आचार संहिता के दिन जारी हुआ आदेश, मृत्यु के बाद मिला चुनावी प्रमोशन

आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के शिक्षकों को पदोन्न्ति का मामला कोर्ट-कचहरी के फेर में ऐसे उलझा कि जब तक उन्हें पदोन्न्ति मिली कुछ की मृत्यु हो चुकी थी और कई रिटायर हो गए।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Fri, 12 Oct 2018 10:54 PM (IST) Updated:Fri, 12 Oct 2018 10:54 PM (IST)
आचार संहिता के दिन जारी हुआ आदेश, मृत्यु के बाद मिला चुनावी प्रमोशन
आचार संहिता के दिन जारी हुआ आदेश, मृत्यु के बाद मिला चुनावी प्रमोशन

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के शिक्षकों को पदोन्न्ति का मामला कोर्ट-कचहरी के फेर में ऐसे उलझा कि जब तक उन्हें पदोन्न्ति मिली कुछ की मृत्यु हो चुकी थी और कई रिटायर हो चुके थे। सुप्रीम कोर्ट से निर्णय होने के बाद भी कई महीने तक मामला लालफीताशाही का शिकार बना रहा। जब चुनावी आचार संहिता लगने का वक्त आ गया तो अफसरों की तंद्रा टूटी। डर था कि अगर अभी प्रमोशन सूची न जारी की गई तो कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा।

नई सरकार के गठन का इंतजार नहीं

लिहाजा जिस दिन आचार संहिता लगी उसी तारीख पर प्रमोशन सूची जारी कर दी गई। मंत्रालय से जारी आदेश की तारीख 6 अक्टूबर है। इसी दिन आचार संहिता भी लगी थी। हालांकि आरोप लगाए जा रहे हैं कि आदेश आचार संहिता लगने के दो दिन बाद बैकडेट से जारी किया गया है।

सूची पर विवाद राज्य सरकार ने आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विभाग के व्याख्याता और प्रधानपाठक को प्राचार्य और उप प्राचार्य के पद पर पदोन्न्त करने के लिए 8 अप्रैल, 2013 को डीपीसी की थी। 5 जून, 2013 को प्राचार्य और उप प्राचार्य की पदोन्न्ति सूची जारी की गई तो विवाद हो गया। पदोन्न्ति से वंचित रह गए शिक्षकों ने वरिष्ठता सूची में त्रुटि का आरोप लगाया और मामले को हाईकोर्ट चला गया।

शिक्षकों के हक में फैसला

2014 में हाईकोर्ट ने शिक्षकों के हक में फैसला दिया, लेकिन राज्य सरकार ने पदोन्न्ति नहीं दी। सरकार ने 2016 में हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। इस साल सुप्रीम कोर्ट से निर्णय आया इसके बाद 27 जून को रिव्यू डीपीसी आयोजित की गई।

आनन-फानन में किया चुनावी प्रमोशन

पदोन्न्ति आदेश निकलता इससे पहले ही चुनावी आचार संहिता का वक्त आ गया। चुनावी साल में सरकार पहले से ही सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी झेल रही है। ऐसे में 349 शिक्षकों की पदोन्न्ति रोकने के नए विवाद में नहीं पड़ना चाहती थी। इसीलिए आचार संहिता लगने के दिन प्रमोशन का आदेश जारी किया गया।

तीन शिक्षकों को मरणोपरांत पदोन्न्ति

सूची में तीन शिक्षक ऐसे हैं जिन्हें मरणोपरांत पदोन्न्ति दी गई है। इसमें गरियाबंद के प्रभारी सहायक संचालक स्वर्गीय भनुप्रताप सिंह साहू, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, उदयपुर जिला अंबिकापुर के स्वर्गीय कमल सिंह तथा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पटेला, जिला अंबिकापुर के स्वर्गीय ननकू राम का नाम शामिल हैं। इन्हें मरणोपरांत काल्पनिक रूप से पदोन्न्त किया गया है। सूची में कई नाम ऐसे भी हैं जो पदोन्न्ति के पहले रिटायर हो चुके हैं।

इस मामले पर स्‍कूल शिक्षा विभाग के सचिव गौरव द्विवेदी ने बताया कि मामला कोर्ट में था इसलिए पदोन्न्ति अटकी थी। जिनका नाम डीपीसी में था उन्हें पदोन्न्ति दी गई है।

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