मनोहर, हुड्डा और चौटाला की प्रतिष्ठा से जुड़ा धर्मक्षेत्र का चुनाव, जिंदल की भूमिका रहेगी अहम

महाभारत की धरती कुरुक्षेत्र एक बार फिर चुनावी रण के लिए तैयार है। यहां मनोहर लाल भूपेंद्र सिंह हुड्डा व अभय चौटाला की प्रतिष्ठा दांव पर है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 23 Apr 2019 04:56 PM (IST) Updated:Tue, 23 Apr 2019 04:57 PM (IST)
मनोहर, हुड्डा और चौटाला की प्रतिष्ठा से जुड़ा धर्मक्षेत्र का चुनाव, जिंदल की भूमिका रहेगी अहम
मनोहर, हुड्डा और चौटाला की प्रतिष्ठा से जुड़ा धर्मक्षेत्र का चुनाव, जिंदल की भूमिका रहेगी अहम

जेएनएन, चंडीगढ़। महाभारत की धरती कुरुक्षेत्र एक बार फिर चुनावी रण के लिए तैयार है। पूर्व सांसद नवीन जिंदल के इस चुनावी रण से खुद को अलग कर लिए जाने के बाद सभी की निगाह धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र पर टिक गई है। महाभारत के इस रण में एक छोर पर भाजपा के नायब सिंह सैनी हैं तो दूसरे छोर पर इनेलो के अर्जुन चौटाला। कांग्रेस के निर्मल सिंह ने इस रण में चुनावी मुकाबले को रोचक बना दिया है। सभी दलों के अपने-अपने मुद्दे हैं तो कुछ सिर्फ लहर और सत्ता के आसरे हैं। धर्मक्षेत्र में पूर्व सांसद नवीन जिंदल की भूमिका कृष्ण के रूप में होगी। जिंदल जिसे चाहेंगे, उसे अपना समर्थन देकर जीत की तरफ अग्रसर कर सकते हैं।

करीब 15 साल के लंबे अंतराल के बाद इनेलो विधायक दल के नेता अभय सिंह चौटाला ने अपने बेटे अर्जुन चौटाला को कुरुक्षेत्र के चुनावी रण में उतारा है। अर्जुन चौटाला हरियाणा में चुनाव लड़ रहे सबसे कम उम्र के प्रत्याशी हैं। इनेलो में हुए दोफाड़ के बाद जननायक जनता पार्टी अस्तित्व में आई। दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला जजपा की राजनीति कर रहे तो अभय चौटाला ने अपने बेटे अर्जुन चौटाला व करण चौटाला को यूथ और छात्र विंग की जिम्मेदारी सौंपी। कुरुक्षेत्र के रण में पहली बार ताल ठोंक रहे अर्जुन चौटाला इनेलो की यूथ और छात्र विंग के प्रभारी हैं।

कुरुक्षेत्र के चुनावी रण में भाजपा प्रत्याशी नायब सिंह सैनी के रूप में जहां सीधे मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, वहीं अर्जुन चौटाला को चुनावी रण में जिताने के लिए इनेलो विधायक दल के नेता अभय सिंह चौटाला, इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा और पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा पर भी बड़ी जिम्मेदारी है। पूर्व सांसद नवीन जिंदल के चुनाव नहीं लड़ने से यहां पूर्व मंत्री निर्मल सिंह के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पसंद को टिकट दिया गया है। बड़ा सवाल यह है कि जिंदल का उन्हें समर्थन मिलता है या नहीं, इस पर सभी की निगाह टिकी रहेगी।

कुरुक्षेत्र का रण दरअसल भले ही अर्जुन चौटाला, नायब सिंह सैनी और निर्मल सिंह लड़ रहे, लेकिन यहां मुख्य टक्कर अभय चौटाला, भूपेंद्र हुड्डा और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बीच है। इन तीनों दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। अभय सिंह चौटाला ने करीब 15 साल पहले 2004 में यहां से खुद लोकसभा का चुनाव लड़ा था। अब उन्होंने अपने बेटे की लांचिंग कर विरोधियों के सामने चुनौती खड़ी कर दी है।

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