बिहार विधानसभा चुनाव 2020 : सहरसा में कांग्रेस के गढ़ में शंकर टेकरीवाल ने लगाई थी सेंध

सहरसा में रमेश झा पांच बार व टेकरीवाल चार बार विधायक रहे। रमेश झा सरकार में मंत्री भी रहे और शिक्षा के क्षेत्र में इनका योगदान भी खास रहा। इनका सरकार में भी खास दबदबा था। लेकिन 1977 के चुनाव में शंकर प्रसाद टेकरीवाल ने पराजित कर दिया दिया।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Sat, 03 Oct 2020 08:34 PM (IST) Updated:Sat, 03 Oct 2020 08:34 PM (IST)
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 : सहरसा में कांग्रेस के गढ़ में शंकर टेकरीवाल ने लगाई थी सेंध
सहरसा से पहली बार महिला बनीं थी विधायक

सहरसा [अमरेंद्र कांत]। वर्ष 1957 में अस्तित्व में आए सहरसा विधानसभा का प्रतिनिधित्व अपने जताने के कई कद्दावर नेता कर चुके हैं। यहां से रमेश झा, शंकर प्रसाद टेकरीवाल समेत कई ऐसी हस्तियों ने जीत दर्ज की थी जिनकी धमक सूबे के राजनीति में रहती थी।

पहली बार महिला बनीं थी विधायक

वर्ष 1957 की बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र के पहले चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी विश्वेसरी देवी ने जीत दर्ज की थी। इन्होंने रमेश झा को पराजित किया था। शुरू से ही इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा लेकिन वर्ष 1977 के चुनाव में शंकर प्रसाद टेकरीवाल से कांग्रेस मात खा गई। लेकिन 1980 के चुनाव में कांग्रेस फिर से इस सीट पर काबिज हुई। लेकिन वर्ष 1990 में जनता दल के शंकर प्रसाद टेकरीवाल ने कांग्रेस को पटखनी दे दी थी। उसके बाद से कांग्रेस कभी यहां कब्जा नहीं जमा सकी। हालांकि अब तो गठबंधन के तहत यह सीट भी कांग्रेस के खाते में नहीं है।

रमेश झा पांच बार व टेकरीवाल चार बार रहे विधायक

यहां से सबसे अधिक बार रमेश झा विधायक रहे हैं। ये सरकार में मंत्री भी रहे और शिक्षा के क्षेत्र में इनका योगदान भी खास रहा। इनका सरकार में भी खास दबदबा था। ये वर्ष 1962, 1967, 1972 में विधायक बने लेकिन 1977 के चुनाव में यहां कांग्रेस के रमेश झा को शंकर प्रसाद टेकरीवाल ने पराजित कर दिया दिया। उसके बाद 1985 में कांग्रेस से ही सतीश झा जीते थे। लेकिन 1990 में शंकर प्रसाद टेकरीवाल जनता दल के टिकट पर चुने गये और लगातार 2000 तक तीन बार चुनाव जीतते रहे। ये सरकार में मंत्री भी रहे और इनकी गिनती सूबे के कद्दावर नेताओं में की जाती थी। ङ्क्षकतु वर्ष 2005 में भाजपा के टिकट पर संजीव कुमार झा मैदान में उतरे और शंकर प्रसाद टेकरीवाल को हरा दिया। लेकिन 2005 में विधानसभा का गठन नहीं होने की वजह से अक्टूबर 2005 में ही चुनाव हुआ और संजीव कुमार झा ने राजद के कद्दावर नेता अब्दुल गफूर को पराजित कर दिया। वर्ष 2010 के चुनाव में भाजपा ने संजीव कुमार झा का टिकट काट दिया और भाजपा के टिकट पर आलोक रंजन मैदान में उतरे और जीत दर्ज की। लेकिन फिर 2015 के चुनाव में राजद के अरुण कुमार ने जीत हासिल किया। इसबार के चुनाव में क्या होगा यह तो वक्त ही बताएगा परंतु चुनाव की बिसात बिछ चुकी है।

सहरसा विधानसभा से ये बने विधायक

1957: विश्वेसरी देवी

1962: रमेश झा

1967: रमेश झा

1972: रमेश झा

1977: शंकर प्रसाद टेकरीवाल

1980: रमेश झा

1985: सतीश झा

1990: शंकर प्रसाद टेकरीवाल

1995: शंकर प्रसाद टेकरीवाल

2000: शंकर प्रसाद टेकरीवाल

2005 (फरवरी) : संजीव कुमार झा

2005 (अक्टूबर): संजीव कुमार झा

2010: आलोक रंजन

2015: अरुण कुमार

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