर्ण तस्करी मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के खिलाफ राज्य पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज किए जाने की निंदा की। इस तस्करी में राज्य की सत्ता से जुड़े कई बड़े नाम शामिल हैं।

भ्रष्टाचार और अपराध विजयन सरकार की पहचान : अनुराग ठाकुर

केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री ठाकुर ने कहा कि स्वर्ण तस्करी मामले की जांच को प्रभावित करने के लिए ईडी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इससे साफ हो गया है कि तस्करी मामले की जांच आगे बढ़ने से किसको तकलीफ हो रही है। ईडी अधिकारियों के सवालों का जवाब देने में हो रही कठिनाई से बचने के लिए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। केरल पुलिस ने स्वर्ण तस्करी मामले की प्रमुख अभियुक्त स्वप्ना सुरेश पर मुख्यमंत्री पिनरई विजयन का नाम लेने के लिए दबाव डालने के लिए ईडी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

भाजपा प्रवक्ता अग्रवाल ने कहा, छह अप्रैल का मतदान राज्य में बदलाव के लिए होगा। उस दिन लव जिहाद को हराने और विकास को जिताने के लिए मतदान होगा। केरल में लव जिहाद के निशाने पर ईसाई समुदाय है। अग्रवाल ने कहा कि भाजपा राज्य में सकारात्मक मुद्दे लेकर चुनाव मैदान में है, जबकि विरोधी नकारात्मक मुद्दों के साथ। माकपा नेतृत्व वाले एलडीएफ के पास अपनी सरकार की नाकामियों को लेकर कुछ कहने के लिए भी नहीं है। इसलिए वह केवल नकारात्मक प्रचार कर रही है।

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