Jharkhand Election Result 2019: विधायकों ने दल बदला, जनता ने उन्हें ही बदल दिया

Jharkhand Election Result 2019. 11 विधायकों ने पाला बदला था। इनमें से 8 को हार का मुंह देखना पड़ा। महाराष्ट्र व हरियाणा में जनता ने बड़े पैमाने पर पाला बदलने वालों को खारिज किया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Tue, 24 Dec 2019 09:41 AM (IST) Updated:Tue, 24 Dec 2019 09:41 AM (IST)
Jharkhand Election Result 2019: विधायकों ने दल बदला, जनता ने उन्हें ही बदल दिया
Jharkhand Election Result 2019: विधायकों ने दल बदला, जनता ने उन्हें ही बदल दिया

रांची, [आनंद मिश्र]। Jharkhand Election Result 2019 - दो माह पूर्व महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव परिणामों में दलबदलुओं के लिए साफ संदेश छिपा था,  लेकिन झारखंड विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों ने इस संदेश को अनदेखा किया। नतीजा सामने हैं। पाला बदलने वाले तमाम विधायक औंधे मुंह गिरे, राजनीतिक दलों को तो इसका खामियाजा भुगतना ही पड़ा। भानु प्रताप शाही, विकास मुंडा और जय प्रकाश भाई पटेल जैसे कुछ अपवाद छोड़ दिए जाएं, तो ऐसे तमाम विधायकों को जनता ने खारिज कर दिया है।

महाराष्ट्र और हरियाणा में भी कुछ ऐसा ही हुआ था। झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा से कुछ दिन पूर्व 23 अक्टूबर को कई दलों के विधायकों ने अपनी पार्टी का दामन छोड़कर भाजपा के साथ अपना रिश्ता जोड़ा था। इनमें कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत, कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक मनोज यादव, झामुमो के युवा विधायक कुणाल षाडंगी, जेपी पटेल और नौजवान संघर्ष मोर्चा के भानु प्रताप शाही शामिल थे।

इसके तीन दिन पूर्व ही झाविमो विधायक प्रकाश राम बाबूलाल मरांडी से किनारा कर भाजपा में शामिल हुए थे। इन छह विधायकों में से महज दो ही भानु प्रताप शाही और जय प्रकाश भाई पटेल जीत हासिल कर सके। अन्य सभी को जनता ने खारिज कर दिया। भानु की जीत उनकी व्यक्तिगत जीत बताई जा रही है, जबकि जय प्रकाश भाई पटेल करीबी अंतर से जीते। ऐसा नहीं कि सिर्फ भाजपा में शामिल होने वाले विधायकों को जनता ने झटका दिया, अन्य दलों के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ।

टिकट से वंचित विधायक ताला मरांडी, राधाकृष्ण किशोर और कुशवाहा शिवपूजन मेहता भी पाला बदल आजसू में शामिल हुए, सभी को जनता ने निपटा दिया। झामुमो छोड़कर झाविमो गए शशि भूषण सामद भी चुनाव नहीं जीत सके। भाजपा छोड़कर झामुमो में गए फूलचंद मंडल भी चुनाव नहीं जीत सके। हां, आजसू छोड़कर झामुमो में शामिल हुए विकास मुंडा जरूर जीतने में सफल रहे।

पाला बदलने वालों का कुछ ऐसा रहा नतीजा

जो जीते : भानू प्रताप शाही, जय प्रकाश भाई पटेल और विकास मुंडा।

जो हारे : मनोज यादव, सुखदेव भगत, प्रकाश राम, कुणाल षाडंगी, ताला मरांडी, राधाकृष्ण किशोर, कुशवाहा शिवपूजन, शशि भूषण सामड।

अपने बूते लड़े सरयू और अमित जीते

दलबदलुओं के विपरीत अपनी व्यक्तिगत पहचान के बूते चुनाव में उतरे सरयू राय और अमित यादव जैसे नेताओं को जनता ने सिर माथे पर बैठाया। भाजपा के टिकट से वंचित किए गए सरयू राय के पास अन्य दलों में जाने के कई विकल्प थे, लेकिन उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा। इतना ही नहीं उन्होंने भाजपा की सबसे मजबूत हस्ती (मुख्यमंत्री रघुवर दास) को हराया भी। भाजपा ने अपने विश्वसनीय कार्यकर्ता अमित यादव की जगह पूर्व में झाविमो छोड़कर पार्टी में शामिल हुए जानकी प्रसाद यादव को टिकट दिया था। अमित निर्दलीय अपने बूते चुनाव लड़े और जनता ने यहां भी पाला बदलने वाले को खारिज किया।

पुराने दलबदलुओं का ट्रैक रिकार्ड रहा बेहतर

चुनाव पूर्व टिकट की आस में शामिल हुए विधायकों को जनता ने भले ही सबक सिखा दिया हो, लेकिन पांच साल पूर्व झामिवो छोड़कर भाजपा में शामिल हुए छह विधायकों में से चार जीतने में सफल रहे। नवीन जायसवाल, रणधीर सिंह, अमर कुमार बाउरी और आलोक चौरसिया को जनता से दोबारा मौका दिया। सिर्फ जानकी यादव हारे।

भाजपा ने 13 विधायकों का काटा था टिकट, नौ हार गए

अपने सीटिंग विधायकों का टिकट काटना भाजपा को भारी पड़ गया। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में मंत्री सरयू राय समेत अपने 13 मौजूदा विधायकों का टिकट काटा था इनमें से नौ सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा और उसके महज चार विधायक ही चुनाव जीत सके। भाजपा ने जमशेदपुर पश्चिम के साथ-साथ मांडर, बोरिया, चतरा, घाटशिला, गुमला, सिमडेगा, मनिका और झरिया सीट पर हार का मुंह देखा। हालांकि प्रत्याशी बदलने के बावजूद कांके, सिमरिया, छतरपुर व सिंदरी में वह जीतने में सफल रही।

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