अमेरिका और रूस तक को पता है 'नेताजी' के साथ क्या-क्‍या हुआ ?

नेताजी के साथ क्या हुआ, यह भारत के साथ ही चीन, रूस, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस एवं जर्मनी सहित कई देशों को पता है।

By JP YadavEdited By: Publish:Mon, 14 Sep 2015 01:12 PM (IST) Updated:Mon, 14 Sep 2015 03:38 PM (IST)
अमेरिका और रूस तक को पता है 'नेताजी' के साथ क्या-क्‍या हुआ ?

गुड़गांव [आदित्य राज]। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत के बारे में सच्चाई सामने आने पर पुरी दुनिया में हड़कंप मचेगा। उनके साथ क्या हुआ था? किस स्तर पर साजिश रची गई थी? इस बारे में भारत सहित दुनिया के कई देशों को पता है। दुखद यह है कि आम हिंदुस्तानी को ही अपने इस नायक के बारे में जानकारी नहीं है।

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आजादी के महानायक में से एक रहे नेताजी सुभाषचंद्र बोस के गनर की भूमिका निभाने वाले वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी जगराम ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में यह खुलासा किया है।

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उन्होंने कहा कि नेताजी के साथ क्या हुआ, यह भारत के साथ ही चीन, रूस, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस एवं जर्मनी सहित कई देशों को पता है।

बोस की गई जान तो कर्नल हबीबुर्रहमान जिंदा कैसे?

अपने ही देश के एक बड़े नेता के इशारे पर नेताजी की रूस में हत्या की गई थी। उन्हें रूस में कैद किया गया था। पूरी दुनिया में यह प्रचारित किया गया था कि विमान दुर्घटना में उनकी मौत हो गई। यदि विमान दुर्घटना में उनकी मौत होती फिर कर्नल हबीबुर्रहमान जिंदा कैसे बचते? कर्नल उनके साथ थे।

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आजादी के इतने वर्षो बांद आज तक किसी ने नेताजी के बारे में बोलने की हिम्मत नहीं की। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह हिम्मत दिखाने का फैसला किया। इससे बड़ी खुशी की बात नेताजी के परिजनों के लिए ही नहीं, बल्कि एक-एक भारतीय के लिए कुछ भी नहीं हो सकती।

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चीन से भारत आया था संदेश

आजादी के कुछ समय बाद ही चीन में भारतीय दूतावास में तैनात एक ब्रिगेडियर को एक संदेश वाहक ने सूचना दी थी कि नेताजी जीवित हैं। भावुक ब्रिगेडियर ने इस बात की सूचना सीधे नई दिल्ली को दे दी। इसके बाद ब्रिगेडियर को दिल्ली वापस आने का फरमान जारी किया गया। उस समय चीन में भारतीय राजदूत पाणिकर थे। उन्हें भी नेताजी के बारे में सबकुछ पता था।

नेताजी से बातचीत का मौका मिला

गनर रहने के बावजूद भी नेताजी से बातचीत करने का मौका बहुत ही कम मिला। वह हर वक्त प्लानिंग में लगे रहते थे। जब उनसे बातचीत करने का मौका मिला तो उन्होंने एक ही बात कही : ‘हम सभी को देश से कुछ लेना नहीं है बल्कि देना है’। आज भी उनका एक-एक शब्द ध्यान में है।

ममता बनर्जी साहसी महिला

स्वतंत्रता सेनानी जगराम ने कहा कि ममता बनर्जी साहसी महिला हैं। उम्मीद है कि वह नेताजी के बारे में एक-एक सच्चाई सामने रखेंगी।

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