CG Election 2018 : अफसर या खांटी नेता, इस चुनाव में किस पर करेगी जनता भरोसा

CG Election 2018 बिलाईगढ़ में चंद्रदेव का मुकाबला भाजपा के सनम जांगड़े से है। सनम ने पिछले चुनाव में 12 हजार से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की थी।

By Sandeep ChoureyEdited By: Publish:Mon, 10 Dec 2018 12:29 PM (IST) Updated:Mon, 10 Dec 2018 12:29 PM (IST)
CG Election 2018 : अफसर या खांटी नेता, इस चुनाव में किस पर करेगी जनता भरोसा
CG Election 2018 : अफसर या खांटी नेता, इस चुनाव में किस पर करेगी जनता भरोसा

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में सबसे दिलचस्प मुकाबला पूर्व अफसरों और खाटी नेताओं के बीच देखने को मिल रहा है। प्रदेश की 90 विधानसभा सीट में से आठ विधानसभा में पूर्व अफसर ताल ठोंक रहे हैं। खास बात यह है कि इन अफसरों को धुरंधर नेता टक्कर दे रहे हैं। ऐसे में अब यह सवाल उठने लगा है कि आखिर जनता इस बार अफसरों पर भरोसा करेगी, या फिर परंपरागत रूप से जीतते आ रहे नेताओं को फिर से ताज पहनाएगी।

प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीट में से एक खरसिया में पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी का युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उमेश पटेल से है। खरसिया सीट पर अब तक भाजपा अपना खाता नहीं खोल पाई है। इसको देखते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की पसंद से पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी को उम्मीदवार बनाया गया है।

ओपी चौधरी खरिसया के रहने वाले हैं और प्रदेश में उनकी पहचान माटीपुत्र आइएएस के रूप में रहे हैं। अपने नये-नये आइडिया के दम पर कई राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाले ओपी ने चुनाव को बहुत ही मजबूती के साथ लड़ा है। वहीं, झीरम घाटी नक्सली हमले में मारे गये नंदकुमार पटेल के बेटे उमेश अपना दूसरा चुनाव लड़ रहे हैं। खरसिया सीट पर हार-जीत का अंतर सबसे ज्यादा रहता है। ऐसे में इस बार सबकी निगाहें इस सीट पर टिकी हुई है।

राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो खरसिया की जीत के लिए अमित शाह से लेकर डॉ रमन सिंह ने ताकत लगाई है। ऐसे में यहां के परिणाम पर भाजपा की उम्मीद टिकी हुई है। लेकिन यह भी परखा जा रहा है कि नंद के लाल उमेश को जनता का कितना प्यार मिला है। रिटायर्ड आईएएस शिशुपाल सोरी कांग्रेस की टिकट पर कांकेर से मैदान में है। कांग्रेस ने यहां वर्तमान विधायक शंकर धु्रर्वा का टिकट काटकर शिशुपाल को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, भाजपा ने यहां युवा नेता हीरा मरकाम को मैदान में उतारा है।

दोनों उम्मीदवार पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, सीतापुर से भाजपा ने प्रो गोपालराम भगत को मैदान में उतारा है। यहां से कांग्रेस के अमरजीत भगत लगातार तीन चुनाव से जीत दर्ज कर रहे हैं। हालांकि यहां चर्चा है कि इस चुनाव में राजनीतिक फिजा थोड़ी बदली है और दोनों के बीच कांटे का टक्कर देखने को मिल सकता है।

हाईप्रोफाइल कोटा में विभोर ठोंक रहे ताल

प्रदेश की हाईप्रोफाइल कोटा विधानसभा में पूर्व डीएसपी विभोर सिंह को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है। यहां से रेणु जोगी लगातार चुनाव जीत रही थी, लेकिन अजीत जोगी के अलग पार्टी बनाने के बाद कांग्रेस ने रेणु को टिकट नहीं दिया। विभोर कोटा के स्थानीय है और लंबे समय से सक्रिय है।

इस सीट पर विभोर का मुकाबला जकांछ की रेणु जोगी और भाजपा के काशी साहू से है। रेणु और काशी पिछले चुनाव में भिड़े थे। इस पर त्रिकोणीय मुकाबले में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस की परंपरागत सीट पर जनता पूर्व अफसर विभार को चुनती है, या कद्दावर नेता रेणु जोगी और काशी साहू पसंद बनकर सामने आते हैं।

शिक्षाकर्मी से लेकर शिक्षक भी मैदान में

शिक्षाकर्मी आंदोलन के अगुवा चंद्रदेव राय को कांग्रेस ने बिलाईगढ़, तो शिक्षक टेसू धुरंधर को भाजपा ने बलौदाबाजार से उम्मीदवार बनाया है। बिलाईगढ़ में चंद्रदेव का मुकाबला भाजपा के सनम जांगड़े से है। सनम ने पिछले चुनाव में 12 हजार से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की थी।

वहीं बलौदाबाजार में धुरंधर का मुकाबला वर्तमान विधायक जनकराम वर्मा से है, जिन्होंने पिछला चुनाव दस हजार वोट के अंतर से जीता था। ऐसे में दोनों सीट पर देखना दिलचस्प होगा कि ये शिक्षक क्या करिश्मा दिखाते हैं।

आप का मुख्यमंत्री उम्मीदवार ने छोड़ी राज्य सेवा की नौकरी

आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कोमल हुपेंडी राज्य सेवा की नौकरी छोड़कर चुनाव मैदान में उतरे हैं। हुपेंडी भानुप्रतापपुर विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां कांग्रेस के मनोज मंडावी और भाजपा के देवलाल दुग्गा दम दिखा रहे हैं। मंडावी और दुग्गा की गिनती मंझे हुए नेताओं में होती है। ऐसे में आदिवासी बाहुल भानुप्रतापुर में देखना होगा कि जनता के दरबार में राजतिलक अफसर का होगा है, यां खांटी नेताओं का।

यह अधिकारी पिछले चुनाव में जीते थे

वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में कई असफर और उनकी पत्नी चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंची थी। इसमें विधायक आरके राय, श्यामलाल कंवर, सांवलाराम डाहिरे, अनिला भेड़िया (रिटायर्ड आईजी आरके भेडिया की पत्नी)।

(रिपोर्ट: मृगेंद्र पांडेय)

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