Delhi Election 2020: पढ़िए- कैसे कांग्रेस का वोट बैंक हासिल कर 21 साल बाद जीत सकती है BJP

भाजपा की उम्मीदें बहुत कुछ कांग्रेस के प्रदर्शन पर निर्भर है क्योंकि आम आदमी पार्टी (आप) को सत्ता में पहुंचाने में कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक की विशेष भूमिका रही है।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 06 Feb 2020 11:25 AM (IST) Updated:Thu, 06 Feb 2020 01:05 PM (IST)
Delhi Election 2020: पढ़िए- कैसे कांग्रेस का वोट बैंक हासिल कर 21 साल बाद जीत सकती है BJP
Delhi Election 2020: पढ़िए- कैसे कांग्रेस का वोट बैंक हासिल कर 21 साल बाद जीत सकती है BJP

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में मात्र तीन सीटों पर सिमट गई भाजपा इस विधानसभा चुनाव में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती है। इस बार पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी है, जिससे कि भाजपा का 21 वर्षों का वनवास खत्म हो और दिल्ली में कमल खिल सके।

कांग्रेस के प्रदर्शन पर टिकी भाजपा की वापसी की उम्मीद

भाजपा नेता भी मानते हैं कि यदि कांग्रेस का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव की तरह रहा तो उसका लाभ भाजपा को मिलेगा। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को लगभग 22 फीसद और AAP को लगभग 18 फीसद मत मिले थे। परिणाम स्वरूप भाजपा को 65 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली थी। राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के चुनावी कार्यक्रमों में उमड़ी भीड़ से यह संकेत भी मिल रहा है कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव के मुकाबले को त्रिकोणीय बना रही है। इससे किसे फायदा या नुकसान होता है इसका फैसला शनिवार को मतदाता ईवीएम का बटन दबाकर कर देंगे।

करीब 300 सांसदों ने किया चुनाव प्रचार

आलम यह है कि गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित पार्टी के अन्य बड़े नेता छोटी-छोटी सभाएं करके जनता तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कड़कड़डूमा और द्वारका में दो चुनावी रैली को संबोधित कर चुके हैं। चुनाव की घोषणा होने से पहले भी उन्होंने रामलीला मैदान में रैली को संबोधित किया था। करीब तीन सौ सांसद व भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी चुनाव प्रचार में उतरे हुए हैं।

बदले सियासी माहौल में भाजपा कर सकती है सत्ता में वापसी

भाजपा नेताओं को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता व केंद्र सरकार के सख्त फैसलों तथा शाहीन बाग प्रदर्शन को लेकर बदले सियासी माहौल से वह दिल्ली की सता हासिल कर लेगी। इसके लिए पूरे चुनाव प्रचार अभियान में पार्टी दिल्लीवासियों को यह समझाने में जुटी हुई है कि दिल्ली को विश्वस्तरीय शहर बनाने के लिए यहां मोदी को सहयोग करने वाली सरकार जरूरी है। मोदी भी अपने चुनावी भाषण में कह चुके हैं कि भाजपा की सरकार आने पर समृद्ध, सर्वश्रेष्ठ व सुरक्षित दिल्ली बनाने में मदद मिल सकेगी।

भाजपा ने चलाया विशेष अभियान

दिल्ली की सता हासिल करने के लिए भाजपा ने सभी वर्गों में अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश की है। अल्पसंख्यक व दलित मतदाता इससे अब तक दूर माने जाते थे, इसलिए लोकसभा चुनाव के समय से ही इनके बीच विशेष अभियान चलाया गया। झुग्गी झोपड़ी में भी पार्टी अपना जनाधार बढ़ाने के लिए मेहनत की है। अनधिकृत कॉलोनियों में मालिकाना हक देने के फैसले से इनमें रहने वाले लगभग 40 लाख मतदाताओं से भाजपा को विशेष उम्मीद है। वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी के सहारे पार्टी पूर्वाचल के मतदाताओं से भी समर्थन की आस लगाए हुए हैं।

इन सभी पहलुओं के बावजूद भाजपा की उम्मीदें बहुत कुछ कांग्रेस के प्रदर्शन पर निर्भर है, क्योंकि आम आदमी पार्टी (AAP) को सत्ता में पहुंचाने में कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक की विशेष भूमिका रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट फीसद दस फीसद से नीचे चला गया था। माना जाता है कि कांग्रेस के समर्थक AAP के साथ खड़े हो गए थे जिसका खामियाजा भाजपा को भी उठाना पड़ा था। कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी वहीं भाजपा को मात्र तीन सीटों पर जीत मिली थी। उसके बाद नगर निगम चुनाव और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का मत फीसद बढ़ने का लाभ भाजपा को मिला। निगम चुनाव में जहां भाजपा तीसरी बार सत्ता में आई वहीं, लोकसभा की सातों सीटें दूसरी बार जीतने में सफल रही।

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