संजय सिंह का बड़ा आरोप, फ्लैट देने के नाम पर डीडीए ने किया घोटाला

संजय सिंह ने बताया कि डीडीए ने वर्ष 2014 में ईडब्ल्यूएस श्रेणी में फ्लैट की स्कीम निकाली थी। इसमें 6.90 लाख रुपये में फ्लैट देने का वादा किया गया था।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Mon, 13 Jan 2020 10:54 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jan 2020 10:54 PM (IST)
संजय सिंह का बड़ा आरोप, फ्लैट देने के नाम पर डीडीए ने किया घोटाला
संजय सिंह का बड़ा आरोप, फ्लैट देने के नाम पर डीडीए ने किया घोटाला

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने आरोप लगाया है कि गरीबों को फ्लैट देने के नाम पर डीडीए ने बड़ा घोटाला किया है। जिस फ्लैट को 6.90 लाख में देने का वादा किया गया था। उसके दाम केंद्र की सहमति से डीडीए ने तीन गुना बढ़ाकर वसूले हैं। उन्होंने इस बारे में सीबीआइ और केंद्रीय सतर्कता आयोग में शिकायत कर जांच की मांग की है।

6.90 लाख रुपये में फ्लैट देने का था वादा

पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों को संजय सिंह ने बताया कि डीडीए ने वर्ष 2014 में ईडब्ल्यूएस श्रेणी में फ्लैट की स्कीम निकाली थी। इसमें 6.90 लाख रुपये में फ्लैट देने का वादा किया गया था। इस स्कीम में एक निजी कंपनी भी शामिल थी। यह स्कीम उन लोगों के लिए थी, जिनकी आय सालाना एक लाख से कम थी। इस योजना के तहत 772 लोगों को फ्लैट दिया जाना था। लेकिन, भाजपा की केंद्र सरकार की सहमति से डीडीए ने गुपचुप तरीके से फ्लैट के रेट 19 से 24 लाख रुपये तक कर दिए। इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से लेकर प्रधानमंत्री तक को थी। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे साबित होता है घोटाला और भ्रष्टाचार को केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी और भाजपा की केंद्र सरकार की सहमति थी।

मंत्री हरदीप पुरी पर साधा निशाना 

संजय सिंह ने कहा कि एक तरफ तो पूरी भाजपा और शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी गली-गली घूम कर गरीबों को घर देने का ढोल पीटते हैं, कच्ची कॉलोनियों को नियमित कराने का ढिंढोरा पीटते हैं, गरीबों को मकान की पक्की रजिस्ट्री देने का दावा करते हैं। वहीं दूसरी ओर पुरी जी के अधीन आने वाला डीडीए ईडब्ल्यूएस कोटे में आने वाले गरीब लोगों को मिलने वाले फ्लैटों में बड़ा घोटाला करता है।

जानबूझकर योजना की स्‍कीम को लटका कर रखा

फ्लैट तैयार होने के बावजूद डीडीए ने जानबूझकर इस योजना की स्कीम को लटका कर रखा। डीडीए और स्कीम में शामिल एक निजी कंपनी के बीच सांठगांठ से एक समझौता हुआ और जो फ्लैट 6 लाख 90 हजार से लेकर 11 लाख का था। उस फ्लैट के ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत आने वाले लोगों से 19 लाख से लेकर 24 लाख तक मांगे गए। जब उपराज्यपाल के आवास पर धरना दिया गया और प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी गई तो डीडीए ने 19 लाख को घटाकर 15 लाख कर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और भाजपा के नेता बताएं कि जब सभी फ्लैट तैयार थे, तो किस आधार पर फ्लैट की कीमत 6 लाख 90 हजार से बढ़ाकर 19 लाख की गई। यह भी बताना चाहिए कि निजी कंपनी के साथ मिलकर भाजपा ने क्या डील की थी। इसके अलावा किस आधार पर और किस अधिकारी ने इस डील में हिस्सा लिया। यह बताया जाना चाहिए।

डीडीए के पर्चे का दिया हवाला

संजय सिंह ने डीडीए के एक पर्चे का हवाला देते हुए बताया कि सितंबर 2014 में डीडीए के द्वारा एक स्कीम शुरू की गई थी। इसमें कहा था कि जिनकी वार्षिक आमदनी एक लाख से कम होगी वह सभी लोग ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में आएंगे। ऐसे लोगों को डीएलएफ और डीडीए की साङोदारी से तैयार किए गए फ्लैट 6.9 लाख से लेकर 11लाख तक में आसान किस्तों पर दिए जाएंगे। पर्चे में स्पष्ट लिखा है कि फ्लैट बन कर तैयार हो चुके हैं। आवंटन में कुछ समय लगता भी है तो किसी भी तरह से फ्लैट की कीमत में कोई बढोतरी नहीं होनी चाहिए। इसके बाद भी डीडीए ने जानबूझकर उन लोगों को लटकाए रखा, जिन्होंने आवेदन किया था।

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