Jharkhand Assembly Election 2019: अंतिम दौर में आधा दर्जन सीटें बनीं हॉट, दलों के बीच कड़ी टक्कर

Jharkhand Assembly Election 2019. पांचवें चरण के चुनाव में सभी दलों ने पूरी ताकत झोंकी थी। प्रचार के दौरान नेताओं के बयानों के तेवर बदल गए थे।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Thu, 19 Dec 2019 07:40 PM (IST) Updated:Thu, 19 Dec 2019 07:40 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: अंतिम दौर में आधा दर्जन सीटें बनीं हॉट, दलों के बीच कड़ी टक्कर
Jharkhand Assembly Election 2019: अंतिम दौर में आधा दर्जन सीटें बनीं हॉट, दलों के बीच कड़ी टक्कर

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 - लोकतंत्र के जश्न में अब सबकी निगाहें संताल प्रमंडल पर टिक गई हैं। अंतिम दौर में होने वाले इस चरण के मतदान में आधा दर्जन हॉट सीटें हैं, जहां प्रत्याशियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्द्धा है। अंतिम दौर में झामुमो-कांग्रेस-राजद के अलावा भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी थी। आजसू ने भी यहां पूरा जोर लगाया।

अंतिम दौर की सीटों की अहमियत का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की जनसभाएं हुईं। दलों के बीच प्रतिस्पर्द्धा इस कदर बढ़ गई कि स्टार प्रचारकों के बयानों के तेवर भी बदल गए थे।

दुमका

हेमंत और लुइस की प्रतिष्ठा का सवाल

दुमका संताल परगना प्रमंडल की सबसे हॉट सीट है। इस सीट को भाजपा और झामुमो दोनों ने चुनौती के रूप में लिया है। मंत्री लुइस मरांडी और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का विषय बनी हुई है। भाजपा के लिए इस सीट की महत्ता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि यहां से भाजपा ने अपने सबसे बड़े स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाया। झामुमो ने भी यहां अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।

बरहेट

हेमंत को रोकने के प्रयास में भाजपा

झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन इस सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने पिछला चुनाव भी दुमका के अलावा इस सीट से लड़ा था, जिसमें यहां से उन्हें जीत हासिल हुई थी। भाजपा यहां से भी उन्हें रोकने के प्रयास में है। यहां भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा हुई है।

शिकारीपाड़ा

...तो सातवीं बार जीतेंग नलिन सोरेन

शिकारीपाड़ा झामुमो की परंपरागत सीट है। पूर्व मंत्री नलिन सोरेन यहां से लगातार छह बार चुनाव जीत चुके हैं। इस बार जीत मिली तो वे अपना ही रिकार्ड तोड़ेंगे।

पोड़ैयाहाट

प्रदीप यादव को रोकना बड़ी चुनौती

यह सीट झाविमो के प्रदीप यादव की परंपरागत सीट है। वे कई चुनावों से इस सीट से लगातार चुनाव जीत रहे हैं। यहां इस बार भाजपा उन्हें रोकने का पूरा प्रयास कर रही है। यहां झामुमो भी जोर लगा रहा है। यह सीट बाबूलाल मरांडी की पार्टी झाविमो के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

पाकुड़

दो पुराने दिग्गज आमने-सामने

पाकुड़ विस सीट से दो पुराने दिग्गज पूर्व स्पीकर आलमगीर आलम तथा अकील अख्तर आमने-सामने हैं। अकील अख्तर इस बार महागठबंधन में सीट चले जाने से झामुमो छोड़ आजसू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने आलमगीर आलम की जीत के लिए कई बड़े स्टार प्रचारकों को उतारा। आजसू ने भी यहां पूरा जोर लगाया है।

सारठ

मंत्री रणधीर सिंह को झाविमो प्रत्याशी दे रहा टक्कर

सारठ सीट भी हॉट हो गई है। यहां झामिवो प्रत्याशी उदयशंकर सिंह भाजपा प्रत्याशी रणधीर सिंह को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। वहीं, रणधीर सिंह ने भी अपनी सीट बचाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।

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