Ramgarh Election 2020 : भभुआ की रामगढ़ सीट पर जगदानंद के बेटे, भाजपा और बसपा के उम्मीदवार के बीच मुकाबला
Ramgarh Election News 2020 भभुआ जिले की रामगढ़ सीट कभी राजद के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के कब्जे में थी। इस बार जगदानंद के बेटे सुधाकर को इस सीट से टिकट मिला है जो एक बार भाजपा की ओर से भी चुनाव में किस्मत आजमा चुके हैं।
जेएनएन, कैमूर। रामगढ़ विधानसभा सीट बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से एक है। यह कैमूर जिले का हिस्सा है। इस इलाके के लोग बक्सर लोकसभा सीट के लिए सांसद चुनते हैं। 1951 में हुए यहां पहले चुनाव में कांग्रेस के रामचंद्र राय विधायक बने थे। 2015 में यहां बीजेपी के अशोक कुमार सिंह विधायक बने। रामगढ़ गांव मुंडेश्वरी मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर का निर्माण एक ऊंचे पर्वत पर समुद्र तल से लगभग 600 फीट की ऊंचाई पर किया गया है। यहां से कुछ पुरातत्वीय अभिलेख भी प्राप्त हुए थे, जिनका काफी महत्व माना जाता है। यह काफी प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण लगभग 635 ई. में किया गया था।
कड़े मुकाबले के बन रहे आसार
रामगढ़ में वर्ष 2015 में भाजपा और राजद के बीच टक्कर हुई। फैसला भाजपा के पक्ष में गया। इस बार यहां भाजपा, राजद और बसपा तीनों के बीच टक्कर माना जा रहा है। निवर्तमान विधायक अशोक सिंह भाजपा प्रत्याशी हैं। ये काफी दिनों तक जदयू के जिलाध्यक्ष रहे। इसके बाद वर्ष 2015 में भाजपा की सीट पर विजयी हुए। मुकाबले में इस बार महागठबंधन से राजद ने सुधाकर सिंह को मैदान में उतारा है। वे छह बार यहां के विधायक रह चुके और फिलहाल राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र हैं। सुधाकर इससे पहले एक बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। बसपा ने पूर्व विधायक अंबिका सिंह पर भरोसा जताया है। वे वर्ष 2009 के उपचुनाव और 2010 में राजद के टिकट पर विधायक चुने गए थे।
प्रमुख प्रत्याशी
1. अशोक सिंह, भाजपा
2. सुधाकर सिंह, राजद
3. अंबिका सिंह, बसपा
प्रमुख तथ्य
कुल मतदाताओं की संख्या - 2,72,405
पुरुष मतदाता - 1,42,803
महिला मतदाता - 1,29,599
अन्य - तीन
मतदान केंद्रों की संख्या - 416
प्रमुख मुद्दे
1. सात निश्चय योजना - रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के तीनों प्रखंड रामगढ़, दुर्गावती व नुआंव में ग्रामीण सात निश्चय योजना को लेकर काफी नाराज हैं। हर जगह अधूरा कार्य करा कराने से ग्रामीण मायूस हैं।
2. रोजगार - क्षेत्र में युवाओं को रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं हो सकी। लघु उद्योग की स्थापना तक नहीं हुई। दुर्गावती में भले औद्योगिक इकाईयां हैं लेकिन उससे स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं मिल सका। इसके चलते आज भी यहां के लोगों का पलायन जारी है। इसके चलते कई लोगों के सामने रोजी रोटी की भी समस्या है।
3. शिक्षा - रामगढ़ प्रखंड को छोड़ शेष दोनों प्रखंड दुर्गावती व नुआंव में उच्च शिक्षा के साथ तकनीकी शिक्षा का अभाव है। नुआंव व दुर्गावती प्रखंड के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए दूसरे राज्य या जिलों में जाना पड़ता है।
4. सड़क - रामगढ़ विधानसभा के कई गांव ऐसे हैं जहां आज भी सड़क की सुविधा नहीं है। बीते पांच वर्षों में भले ही विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों को सड़क की सुविधा मिली लेकिन आज भी दो दर्जन गांव ऐसे हैं जहां सड़क की सुविधा नहीं है। उन गांवों की सड़कों पर जलजमाव की समस्या गंभीर है। जिससे होकर आना-जाना ग्रामीणों को मुश्किल होता है।
5. खेल - रामगढ़ विधानसभा खेल के मायने में काफी चर्चित है। लेकिन यहां खेल के लिए संसाधन नहीं हैं। यहां दुर्गावती प्रखंड में एक कुश्ती सह व्यायामशाला है, लेकिन उसमें सिर्फ पुरुष पहलवान ही प्रशिक्षण लेते हैं। महिला पहलवानों को प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं है।
वर्ष - कौन जीता - कौन हारा
2015 - अशोक कुमार सिंह,भाजपा - अंबिका सिंह,राजद
2010 - अंबिका सिंह,राजद - अशोक कुमार सिंह, निर्दलीय