सचमुच में हर मर्ज की दवा हैं हरियाणा के बनवारीलाल, यकीन न आए तो पढ़िए- यह स्टोरी

बावल विधानसभा क्षेत्र में विकास को पंख इसलिए लग सके क्योंकि डॉक्टर साहब के भाग्य ने जोर लगाया और पहली बार जीत दर्ज करने के बावजूद उन्हें मनोहर सरकार में वजीर की भूमिका मिली।

By JP YadavEdited By: Publish:Tue, 17 Sep 2019 03:24 PM (IST) Updated:Tue, 17 Sep 2019 03:24 PM (IST)
सचमुच में हर मर्ज की दवा हैं हरियाणा के बनवारीलाल, यकीन न आए तो पढ़िए- यह स्टोरी
सचमुच में हर मर्ज की दवा हैं हरियाणा के बनवारीलाल, यकीन न आए तो पढ़िए- यह स्टोरी

रेवाड़ी [अमित सैनी]। Haryana Assembly Election-2019: हरियाणा विधानसभा चुनाव-2014 में बावल की जनता ने पहली बार यह सीट भाजपा की झोली में डाली। पुराने चेहरों को नकारते हुए जनता ने एक नए चेहरे के कंधे पर जिम्मेदारी डाली। चिकित्सा क्षेत्र से राजनीति में आए डॉ. बनवारीलाल को बावल की चौधर मिली तो उन्होंने इलाके के मर्ज को पहचान कर उपचार करना शुरू किया। कभी नाभा विरासत का हिस्सा रहे इस विधानसभा क्षेत्र में बावल की जनता ने डॉ. बनवारीलाल पर जो विश्वास जताया, कहीं न कहीं उन्होंने उसे पूरा करने का भी काम किया।

बावल विधानसभा क्षेत्र में विकास को पंख इसलिए लग सके, क्योंकि डॉक्टर साहब के भाग्य ने जोर लगाया और पहली बार जीत दर्ज करने के बावजूद उन्हें मनोहर सरकार में वजीर की भूमिका मिली। जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री रहते हुए उन्होंने न सिर्फ प्रदेश में स्वच्छ पेयजल व्यवस्था को सुधारने पर जोर दिया, बल्कि बावल में अटकी हुई कई परियोजनाओं को पूरा करने का काम भी किया। दिल्ली-जयपुर हाइवे पर हाल ही में बनवाया गया इंटर स्टेट बस स्टैंड उनकी महत्वपूर्ण उपलब्धि रही। अब तक हुए 12 विधानसभा चुनावों में यहां सबसे अधिक चार बार कांग्रेस, दो बार इनेलो ने जीत दर्ज की।

डॉ. लाल के पास नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा विभाग भी है। राव इंद्रजीत सिंह डॉ. लाल के राजनीतिक गुरु हैं, लेकिन राजनीतिक परिस्थितियों के बीच संतुलन साधने में माहिर डॉ. लाल मनोहर के भी चहेते बने हुए हैं।

बावल विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,06846 मतदाता है। इनमें से 1,08671 पुरुष व 98175 महिला मतदाता है। एक भी थर्ड जेंडर वोट इस विधानसभा में नहीं है। इस विस में 3360 सर्विस वोटर हैं, जिनमें 3285 पुरुष व 75 महिला वोटर हैं।

लंबित कार्य  मनेठी में एम्स की घोषणा तो हुई लेकिन पर्यावरणीय समिति की आपत्ति के बाद धरातल पर नहीं उतरी परियोजना।  गोठड़ा टप्पा खोरी में सैनिक स्कूल भवन का निर्माण कार्य आज भी अधूरा।  रेलवे स्टेशन क्षेत्र में आरओबी का काम अधूरा।  महिला कॉलेज भवन का काम शुरू होने का इंतजार। राज्य स्तर पर इन योजनाओं को किया पूरा  ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में 164 नहर आधारित व 96 नलकूप आधारित जलघर स्थापित।  ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में 2165 नलकूप व 483 बू¨स्टग स्टेशन शुरू।  ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में 8249 किमी. लंबी पाइप लाइनें बिछाई गई।  1054 गांवों की पेयजल सुविधा में सुधार एवं बढ़ोतरी की गई।  53 मल शोधन संयंत्र शुरू तथा 20 मल शोधन संयंत्रों का निर्माण कार्य प्रगति पर।

डॉ. बनवारीलाल, बावल के विधायक एवं मंत्री का कहना है कि पिछली सरकारों के वक्त बावल क्षेत्र की बस अपेक्षा की जाती थी। बावल के लोगों ने पहली बार भाजपा को मौका दिया और हमने क्षेत्र के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। गलियों का निर्माण कार्य हो या फिर हर गांव में स्वच्छ पेयजल पहुंचाना। हर स्तर पर कार्य किया गया है। बेटियों के लिए कॉलेज की शुरूआत की गई है तथा शीघ्र ही भवन निर्माण का काम भी शुरू होगा। अंतर राज्य बस अड्डे का तोहफा बावल को दिया गया है तथा साथ ही निर्बाध सफर के लिए रेल लाइनों पर ओवरब्रिज बन रहे हैं। ईएसआइ अस्पताल को मंजूरी मिल गई है जिससे श्रमिकों को लाभ मिलेगा। निश्चित तौर पर एम्स मनेठी में ही बनेगा।

भाजपा सरकार ने लोगों के साथ धोखा करने का काम किया। वोट हथियाकर बावल क्षेत्र के विकास की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। पिछले पांच महीने में 7200 युवाओं को बावल इंडस्ट्रियल क्षेत्र की कंपनियों ने नौकरी से निकाल दिया है। नांगलिया गांव के पास महेंद्रगढ़ तक का कचरा लाकर जलाया जाता है जिससे आसपास के गांव के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। इंडस्ट्रीयल एरिया में पांच सालों में एक ईंट तक नहीं लगाई गई है। बाजारों में अतिक्रमण है।

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