कोई हाई कर रहे टेंपो, कोई बात काट कह रहें आपन मत हांकी
दूसरे चरण में विधानसभा चुनाव को लेकर मतदान की तिथि नजदीक आती जा रही है। मतदान की तिथि नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक दलों तथा प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। घर-घर जनसंपर्क से लेकर नुक्कड़ सभा और बड़े नेताओं की चुनावी सभा आयोजित करने का सिलसिला तेज हो गया है।
कुचायकोट (गोपालगंज) : दूसरे चरण में विधानसभा चुनाव को लेकर मतदान की तिथि नजदीक आती जा रही है। मतदान की तिथि नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक दलों तथा प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। घर-घर जनसंपर्क से लेकर नुक्कड़ सभा और बड़े नेताओं की चुनावी सभा आयोजित करने का सिलसिला तेज हो गया है। प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ चौक-चौराहों से होते हुए सुदूर गांव में पहुंच रहे हैं। वे अपने पक्ष में मतदान करने की लोगों से अपील कर रहे हैं । प्रत्याशियों का प्रचार अभियान तेज होने के साथ-साथ अब मतदाता भी मुखर हो गए हैं। मतदाता खुलकर अपने प्रत्याशी और दल के पक्ष में अपनी बातें रखने लगे हैं। ऐसी ही एक चुनावी चर्चा गुरुवार को कुचायकोट प्रखंड के बनकटा में चल रही थी। इस चर्चा में शामिल लोग अपनी-अपनी पसंद की पार्टी तथा प्रत्याशी के पक्ष में आपस में बहस कर रहे थे। लोगों के बीच चल रही तीखी बहस से माहौल में गरमी भी थी। चर्चा के बीच ही तल्ख टिप्पणी से एक शख्स का मिजाज उखड़ा गया और उन्होंने कहा, खाली आपन मत हांकी, बिहार के बारे में भी सोचीं। हालांकि, कुछ देर बाद माहौल की गरमी शांत हो गई। चर्चा का दौर चलता रहा। इस चर्चा में शामिल धीरज राय ने कहा कि स्थानीय मुद्दे और समस्याएं अपनी जगह हैं। सबसे ऊपर बिहार का विकास है। सरकारी की नीतियों और नीयत से ही विकास की योजनाएं बनती हैं और उस पर हर जिले तथा क्षेत्र में काम होता है। ऐसे में बिहार के विकास को ध्यान में रख कर किसी का समर्थन तथा विरोध करना होगा। इनकी बात पर सहमति जताते हुए संजय कुमार कहते हैं कि चुनाव में सभी दल और प्रत्याशी विकास करने की बात करते हैं। ऐसे में किसने जब मौका मिला तो क्या किया, इसको परखना होगा। जात पात से ऊपर उठकर अपने क्षेत्र तथा बिहार के विकास को ध्यान में रख कर मतदान करना चाहिए। इनकी बात से असहमित जताते हुए आयुष कुमार ने कहा कि योजनाएं कितनी भी अच्छी हों, अगर उसका लोगों को लाभ नहीं मिले तो किस काम ही योजना है। समस्याएं जस की तस बनी हुई है। नहरों से खेतों की सिचाई नहीं हो पाती है। स्कूल खोल दिए गए लेकिन पढ़ाई नहीं होती है। ये समस्याएं दूर हो, इसको ध्यान में रख कर वोट देने चाहिए। उत्कर्ष राय ने कहा कि पहले से बिहार की स्थिति काफी बदल गई है। घर-घर में बिजली पहुंच गई है। लेकिन, रोजगार के अवसर नहीं बढ़ पाए हैं। चर्चा में शामिल मुकुल कुमार ने अपनी बात रखते हुए कहा कि बिहार आगे बढ़े इसको ध्यान में रख कर किसी का समर्थन या विरोध करना चाहिए।