Patepur Election 2020: पातेपुर में 50.89 फीसद मतदान, महागठबंधन से राजग की सीधी टक्‍कर के आसार

Patepur Election News उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र की पातेपुर विधानसभा सीट पर इस बार महागठबंधन से राजग की सीधी भिड़ंत के आसार दिख रहे हैं। राजद की विधायक के जदयू में शामिल होने के बाद इस सुरक्षित सीट पर पूर्व मंत्री मैदान में हैं।

By Bihar News NetworkEdited By: Publish:Sun, 01 Nov 2020 12:56 PM (IST) Updated:Sat, 07 Nov 2020 09:38 PM (IST)
Patepur Election 2020: पातेपुर में 50.89 फीसद मतदान, महागठबंधन से राजग की सीधी टक्‍कर के आसार
एनडीए के प्रत्याशी लखेंद्र कुमार रौशन और राजद के शिवचंद्र राम की तस्‍वीर ।

जेएनएन, हाजीपुर। पातेपुर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए यहां तीसरे चरण में मतदान की प्रक्रिया संपन्‍न कराई गई। निर्वाचन आयोग के मुताबिक यहां 50.89 फीसद मतदान रिकॉर्ड किया गया है।

1952 में यहां से सोशलिस्ट पार्टी के नथुनी लाल ने चुनाव जीता था। पिछले विधानसभा चुनाव में राजद प्रत्‍याशी प्रेमा देवी जीती थीं। उन्‍होंने भाजपा प्रत्‍याशी महेंद्र बैठा को शिकस्‍त दी थी। इस बार पिछले दोनों प्रतिद्वंद्वी मैदान में नहीं हैं। प्रेमा देवी जदयू में शामिल हो चुकी हैं वहीं महेंद्र बैठा का देहावसान हो चुका है। राजग में यह सीट भाजपा के हिस्‍स्‍ो में गई है। यहां से लखेंद्र कुमार रौशन को पार्टी ने उम्‍मीदवार बनाया है। वहीं राजापाकर विधायक शिवचंद्र राम इस बार यहां से राजद के विधायक हैं। यहां से कुल 14 प्रत्‍याशी मैदान में हैं। हालांकि मुकाबला आमने-सामने का होने के आसार हैं।

प्रमुख प्रत्‍याशी

भाजपा - लखेन्द्र कुमार रौशन

राजद - शिवचंद्र राम

बसपा - देवलाल राम

निर्दलीय - संजय रजक

प्रमुख मुद्दे :

 1. उच्च शिक्षा : वैशाली जिले का सबसे बड़ा प्रखंड पातेपुर है। यहां 32 पंचायतें हैं। पातेपुर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र में एक भी सरकारी डिग्री कॉलेज नहीं है। कुछ सरकारी हाईस्कूलों काे अपग्रेड कर इंटर तक की पढ़ाई की व्यवस्था की गई है, लेकिन संसाधनों का अभाव इस मार्ग में बाधक बन रहे हैं।

2. जलजमाव : इलाके में जलजमाव की समस्या काफी विकट है। नून नदी जब उफान पर आती है तो हजारों एकड़ में लगी फसलें डूब जाती हैं। इस बार अच्छी बरसात होने से इस विधानसभा क्षेत्र के कई इलाकों में महीनों ऐसी स्थिति रही। फसलें डूबी रहीं, धान की फसल बर्बाद हुई। चंवरों में पानी भरा है। रबी की बोआई प्रभावित होगी।

3. बरैला झील : बावजूद आज तक बरैला झील को विकसित नहीं किया जा सका। इसमें रोजगार की असीम संभावनाएं छिपी हुई हैं। अक्टूबर-नवंबर के महीने में इस झील क्षेत्र में प्रवासी पक्षी काफी संख्या में आते हैं। यहां विकास के नाम पर वन विभाग साल में कुछ कार्यक्रम करता है । प्रवासी पक्षियों की शिकारमाही होती है।

4. सुक्‍की आम: पातेपुर विधानसभा क्षेत्र का सुक्की गांव आम का मायका कहा जाता है। लेकिन यहां के आम उत्पादक सरकारी स्तर पर मदद नहीं मिलने से मुश्किल में रहते हैं। पुराने पेड़ों के रख-रखाव के लिए नई तकनीक की जानकारी का अभाव उन्हें मुश्किल में डालता है।

5. स्वास्थ्य: पातेपुर में स्वास्थ्य सेवा काफी लचर है। ले-देकर एक पीएचसी है जहां जरूरत के हिसाब से डॉक्टर नहीं हैं। एपीएचसी और स्वास्थ्य केन्द्रों का बुरा हाल है।

वर्ष -       कौन जीता -              कौन हारा

2015 - प्रेमा चौधरी, राजद      महेंद्र बैठा, भाजपा

2010 - महेंद्र बैठा, भाजपा,    - प्रेमा चौधरी राजद

2005 - प्रेमा चौधरी, राजद -    महेंद्र बैठा, लोजपा

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